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April 5, 2025
समकालीन जनमत

Category : कहानी

कहानीसाहित्य-संस्कृति

लाल्टू की चार कहानियों का पाठ

समकालीन जनमत
(समकालीन जनमत  द्वारा चलाई जा रही फ़ेसबुक लाइव श्रंखला के तहत 12 मई 2020 की शाम हिंदी रचनाकार लाल्टू ने अपनी चार कहानियों  ‘काश कि...
कहानी

एक कहानी : पाठ और प्रक्रिया

दुर्गा सिंह
अभी कुछ दिन पहले दिल्ली में एक मामला आया, जिसमें भारत के उत्तर-पूर्व की एक छात्रा ने कहा; कि उसे ‘कोरोना’ कहा गया। यह मानवीय...
कहानीस्मृति

महाश्वेता देवी की स्मृति में

समकालीन जनमत
मीता दास महाश्वेता देवी (जन्म 14 जनवरी 1926, ढाका, बंगलादेश, मृत्यु: 28 जुलाई 2016, कोलकाता) की स्मृति में मीता दास द्वारा लिखा गया लेख और महाश्वेता...
कहानीसाहित्य-संस्कृति

फ़रज़ाना महदी और शालिनी सिंह का कहानी पाठ तथा परिचर्चा

  उषा राय     लखनऊ. प्रगतिशील लेखक संघ की ओर  से  24  अक्टूबर 2019 को 22  कैसरबाग़ इप्टा के दफ्तर में शाम 4 : 30 ...
कहानी

उत्पीड़न के विरुद्ध उम्मीदों की ‘सुलगन’

समकालीन जनमत
आलोक रंजन कैलाश वानखेड़े की किताब ; सुलगन ! नौ कहानियों वाले इस संग्रह में इस नाम की कोई कहानी नहीं है लेकिन ‘सुलगन’ हर...
कहानी

साम्प्रदायिक राजनीति के ख़तरनाक खेल को बेनक़ाब करती है कहानी ‘गौसेवक’

डॉ रामायन राम
28 अगस्त 2019 को सुप्रसिद्ध कथाकार अनिल यादव को उनकी ‘हंस’ में प्रकाशित कहानी ‘गौसेवक’ के लिए वर्ष 2019 के हंस कथा सम्मान से नवाजा...
कहानीशख्सियतसाहित्य-संस्कृति

प्रेमचंद का स्त्रीधर्म

समकालीन जनमत
आशीष मिश्र भारतीय नवजागरण और राष्ट्रीय आन्दोलन को स्त्री-अस्मिता की जमीन से देखते हुए पार्थ चटर्जी प्रभृत चिंतकों ने राष्ट्रीय आन्दोलन और स्त्रीवादी संघर्ष में...
कहानीशख्सियतसाहित्य-संस्कृति

‘प्रेमचंद : घर में’ से एक प्रसंग-शिवरानी देवी प्रेमचंद

समकालीन जनमत
(‘प्रेमचंद : घर में’ प्रेमचंद के निधन के बाद उनकी पत्नी शिवरानी देवी द्वारा संस्मरणों की एक शृंखला के रूप में लिखी गई पुस्तक है।...
कहानीशख्सियतसाहित्य-संस्कृति

कफ़न: एक बहुस्तरीय कहानी

समकालीन जनमत
प्रो. सदानंद शाही कफ़न प्रेमचन्द की ही नहीं हिन्दी की सर्वश्रेष्ठ कहानियों में एक है। कफ़न एक बहुस्तरीय कहानी है, जिसमें घीसू और माधव की बेबसी, अमानवीयता और निकम्मेपन...
कहानीशख्सियतसाहित्य-संस्कृति

प्रेमचंद की याद: संजय जोशी

संजय जोशी
हिंदी भाषा के सबसे बड़े रचनाकार के रूप में आज भी प्रेमचंद की ही मान्यता है. हिंदी गद्य को आधुनिक रूप देकर उसे आम जन...
कहानी

