समकालीन जनमत

Author : दुर्गा सिंह

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(लेखक दुर्गा सिंह आलोचक और संस्कृतिकर्मी हैं)
कहानीसाहित्य-संस्कृति

श्यामा: औपनिवेशिक भूमि-व्यवस्था, वर्णवाद के बीच अंतरजातीय प्रेम की कहानी

दुर्गा सिंह
निराला की कहानी ‘श्यामा’, हिंदी की एक महत्वपूर्ण कहानी है। यह कहानी  एक ब्राह्मण  लड़के और लोध जाति की लड़की के प्रेम की कहानी है।...
शख्सियत

मुक्तिबोध की अख़बारनवीसी

दुर्गा सिंह
हिन्दी साहित्य में आधुनिक और प्रगतिशील चेतना के साथ सर्जना करने वालों में गजानन माधव मुक्तिबोध का नाम सबसे प्रमुख है। कविता, कहानी, आलोचना तथा...
कहानी

जाति-वर्ण का प्रश्न और चतुरी चमार 

दुर्गा सिंह
बतौर नैरेटर/नायक निराला अपनी कहानियों में सकर्मक भूमिका में रहते हैं। सामाजिक परिवर्तन का विचार उनकी कहानियों में स्वाधीनता संघर्ष के विचार के साथ मिलकर...
जनमतपुस्तकसाहित्य-संस्कृति

सेवासदनः नवजागरण, हिन्दी समाज और स्त्री

दुर्गा सिंह
हिन्दी भाषा में  प्रेमचंद ने पहला उपन्यास ‘सेवासदन’ लिखा। उर्दू भाषा में यह ‘बाज़ारे हुश्न’ नाम से लिखा गया था। हिन्दी में ‘सेवासदन’ नाम से...
जनमतसाहित्य-संस्कृति

निराला की कहानियाँ: राष्ट्र-निर्माण, शिक्षा और संस्कृति

निराला ऐसे रचनाकार हैं, जिन्हें भारतीय प्रबोधन  या नवजागरण के तत्वों से अलग करके नहीं देखा जा सकता है। यह प्रबोधन वैयक्तिक स्वतंत्रता की चेतना...
पुस्तक

चोटी की पकड़ः देशी सत्ता-संस्कृति, औपनिवेशिक नीति और स्वदेशी आन्दोलन की अनूठी कथा

दुर्गा सिंह
चोटी की पकड़ निराला का महत्वपूर्ण उपन्यास है। यह उपन्यास 1946 ईस्वी में किताब महल, इलाहाबाद से प्रकाशित हुआ था। हालांकि इसे लिखकर पूरा करने...
सिनेमा

क्रिमिनल जस्टिसः बिहाइंड क्लोज़्ड डोर्स- वैवाहिक रिश्ते में अपराध की कथा

दुर्गा सिंह
क्रिमिनल जस्टिसः बिहाइंड क्लोज़्ड डोर्स, डिज़्नी प्लस हॉटस्टार पर प्रसारित हुई  वेब श्रृंखला है। यह पूर्व में प्रसारित क्रिमिनल जस्टिस का सीक्वेल है। इसमें एक...
सिनेमा

पाताललोकः सत्ता के षड्यंत्रकारी चरित्र को लक्षित करती वेब श्रृंखला

दुर्गा सिंह
‘पाताललोक‘ अमेज़न प्राइम वीडियो पर आयी वेब श्रृंखला है। पिछले वर्ष मई में प्रसारित हुई यह श्रृंखला अपराध की छिपी हुई दुनिया और उसकी हकीकत...
जनमतपुस्तकसाहित्य-संस्कृति

कुल्ली भाट: निराला की रचना-धर्मिता और व्यक्तित्व में एक मोड़

दुर्गा सिंह
कुल्ली भाट, निराला की ऐसी रचना है, जो खुद उनके लेखन में भू-चिन्ह  की तरह है। इसका रचनाकाल 1937-38 ईसवी का है। पुुुस्तिका के रूप...
साहित्य-संस्कृति

