समकालीन जनमत

Category : जनमत

जनमत

आरएसएस प्रजातांत्रिक-धर्मनिरपेक्ष भारत के लिए सब से घातक आतंरिक खतरा

समकालीन जनमत
शम्सुल इस्लाम इतिहास इस सच्चाई का गवाह है कि अनेकों बार देश और उनके राजनैतिक निज़ाम बाहरी दुश्मनों के काराण नहीं, बल्कि आतंरिक तत्वों, जो...
जनमत

भारतीय संवैधानिक अदालतें और धर्मनिरपेक्षता (भाग-2)

समकालीन जनमत
इरफ़ान इंजीनियर (पिछले अंक से जारी)   पिछले अंक में हमने यह चर्चा की कि किस प्रकार, संविधान का अनुच्छेद 26 जहां विभिन्न धार्मिक समुदायों...
कविताजनमत

स्त्री की खुली दुनिया का वृत्त हमारे समक्ष प्रस्तुत करतीं कविताएँ

उमा राग
अच्युतानंद मिश्र निर्मला गर्ग की कविताओं में मौजूद सहजता ध्यान आकृष्ट करती है. सहजता से यहाँ तात्पर्य सरलीकरण नहीं है, बल्कि सहजता का अर्थ है...
जनमत

कहानी दो फैसलों की : आसिया बीबी और सबरीमाला

राम पुनियानी
आज दोनों पड़ोसी देशों में कई मामलों मे एक-से हालात हैं। कुछ दशक पहले तक भारत का चरित्र अपेक्षाकृत लोकतांत्रिक, उदार एवं धर्मनिरपेक्ष था किंतु...
जनमत

एक तरफ ‘ स्वच्छ भारत ‘ का ढोंग दूसरी तरफ हर 3 दिन में एक सफाईकर्मी की मौत

उर्मिला चौहान पूरे देश मे सफाई कर्मचारियों की हालत दिन पर दिन और खराब होती जा रही है। विडम्बना तो ये है कि 2014 में...
कविताजनमत

घर की सांकल खोलता हुआ कवि हरपाल

उमा राग
बजरंग बिहारी   कविता जीवन का सृजनात्मक पुनर्कथन है। इस सृजन में यथार्थ, कल्पना, आकांक्षा, आशंका और संघर्ष के तत्व शामिल रहते हैं। रचनाकार अपनी प्रवृत्ति,...
जनमतज़ेर-ए-बहस

नोटबंदी से काले धन पर प्रहार भी एक जुमला ही था

इन्द्रेश मैखुरी
  दो वर्ष पूर्व आज ही के दिन यानि 8 नवंबर को रात 8 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नोटबंदी की घोषणा की गयी थी....
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विकास, विस्थापन और साहित्य (संदर्भ झारखंड)

रामजी राय
आज इस बात में किसी को कोई संदेह नहीं रह गया है कि ग्लोबल पूंजीवाद के लाभ-लोभ के चलते दुनिया में गरीबी और पर्यावरण का...
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1984 के सिख क़त्ले-आम के मुजरिमों की तलाश का 34 साल लम्बा पाखंड !

शम्सुल इस्लाम
1984 के सिखों के क़त्लेआम के मामले में आरएसएस/भाजपा अपने आप को कांग्रेस से भिन्न साबित करने के लिए चाहे जो भी दावे करे लेकिन...
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विश्वविद्यालयों में काँचा इलैया की किताबों से कौन डरता है ?