अनकहा आख्यान: जया जादवानी

समकालीन जनमत
डॉ. हर्षबाला शर्मा कहानी और कविता के भीतर बहते इन्तज़ार की नदी कहानी पढ़ते हुए अगर कविता भीतर जन्म लेने लगे और आप उसमें बहते...
कहानीशख्सियतसाहित्य-संस्कृति

आखिरी दौर की डायरी और एक कहानी -मधुकर सिंह

(मधुकर जी ने अपने आखिरी दिनों में अपनी डायरी में राजनीति, खेल, फिल्म आदि पर कुछ टिप्पणियां और साहित्य-संस्कृति से जुड़ी यादों के साथ-साथ कुछ...
कहानी

एक राजा था जो सीताफल से डरता था: प्रवीण कुमार

समकालीन जनमत
योगेंद्र आहूजा हिंदी कहानी के लिये पिछले तीन दशक रोमांचक रहे हैं । इस दौरान कहानी की दुनिया में ऐसी खलबली, उत्तेजना और बेचैनी देखी...
कहानीसाहित्य-संस्कृति

प्रख्यात लेखिका मधु कांकरिया को प्रेम चन्द सम्मान

समकालीन जनमत
बांदा. प्रख्यात उपन्यासकार एवं कथाकार मधु कांकरिया को आज एक समारोह में मुंशी प्रेमचन्द्र स्मृति कथा सम्मान से सम्मानित किया गया । यहां हारपर क्लब...
कहानीसाहित्य-संस्कृति

रज्जब अली कहानी संग्रह पर परिचर्चा संपन्न

राम नरेश राम
कलाकार को चाहिए कि वह ज्यादा से ज्यादा पहुँचने वाले मुहावरे में अपनी बात कहे- संजीव कुमार पिछली 3 मार्च को जसम दिल्ली इकाई की...
कहानीशख्सियत

मैं सोसाइटी की चोली क्या उतारूँगा जो है ही नंगी

विष्णु प्रभाकर
(उर्दू के चर्चित कहानीकार सआदत हसन मंटो की आज पुण्यतिथि है । प्रस्तुत है उन पाँच कहानियों के बारे में जिन पर अश्लीलता के आरोप...
कहानी

अपने समकालीन कहानीकारों के बीच शेखर जोशी की कहानियाँ

समकालीन जनमत
नई कहानी के दौर के कहानीकारों ने मनुष्य-जीवन के विविध पहलुओं को वहीं से पकड़ा जहाँ प्रेमचन्द ने उसे छोड़ा था। शिल्पगत नवीनता और प्रामाणिक...
कहानी

प्रभा दीक्षित के नवगीतों में नारी मन के साथ आमजन भी – कमल किशोर श्रमिक

‘ गौरैया धूप की ’ का हुआ लोकार्पण  कानपुर। जन संस्कृति मंच, कानपुर के तत्वावधान में सुप्रसिद्ध कवयित्री डॉ प्रभा दीक्षित के नवगीत संग्रह ‘गौरैया...
कहानी

शरतचंद्र का कथा-साहित्य

प्रियम अंकित
एक कथाशिल्पी के रूप में शरतचंद्र जहां तक और जिस हद तक भावप्रवण हैं, वहां तक उनका साहित्य आज भी श्रेष्ठ बना हुआ है| लेकिन...
कहानीसाहित्य-संस्कृति

अशोक भौमिक के ‘जीवनपुर हाट जंक्शन’ में अंतर्बाह्य के बीच कोई दीवार नहीं-योगेंद्र आहूजा

समकालीन जनमत
योगेंद्र आहूजा संजय  जी का आदेश  था कि मैं अशोक जी की कहानियों पर एक आधार वक्तव्य या आधार आलेख तैयार  करूं । लेकिन यह...
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