समकालीन जनमत

Author : दुर्गा सिंह

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(लेखक दुर्गा सिंह आलोचक और संस्कृतिकर्मी हैं)
सिनेमा

पाताललोकः सत्ता के षड्यंत्रकारी चरित्र को लक्षित करती वेब श्रृंखला

दुर्गा सिंह
‘पाताललोक‘ अमेज़न प्राइम वीडियो पर आयी वेब श्रृंखला है। पिछले वर्ष मई में प्रसारित हुई यह श्रृंखला अपराध की छिपी हुई दुनिया और उसकी हकीकत...
जनमतपुस्तकसाहित्य-संस्कृति

कुल्ली भाट: निराला की रचना-धर्मिता और व्यक्तित्व में एक मोड़

दुर्गा सिंह
कुल्ली भाट, निराला की ऐसी रचना है, जो खुद उनके लेखन में भू-चिन्ह  की तरह है। इसका रचनाकाल 1937-38 ईसवी का है। पुुुस्तिका के रूप...
साहित्य-संस्कृति

जाति के झूठे वर्णवादी आधारों का प्रत्याख्यान है बिल्लेसुर बकरिहा

दुर्गा सिंह
बिल्लेसुर बकरिहा, निराला की चर्चित रचना है। विधा के बतौर इसे रेखाचित्र के रूप में भी रखा जा सकता है, लेकिन है यह एक उपन्यासिका...
सिनेमा

संगीत के बहाने युवा मुक्ति की तलाश है बन्दिश बैण्डिट्स

दुर्गा सिंह
बंदिश बैंडिट्स वेब श्रृंंखला अमेज़न प्राइम वीडियो पर प्रसारित हुई है। इसके पहले सीजन में  दस कड़ियां हैं। हिंदी में आयी संभवतः यह पहली वेब...
ज़ेर-ए-बहस

रसभरीः स्त्री-देह सम्बन्धी सोच को सामने लाती वेब सीरीज़

दुर्गा सिंह
हमारे हिंदी समाज का ‘नाॅर्मल’ ‘एब्नार्मल’ से बना है। इसलिए, जब कभी मनुष्यगत मूलभूत और सामान्य बात-व्यवहार, कला रचना या किसी ऐसी चीज से हमारा...
पुस्तक

बल्ली के यहां उम्मीद का एक बच्चा है, जो सारी तानाशाहियों और पूंजी के फैलाये अंधेरे के ऊपर बैठा है

दुर्गा सिंह
हिंदी ग़ज़ल में बल्ली सिंह चीमा एक लोकप्रिय नाम हैं। यह उनका पांचवां ग़ज़ल संग्रह है। इसकी भूमिका हमारे दौर के महत्वपूर्ण आलोचक प्रणय कृष्ण...
ख़बर

दलित विरोधी हिंसा के खिलाफ माले का धरना-प्रदर्शन

दुर्गा सिंह
दलित विरोधी हिंसा के खिलाफ माले का धरना प्रदर्शन आज़मगढ़ 17 जून 2020,  दलितों पर हो रहे हिंसक हमलों एवं कानूनी कार्रवाईयों में पुलिस प्रशासन...
पुस्तक

हिन्दी समाज के स्वास्थ्य का पैरामीटर है हेमंत कुमार का कहानी संग्रह

दुर्गा सिंह
रज्जब अली, हेमंत कुमार का पहला कहानी संग्रह है। इसमें कुल छः कहानियां हैं। इन सभी कहानियों की खासियत यह है, कि इसमें व्यवस्थागत प्रश्न...
कहानी

एक कहानी-‘आली’

दुर्गा सिंह
आली धान की फसल लदरी हुई फैली थी। पीली धरती, पीली धूप। शाम के वक्त इस क्षेत्र का दृश्य देखने लायक होता है। ताल का...
इतिहास

भारत में भूमि-व्यवस्था, औपनिवेशिक शासन और खेत मजदूर

दुर्गा सिंह
(यह आलेख मुख्य शीर्षक से सम्बंधित  एक प्रस्तावना जैसा है। कोई अंतिम बात नहीं। इसे इसी रूप में पढ़ा जाय, कोई बहस निकल आये तो,...
इतिहास

औपनिवेशिक शोषण, किसान और 1857

दुर्गा सिंह
अंग्रेजों के उपनिवेशवादी शोषण का कहर भारतीय किसानों पर ही सबसे ज्यादा बरपा। औपनिवेशिक आर्थिक नीतियाँ, भू-राजस्व की नयी प्रणाली और उपनिवेशवादी प्रशासनिक एवं न्यायिक...
स्मृति

मार्कण्डेय की कहानियों में भूख और अकाल के चित्र

दुर्गा सिंह
मार्कण्डेय के जन्मदिन 2 मई पर यूँ तो भारत में उदारीकरण की नीतियों को स्वीकार करने के बाद से ही कृषि सर्वाधिक तबाही झेलने वाला...
पुस्तक

अवधेश त्रिपाठी की आलोचना पद्धति में लोकतंत्र के मूल्य प्राण की तरह है

दुर्गा सिंह
  किसी भी आलोचक के लिए जरूरी होता है, कि वह बाह्य जगत के सत्य और रचना के सत्य से बराबर-बराबर गुजरे। आलोचना के लिए...
पुस्तक

लोकतंत्र का मर्सिया हैं ‘सुगम’ की ग़ज़लें

दुर्गा सिंह
  हिंदी ग़ज़ल में महेश कटारे ‘सुगम’ जाना-माना नाम है। ‘सुगम’ हिंदी ग़ज़ल की उसी परंपरा से आते हैं, जिसे दुष्यंत, अदम गोंडवी, शलभ श्रीराम...
कहानी

एक कहानी : पाठ और प्रक्रिया

दुर्गा सिंह
अभी कुछ दिन पहले दिल्ली में एक मामला आया, जिसमें भारत के उत्तर-पूर्व की एक छात्रा ने कहा; कि उसे ‘कोरोना’ कहा गया। यह मानवीय...
ख़बरज़ेर-ए-बहस

जामिया विश्वविद्यालय में दिल्ली पुलिस की बर्बरता और नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ आजमगढ़ में प्रतिवाद मार्च

दुर्गा सिंह
आज़मगढ़, 16 दिसम्बर 2019: नागरिकता संशोधन कानून CAA के खिलाफ़ तथा जामिया विश्वविद्यालय में लाइब्रेरी और हाॅस्टल में घुसकर दिल्ली पुलिस द्वारा की गयी बर्बर, पाशविक...
जनमतशख्सियत

मार्कण्डेय की कहानियों में बनते हुए राष्ट्र की तस्वीर

दुर्गा सिंह
मार्कण्डेय (2 मई 1930 – 18 मार्च 2010) हिंदी के जाने-माने कहानीकार थे। आज उनके जन्मदिवस पर अपने एक लेख के माध्यम से उन्हें याद कर रहे हैं...
नाटक

थियेटर और कला की जन-सैद्धांतिकी पर संवाद करती जरूरी किताब

दुर्गा सिंह
एक कलाकार/रचनाकार जीवन-जगत के क्रिया-व्यापार की पुर्नरचना करता है। हालांकि इस पुर्नरचना के लिए तत्संबंधी शास्त्रों में प्रशिक्षण की बात कही गयी है, यथा प्रतिभा,...
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