समकालीन जनमत

Category : ज़ेर-ए-बहस

जनमतज़ेर-ए-बहसस्मृति

प्रेमचंद साहित्य में दलित विमर्श: प्रो. चमनलाल

समकालीन जनमत
प्रो. चमनलाल प्रेमचंद के दलित विमर्श को लेकर हिन्दी लेखकों में काफी विवाद है। प्रेमचंद के जीवनकाल के दौरान भी उनके साहित्य को लेकर विवाद...
ज़ेर-ए-बहस

अत्यंत कम जानकारी वाले समाज में स्मार्टफोन क्रांति

21वीं सदी में मनुष्यों का मानसिक संहार बड़े पैमाने पर हुआ है. इस सदी में टेक्नोलॉजी ने व्यापक रूप से मनुष्यों के जीवन पर प्रभाव...
ज़ेर-ए-बहसव्यंग्य

वाह-वाह,वाह जी वाह,हमने सरकार क्या चुनी,चमत्कार चुने हैं

समकालीन जनमत
इन्द्रेश मैखुरी वाह-वाह,वाह जी वाह,हमने सरकार क्या चुनी,चमत्कार चुने हैं. पहले लोग कहते थे कि सरकार के पास कोई जादू की छड़ी थोड़े है,जो पल...
ज़ेर-ए-बहस

टिक-टॉक के भ्रमजाल में फंसते युवा

वर्तमान में भारत सबसे युवा देश है. देश के युवाओं की तेजी से डिजिटल वर्ल्ड में शिफ्टिंग हो रही है.  कुछ सालों पहले तक 300-400...
ज़ेर-ए-बहस

हिमा दास: हम जो नहीं देखते हैं

समकालीन जनमत
नित्यानंद गायेन हिमा दास ने इतिहास रचा, 5 दिनों में हिमा दास ने जीता चौथा गोल्ड मेडल. यह वाक्य मेरा नहीं है. अख़बार की हेडलाइन...
ज़ेर-ए-बहस

हम देश को कौन सी कहानी सुनायें साथी!

अंशु मालवीय 2019 के आम चुनावों के नतीजों ने हमे जो दिखाया है उसकी तमाम वजहें विश्लेषकों और विद्वानों ने गिनाई है, उनमें ज़्यादातर वजहें...
जनमतज़ेर-ए-बहस

तबरेज़ अंसारी, जय श्रीराम और नफ़रत-जनित हत्याएँ

राम पुनियानी
संयुक्त राष्ट्रसंघ मानवाधिकार परिषद् की 17वीं बैठक में, भारत में मुसलमानों और दलितों के विरुद्ध नफरत-जनित अपराधों और मॉब लिंचिंग का मुद्दा उठाया गया। यद्यपि प्रधानमंत्री मोदी...
ज़ेर-ए-बहस

टेक्नोलॉजी का समग्र इस्तेमाल कर दिमाग की लड़ाई को सड़क की लड़ाई से जोड़ने की आवश्यकता

भारत की हिंदूवादी सांप्रदायिक सरकार ने देश को बेचने की तैयारी शुरू कर दी है. कश्मीर के वाशिंदों को नफरत की लड़ाई के मुहाने पर...
ज़ेर-ए-बहस

बजट 2019-20 : निजीकरण, महंगाई, बेरोजगारी, असमानता व निराशा बढाने वाला

महंगाई को बढ़ाने वाला बजट में पहले से महंगे पेट्रोल-डीजल पर 1 रुपया प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी और 1 रुपया प्रति लीटर सेस बढया गया...
ज़ेर-ए-बहस

पंचायत राज संशोधन विधेयक : बिना चर्चा के पास खामियों से भरा विधेयक

उत्तराखंड की विधानसभा में 26 जून को भाजपा सरकार द्वारा उत्तराखंड पंचायत राज संशोधन अधिनियम,2019 पेश किया गया. इस विधेयक के पेश किए जाने से...
ज़ेर-ए-बहस

धर्मनिरपेक्षता, प्रजातान्त्रिक समाज और अल्पसंख्यक अधिकार

राम पुनियानी
हम एक ऐसे दौर से गुजर रहे हैं जब सामाजिक मानकों और संवैधानिक मूल्यों का बार-बार और लगातार उल्लंघन हो रहा है. पिछले कुछ वर्षों...
ज़ेर-ए-बहस

क्या मोदी ‘सबका विश्वास’ जीत सकते हैं? क्या उन्होंने ‘सबको साथ’ लिया है, ‘सबका विकास’ किया है?

