समकालीन जनमत

Author : रवि भूषण

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लेखक वरिष्ठ आलोचक हैं.
जनमत

2019 में भी निर्णायक होगा हिन्दी प्रदेश

रवि भूषण
नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाने में हिंदी प्रदेश का बहुत बड़ा हाथ है। 16 वीं लोकसभा चुनाव में 10 हिंदी राज्यों से भाजपा को 225...
जनमत

ऐतिहासिक होगा सत्रहवां लोकसभा चुनाव

रवि भूषण
1977 के छठे लोकसभा चुनाव से 2019 के सत्रहवें लोकसभा चुनाव की तुलना करना गलत है। उस समय प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी के सब विरोधी थे।...
साहित्य-संस्कृति

पूछते हैं वो कि गालिब कौन है !

रवि भूषण
आज गालिब (27.12.1797-15.02.1869 ) की डेढ़ सौ वीं पुण्यतिथि है और वे बार-बार याद आ रहे हैं – ‘वह हर इक बात पर कहना कि...
ज़ेर-ए-बहस

खतरे में है लोकतंत्र, संविधान और संघवाद

रवि भूषण
हमारा देश जिस खतरनाक दौर से गुजर रहा है, उससे उसे निकालने का एक मात्र मार्ग चुनाव नहीं है। चुनावी राजनीति ने सत्तालोलुपों को किसी...
ज़ेर-ए-बहस

बुद्धिजीवी, राज्य, पुलिस और अदालत

रवि भूषण
नवउदारवदी अर्थ व्यवस्था के विकसित दौर में कोई भी क्षेत्र पूर्ववत नहीं रहा है। उसने राज्य की भूमिका बदली और राज्य जनोन्मुख न रहकर काॅरपोरेटोन्मुख...
ज़ेर-ए-बहस

जुटान या महागठबन्धन ?

रवि भूषण
कोलकाता के ब्रिगेड परेड ग्राउण्ड में 19 जनवरी को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी द्वारा आयोजित महारैली में विपक्ष...
ज़ेर-ए-बहस

राजद्रोह : ब्रिटिश भारत का कानून

रवि भूषण
दिल्ली पुलिस ने लगभग तीन वर्ष बाद ‘भारत विरोधी नारे’ लगाने के आरोप में जे एन यू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार तथा...
ज़ेर-ए-बहस

124 वां संविधान संशोधन विधेयक

रवि भूषण
17 वें लोकसभा चुनाव के कुछ महीने पहले सोमवार 7 जनवरी को केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में सामान्य श्रेणी में आर्थिक रूप से पिछड़ों को...
ज़ेर-ए-बहस

राजग के स्वर्णिम दिन बीत चुके हैं ?

रवि भूषण
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबन्धन का इतिहास बहुत पुराना नहीं है। मई 1998 में 12 वीं लोकसभा का चुनाव लड़ने के लिए भाजपा ने अन्य दलों के...
ज़ेर-ए-बहस

न्यायपालिका से जुड़े कुछ अहम सवाल

रवि भूषण
कार्यपालिका और व्यवस्थापिका के अतिरिक्त न्यायपालिका लोकतंत्र का एक प्रमुख अंग है। न्यायपालिका का मुख्य कार्य सबको समान रूप से न्याय प्रदान करना है जो...
जनमत

बहुत कुछ निर्भर है हिन्दी प्रदेश पर

रवि भूषण
इस सप्ताह के आरम्भ में उत्तर प्रदेश के बुलन्दशहर में हुई हिंसा (2 दिसम्बर 2018 ) को हम कैसे देखें ? क्या कोई भी घटना...
जनमत

संविधान बचेगा, तभी देश भी बचेगा

रवि भूषण
25 नवम्बर 1949 को अम्बेडकर ने संविधान सभा में अन्तिम बार अपना भाषण, समापन भाषण दिया था जिसमें उन्होंने कई ऐसी बातें कही थीं, जो...
ज़ेर-ए-बहस

नाम बदलने का राजनीतिक-सांस्कृतिक अर्थ

रवि भूषण
विलियम शेक्सपीयर (26.04.1564-23.04.1616) के नाटक ‘रोमियो एण्ड जूलियट’ का प्रकाशन सोलहवीं सदी के अन्त में हुआ था – दो अलग पाठान्तर में। पहला प्रकाशन 1597...
ज़ेर-ए-बहस

‘रा’ से राम, ‘रा’ से राफेल

रवि भूषण
आर एस एस न राम को छोड़ रहा है और न कांग्रेस राफेल को। दोनों ‘राम’ और ‘राफेल’ को कस कर पकड़े हुए है। अगले...
ज़ेर-ए-बहस

अगर कहीं मैं तोता होता, तो क्या होता ?

रवि भूषण
कई दशक पहले एक हिन्दी कवि ने एक कविता लिखी थी ‘अगर कहीं मैं तोता होता, तो क्या होता ?’ पांच वर्ष पहले सुप्रीम कार्ट...
ज़ेर-ए-बहस

आज का भारत और गांधी का भारत

रवि भूषण
  आज के भारत की कल्पना चार वर्ष पहले तक शायद ही किसी ने की थी। अहिंसा से हिंसा की ओर, सत्य से असत्य की...
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