पुस्तक जंग के बीच प्रेम और शांति की तलाश का आख्यान है ‘अजनबी जज़ीरा’जनार्दनJuly 23, 2021August 8, 2021 by जनार्दनJuly 23, 2021August 8, 20210842 आग में खिलता गुलाब? अपने अंतिम दिनों में सद्दाम हुसैन जिन सैनिकों की निगरानी में रहते रहे उन सैनिकों को ‘सुपर ट्वेल्व’ कहा जाता था।...
कविता पहाड़ों की यातनाएं संजोते मंगलेश दासमकालीन जनमतMay 16, 2021 by समकालीन जनमतMay 16, 202101426 अर्पिता राठौर मंगलेश डबराल का रचना कर्म उस सफर सरीखा है जो अपना समस्त जीवन मानवीय विडंबनाओं में संभावना तलाशते हुए गुज़ार देना चाहता है।...
शख्सियत बहुत हो गया…मैं जल्दी बरेली आऊंगा…अब जो होगा वहीं होगाशालिनी बाजपेयीAugust 5, 2020August 6, 2020 by शालिनी बाजपेयीAugust 5, 2020August 6, 202001874 (हिंदी के महत्वपूर्ण कवि वीरेन डंगवाल का आज जन्मदिन है। वह आज हमारे बीच होते तो 73 बरस के होते। वीरेन डंगवाल के जन्मदिन पर...
जनभाषाशिक्षा राजभाषा का उद्देश्य जनता के कल्याण में निहित होना चाहिएसमकालीन जनमतSeptember 14, 2019April 8, 2020 by समकालीन जनमतSeptember 14, 2019April 8, 202002776 अम्बरीश त्रिपाठी ऐतिहासिक भूलों को भूल जाने में आम भारतीयों का कोई सानी नहीं है। उपनिवेश बनने की कहानी को कितनी जल्दी और आसानी से...
कविता पहली पुण्यतिथि पर बलिया ने याद किया केदार नाथ सिंह कोसमकालीन जनमतMarch 20, 2019 by समकालीन जनमतMarch 20, 20193 3016 कवि केदारनाथ सिंह की स्मृति में बलिया में हुआ कार्यक्रम केदार जी से हमारी पीढ़ी ने बहुत कुछ सीखा – निलय उपाध्याय केदारनाथ सिंह भोजपुरी...
शख्सियतसाहित्य-संस्कृति अपने-अपने रामविलास: प्रणय कृष्णप्रणय कृष्णOctober 10, 2018October 10, 2018 by प्रणय कृष्णOctober 10, 2018October 10, 201811839 आज रामविलास जी का जन्मदिन पड़ता है. इस अवसर पर प्रणय कृष्ण का लिखा आलेख ‘अपने अपने रामविलास’ समकालीन जनमत के पाठकों के लिए यहाँ...
स्मृति ज़माना नाक़ाबिले-बर्दाश्त है…समकालीन जनमतMay 11, 2018May 12, 2018 by समकालीन जनमतMay 11, 2018May 12, 201803403 मंटो की लगभग प्रत्येक कहानी दारूण यथार्थ से आंख मिलाने का साहस रखती है। ऐसी गूँज पैदा करती है कि वह मानवता के पक्ष में...