लक्ष्मण यादव विश्वविद्यालय एक लोकतान्त्रिक मुल्क में अपने समय-समाज के अंतर्विरोधों से संवाद करते हुए तार्किक-वैज्ञानिक विवेक सम्पन्न बोध से लैस नागरिक तैयार करते हैं।...
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स्टैच्यू ऑफ यूनिटी नहीं, यह स्टैच्यू ऑफ डिस्प्लेसमेंट है

शशांक मुकुट शेखर सरकार हजारों आदिवासियों की मृत्यु का जश्न मनाने की तैयारियों में तल्लीन है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 31 अक्टूबर को सरदार पटेल की...
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‘ मोदी सरकार ने हर मोर्चे पर किसानों और देश की जनता से धोखा किया है ’

समकालीन जनमत
  सोनीपत (हरियाणा).  अखिल भारतीय किसान महासभा की राष्ट्रीय परिषद की दो दिवसीय बैठक आज हरियाणा के सोनीपत स्थित सर छोटूराम धर्मशाला में शुरू हुई।...
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दलित-बहुजन बौद्धिकता के विमर्श का दमन है प्रो. कांचा इलैया की पुस्तकों को पाठ्यक्रम से हटाना

समकालीन जनमत
नई दिल्ली. जन संस्कृति मंच ने दिल्ली विश्वविद्यालय की स्टैंडिंग कमिटी द्वारा प्रो. कांचा इलैया की पुस्तकों को एम.ए राजनीति विज्ञान के पाठ्यक्रम से हटाए...
कविताजनमत

प्रेम के बहाने एक अलग तरह का सामाजिक विमर्श रचती पल्लवी त्रिवेदी की कविताएँ

उमा राग
निरंजन श्रोत्रिय युवा कवयित्री पल्लवी त्रिवेदी की कविताओं को महज़ ‘प्रेम कविताएँ’ या रागात्मकता की कविताएँ कहने में मुझे ऐतराज़ है। पल्लवी की विलक्षण काव्य-प्रतिभा...
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रफ़ाल विमानों की ख़रीद में घोटाले के ख़िलाफ़ वामपंथी दलों ने आयोजित की जन सुनवाई

समकालीन जनमत
श्वेता राज   सभी वामपंथी पार्टियों को तरफ से आज मावलंकर हॉल में रफ़ाल घोटाले पर जन सुनवाई हुई। इस कार्यक्रम में दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों...
कविताजनमत

नित्यानंद गायेन की कविताओं में प्रेम अपनी सच्ची ज़िद के साथ अभिव्यक्त होता है

उमा राग
कुमार मुकुल   नित्यानंद जब मिलते हैं तो लगातार बोलते हैं, तब मुझे अपने पुराने दिन याद आते हैं। कवियों की बातें , ‘कांट का...
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बुलेट ट्रेन के लिए भूमि अधिग्रहण से प्रभावित किसानों, आदिवासियों के साथ आये कई दल

समकालीन जनमत
दिल्ली के कंसिट्यूशन क्लब हाल में 15 अक्टूबर 2018 को " भारत में बुलेट ट्रेन - किसकी कीमत पर " विषय को केंद्र कर एक...
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पुरुष सत्तात्मक व्यवस्था को चुनौती दे रहा है #MeToo आंदोलन

समकालीन जनमत
यह आंदोलन इस यथास्थिति को तोड़ता है. कुछ स्त्रियां इस संकल्प के साथ आ खड़ी हुई हैं कि हम चुपचाप स्वीकार नहीं करेंगे ,कहेंगे हां...
ग्राउन्ड रिपोर्टजनमतशख्सियतस्मृति

निराला की कविताएँ अपने समय के अंधेरे को पहचानने में हमारी मदद करती हैं: प्रो. विजय बहादुर सिंह

उमा राग
विवेक निराला    निराला की 57 वीं पुण्यतिथि पर आयोजित ‘छायावाद और निराला :कुछ पुनर्विचार’ विषय पर ‘निराला के निमित्त’ की ओर से आयोजित गोष्ठी...
कविताजनमत

अपने समय की आहट को कविता में व्यक्त करता कवि विवेक निराला

उमा राग
युवा कवि विवेक निराला की इन कविताओं को पढ़ कर लगता है मानो कविता उनके लिए एक संस्कार की तरह है-एकदम नैसर्गिक और स्वस्फूर्त! इन...
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