समर न जीते कोय समर न जीते कोय-20मीना रायAugust 20, 2022December 23, 2023 by मीना रायAugust 20, 2022December 23, 2023059 (समकालीन जनमत की प्रबन्ध संपादक और जन संस्कृति मंच, उत्तर प्रदेश की वरिष्ठ उपाध्यक्ष मीना राय का जीवन लम्बे समय तक विविध साहित्यिक, सांस्कृतिक, राजनैतिक...
ख़बर रामजी राय की किताब ‘मुक्तिबोध: स्वदेश की खोज’ का रायपुर में हुआ विमोचनसमकालीन जनमतJune 9, 2022June 9, 2022 by समकालीन जनमतJune 9, 2022June 9, 2022059 रायपुर. ऐसा बहुत कम होता है जब साहित्य के किसी आयोजन में लोगों की अच्छी-खासी मौजूदगी देखने को मिलती है. सामान्य तौर पर साहित्यिक आयोजन...
ज़ेर-ए-बहस किसानों का साथ देने सड़कों पर उतरे लेखक और बुद्धिजीवीसुशील मानवJanuary 23, 2021January 24, 2021 by सुशील मानवJanuary 23, 2021January 24, 202101621 आज किसान आंदोलन को दो महीने (60 दिन) पूरे हो गये। इत्तेफाक से आज स्वतंत्रता संग्राम में ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ़ सशस्त्र जंग छेड़ने वाले...
शख्सियत कामरेड ज़िया भाई ज़िंदाबाद !रामजी रायSeptember 29, 2020September 30, 2020 by रामजी रायSeptember 29, 2020September 30, 202005413 ( 28 सितम्बर 1920 को इलाहाबाद के जमींदार मुस्लिम परिवार में पैदा हुए ज़िया –उल-हक़ ने अपने जीवन के सौ साल पूरे कर लिए हैं....
शख्सियत स्मृति-संदर्भ नहीं, जीवित प्रसंग हैं प्रेमचंद : रामजी रायसमकालीन जनमतJuly 31, 2020August 2, 2020 by समकालीन जनमतJuly 31, 2020August 2, 202002703 रामजी राय (31 जुलाई को प्रेमचंद की 140वीं जयंती के अवसर पर समकालीन जनमत 30-31 जुलाई ‘जश्न-ए-प्रेमचंद’ का आयोजन कर रहा है। इस अवसर पर...
जनमतशख्सियतस्मृति “यह थी भूमिका हम-तुम मिले थे जब” मुक्तिबोध स्मरण (जन्मदिन 13 नवम्बर)रामजी रायNovember 13, 2019November 13, 2019 by रामजी रायNovember 13, 2019November 13, 201902730 मुक्तिबोध और उनकी कविता के बारे में लोग कहते हैं कि वो विकल-बेचैन, छटपटाते कवि हैं. लेकिन देखिये तो दरअसल, मुक्तिबोध कविता की विकलता के...
जनमतस्मृति खैनी खिलाओ न यार! उर्फ़ मौत से चुहल (सखा, सहचर, सहकर्मी, कॉमरेड महेश्वर की एक याद)रामजी रायJune 25, 2019June 25, 2020 by रामजी रायJune 25, 2019June 25, 20205 3741 अपने प्रियतर लोगों- कृष्णप्रताप (के.पी.), गोरख, कामरेड विनोद मिश्र, महेश्वर पर चाहते हुए भी आज तक कुछ नहीं लिख सका। पता नहीं क्यों? इसकी वज़ह...
शख्सियतसाहित्य-संस्कृति गोरख स्मृति दिवस पर व्याख्यान और काव्य पाठ का आयोजनविष्णु प्रभाकरJanuary 30, 2019January 30, 2019 by विष्णु प्रभाकरJanuary 30, 2019January 30, 201902985 इलाहाबाद. 29 जनवरी को परिवेश और जन संस्कृति मंच की तरफ से गोरख स्मृति व्याख्यान और काव्यपाठ का आयोजन किया गया. प्रो. अवधेश प्रधान ने...
साहित्य-संस्कृति अंतःकरण और मुक्तिबोध के बहानेरामजी रायNovember 13, 2018December 2, 2018 by रामजी रायNovember 13, 2018December 2, 20185 4833 (मुक्तिबोध के जन्मदिन पर समकालीन जनमत के प्रधान संपादक रामजी राय का आलेख) 2017 में मुक्तिबोध की जन्मशताब्दी गुज़री है और 2018 मार्क्स के जन्म...
जनमत विकास, विस्थापन और साहित्य (संदर्भ झारखंड)रामजी रायNovember 7, 2018November 7, 2018 by रामजी रायNovember 7, 2018November 7, 20185 4633 आज इस बात में किसी को कोई संदेह नहीं रह गया है कि ग्लोबल पूंजीवाद के लाभ-लोभ के चलते दुनिया में गरीबी और पर्यावरण का...
ख़बर मोदी-योगी सरकार की वादाखिलाफी का जवाब जनता 2019 के चुनाव में देगी : मालेसमकालीन जनमतJune 27, 2018June 27, 2018 by समकालीन जनमतJune 27, 2018June 27, 201801953 लखनऊ, 26 जून। केंद्र की चार साल पुरानी नरेंद्र मोदी सरकार देशवासियो से किये वादों को पूरा करने में नाकाम साबित हुई है। यही हाल...
जनमतशख्सियत खैनी खिलाओ न यार! /उर्फ / मौत से चुहल (सखा, सहचर, सहकर्मी, कामरेड महेश्वर की एक याद)रामजी रायJune 25, 2018June 25, 2018 by रामजी रायJune 25, 2018June 25, 20182 3177 अपने प्रियतर लोगों- कृष्णप्रताप (के.पी.), गोरख, कामरेड विनोद मिश्र, महेश्वर पर चाहते हुए भी आज तक कुछ नहीं लिख सका। पता नहीं क्यों? इसकी वज़ह...
ख़बर वाराणसी में भाकपा माले की पूर्वांचल स्तरीय जवाब दो रैली 20 कोसमकालीन जनमतJune 18, 2018June 18, 2018 by समकालीन जनमतJune 18, 2018June 18, 201801550 मोदी-योगी सरकार द्वारा "अच्छे दिन " लाने का वादा धोखा साबित हुआ. गरीब-दलित-किसान-नौजवान-महिलायें सभी लोग ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं. न दो करोड़ रोजगार...