जाति के झूठे वर्णवादी आधारों का प्रत्याख्यान है बिल्लेसुर बकरिहा

दुर्गा सिंह
बिल्लेसुर बकरिहा, निराला की चर्चित रचना है। विधा के बतौर इसे रेखाचित्र के रूप में भी रखा जा सकता है, लेकिन है यह एक उपन्यासिका...
सिनेमा

संगीत के बहाने युवा मुक्ति की तलाश है बन्दिश बैण्डिट्स

दुर्गा सिंह
बंदिश बैंडिट्स वेब श्रृंंखला अमेज़न प्राइम वीडियो पर प्रसारित हुई है। इसके पहले सीजन में  दस कड़ियां हैं। हिंदी में आयी संभवतः यह पहली वेब...
ज़ेर-ए-बहस

रसभरीः स्त्री-देह सम्बन्धी सोच को सामने लाती वेब सीरीज़

दुर्गा सिंह
हमारे हिंदी समाज का ‘नाॅर्मल’ ‘एब्नार्मल’ से बना है। इसलिए, जब कभी मनुष्यगत मूलभूत और सामान्य बात-व्यवहार, कला रचना या किसी ऐसी चीज से हमारा...
पुस्तक

बल्ली के यहां उम्मीद का एक बच्चा है, जो सारी तानाशाहियों और पूंजी के फैलाये अंधेरे के ऊपर बैठा है

दुर्गा सिंह
हिंदी ग़ज़ल में बल्ली सिंह चीमा एक लोकप्रिय नाम हैं। यह उनका पांचवां ग़ज़ल संग्रह है। इसकी भूमिका हमारे दौर के महत्वपूर्ण आलोचक प्रणय कृष्ण...
ख़बर

दलित विरोधी हिंसा के खिलाफ माले का धरना-प्रदर्शन

दुर्गा सिंह
दलित विरोधी हिंसा के खिलाफ माले का धरना प्रदर्शन आज़मगढ़ 17 जून 2020,  दलितों पर हो रहे हिंसक हमलों एवं कानूनी कार्रवाईयों में पुलिस प्रशासन...
पुस्तक

हिन्दी समाज के स्वास्थ्य का पैरामीटर है हेमंत कुमार का कहानी संग्रह

दुर्गा सिंह
रज्जब अली, हेमंत कुमार का पहला कहानी संग्रह है। इसमें कुल छः कहानियां हैं। इन सभी कहानियों की खासियत यह है, कि इसमें व्यवस्थागत प्रश्न...
कहानी

एक कहानी-‘आली’

दुर्गा सिंह
आली धान की फसल लदरी हुई फैली थी। पीली धरती, पीली धूप। शाम के वक्त इस क्षेत्र का दृश्य देखने लायक होता है। ताल का...
इतिहास

भारत में भूमि-व्यवस्था, औपनिवेशिक शासन और खेत मजदूर

दुर्गा सिंह
(यह आलेख मुख्य शीर्षक से सम्बंधित  एक प्रस्तावना जैसा है। कोई अंतिम बात नहीं। इसे इसी रूप में पढ़ा जाय, कोई बहस निकल आये तो,...
इतिहास

औपनिवेशिक शोषण, किसान और 1857

दुर्गा सिंह
अंग्रेजों के उपनिवेशवादी शोषण का कहर भारतीय किसानों पर ही सबसे ज्यादा बरपा। औपनिवेशिक आर्थिक नीतियाँ, भू-राजस्व की नयी प्रणाली और उपनिवेशवादी प्रशासनिक एवं न्यायिक...
स्मृति

मार्कण्डेय की कहानियों में भूख और अकाल के चित्र

दुर्गा सिंह
मार्कण्डेय के जन्मदिन 2 मई पर यूँ तो भारत में उदारीकरण की नीतियों को स्वीकार करने के बाद से ही कृषि सर्वाधिक तबाही झेलने वाला...
पुस्तक

अवधेश त्रिपाठी की आलोचना पद्धति में लोकतंत्र के मूल्य प्राण की तरह है

दुर्गा सिंह
  किसी भी आलोचक के लिए जरूरी होता है, कि वह बाह्य जगत के सत्य और रचना के सत्य से बराबर-बराबर गुजरे। आलोचना के लिए...
Fearlessly expressing peoples opinion