राम पुनियानी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सन 2014 के आम चुनाव में अपनी जीत के बाद, ‘सबका साथ, सबका विकास’ का नारा दिया था. अब उन्होंने इस...
ज़ेर-ए-बहस

वन कानून 1927 में प्रस्तावित संशोधन : जनता के कानूनी व संवैधानिक अधिकारों के खात्मे का दस्तावेज

मार्च 2019 में जब पूरे देश का ध्यान आगामी लोकसभा चुनावों पर लगा था, मोदी सरकार ने चुपके से सभी राज्य सरकारों को भारतीय वन...
ज़ेर-ए-बहस

क्या नरेन्द्र मोदी देश के डिवाईडर इन चीफ़ हैं?

राम पुनियानी
टाइम दुनिया की सबसे प्रभावशाली पत्रिकाओं में से एक है. इस पत्रिका ने अपने ताजे अंक (मई, 2019) के मुखपृष्ठ पर मोदी के पोर्ट्रेट को...
ज़ेर-ए-बहस

बीजेपी के लिए वोट गोडसे के लिए वोट है

कविता कृष्णन
  आइए मोदी को याद दिलाएं –: 1947 में उनके नायक गोलवलकर ने कहा था कि यदि आरएसएस को मजबूर किया गया तो वह भारत...
ज़ेर-ए-बहस

ज़िम्मेदारी लेने के बजाय दिल्ली की यौन उत्पीड़न और हत्या की घटना का साम्प्रदायिकरण

कविता कृष्णन
पश्चिमी दिल्ली के बसाईदादरपुर गाँव में 11 मई की रात को ध्रुवराज त्यागी अपनी 26 वर्षीय बेटी का माइग्रेन का इलाज कराकर अस्पताल से लौट रहे थे. अपने घर वाली गली में ही उनकी बेटी के साथ कुछ स्थानीय लड़कों ने सड़क पर यौन उत्पीड़न किया. बेटी को घर पर छोड़ कर ध्रुव त्यागी उन युवकों के माता-पिता से मिलने गए। उनको लगा कि ऐसा करके वे उन लड़कों को अपनी ग़लती का अहसास दिला पाएँगे, पर इन लंपटों ने अपने परिवार वालों के साथ मिलकर ध्रुव त्यागी और उनके बेटे पर चाक़ू और पत्थरों से वार किए और इस हमले में त्यागी की हत्या हुई और उनके बेटे घायल हुए. पुलिस ने इस हत्या के लिए मुख्य आरोपी शमशेर आलम, उनके दो भाई और उनके पिता जहांगीर खान को गिरफ़्तार किया है. हमले के दौरान आस पास के लोग मूक दर्शक...
जनमतज़ेर-ए-बहस

क्या आपने यह ख़बर पढ़ी है?

समकालीन जनमत
 एल. एस. हरदेनिया जब संपूर्ण देश में लोकतंत्र का यज्ञ चल रहा था उस दरम्यान हमने दो महत्वपूर्ण आहुतियां दीं। एक आहुति दी गई देश के चौकीदार...
ज़ेर-ए-बहस

प्रज्ञा ठाकुर चुनाव में : भविष्य का संकेत

राम पुनियानी
राम पुनियानी सन 2019 के आम चुनाव में शासक दल भाजपा द्वारा निहायत संकीर्ण और सांप्रदायिक मुद्दे उछाले जा रहे हैं. नागरिकता विधेयक, कब्रिस्तान, वंदेमातरम्,...
ज़ेर-ए-बहस

तेज बहादुर का समर्थन क्‍यों ?

अवधेश त्रिपाठी
बनारस में प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ पहले ही मैदान में उतर चुके बीएसएफ से बर्खास्त तेज बहादुर यादव को कल गठबंधन ने अपना प्रत्‍याशी बना...
ज़ेर-ए-बहस

क्या चुनाव आयोग ने ‘आचार संहिता’ सिर्फ विपक्ष के लिए लगाया है ?

सुशील मानव
चुनाव आयोग द्वारा लोकसभा चुनाव की तारीखें घोषित करने के साथ ही चुनावी आचार संहिता भी लग गई है। सवाल उठता है कि ये आचार...
Fearlessly expressing peoples opinion