समकालीन जनमत

Tag : Alok Ranjan

कविता

रवित यादव की कविताएँ प्रश्नाकुल और उर्वर भावभूमि से उपजती हैं

उमा राग
आलोक रंजन हाल में रवित यादव की कविताओं से रु ब रु होने का मौका मिला । उनकी कविताओं में युवतर जीवन की समाज की...
जनमत

बहु-परतीय जीवन दर्शन की फिल्म : कड़ाइसी विवसायी

समकालीन जनमत
आलोक रंजन एम मनीकंडन ऐसे फ़िल्मकार हैं जिनकी अभिव्यक्ति का तरीका हमेशा आम ढर्रे से अलहदा रहा है । काका मुट्टाई , किरुमी और आनंदवन...
कविता

सोनू यशराज की कविताएँ किताबों से एक स्त्री का संवाद हैं

समकालीन जनमत
आलोक रंजन सोनू यशराज की अधिकांश कविताएँ किताबों को समर्पित हैं और शेष स्त्री प्रश्नों से जुड़ी हुई । किताबों के माध्यम से रचनाकार ने...
कहानी

‘रोटी के चार हर्फ़’ सामायिक घटनाओं और सामाजिक विभेद की सरोकारी रचना है

समकालीन जनमत
गति उपाध्याय “रोटी के चार हर्फ़ ” सिर्फ एक कहानी ही नहीं बल्कि एक कथाचित्र है | कहानी पाठकों के दिलदिमाग़ में चित्र खींचती है...
जनमत

‘बंबई में का बा’ और बिहार

समकालीन जनमत
आलोक रंजन अक्सर अपने फूहड़ और अश्लील स्वरूप को लेकर चर्चा में रहने वाले भोजपुरी गानों की दुनिया में पिछले दिनों एक अलग बात सामने...
पुस्तक

आलोक रंजन की किताब सियाहत

समकालीन जनमत
ममता सिंह सियाहत कितना अलग सा नाम है न! अधिकतर लोगों के लिए अंजाना, नया सा जबकि इससे मिलता जुलता लफ़्ज़ सियासत है जिससे देश...
कविताजनमत

सुघोष मिश्र की कविता वर्तमान की जटिलताओं से उपजे द्वंद्व की अभिव्यक्ति है

समकालीन जनमत
आलोक रंजन सुघोष मिश्र की कविताओं को पढ़कर लगा कि उनकी कविताओं से परिचय कराना सरल कार्य नहीं है । इसके पीछे का एक सीधा...
कहानी

उत्पीड़न के विरुद्ध उम्मीदों की ‘सुलगन’

समकालीन जनमत
आलोक रंजन कैलाश वानखेड़े की किताब ; सुलगन ! नौ कहानियों वाले इस संग्रह में इस नाम की कोई कहानी नहीं है लेकिन ‘सुलगन’ हर...
कविता

विजय राही की कविताएँ वर्तमान के साथ अंतःक्रिया करती हैं

समकालीन जनमत
अलोक रंजन  एक कवि का विस्तार असीमित होता है और यदि कवि अपने उस विस्तार का सक्षम उपयोग करते हुए अपनी आंतरिक व्याकुलता को समय...
कविताजनमत

‘जीवन की सरलता का प्रतिनिधित्व करती हैं रविंदर की कविताएँ’

समकालीन जनमत
आलोक रंजन रविंदर कौर सचदेवा की कविताएँ सरलता को स्थापित करने के संघर्ष की कविताएँ हैं जो पहचान , प्रेम और दुनियादारी के अलग अलग...
कविता

स्मृति और वर्तमान के द्वंद्व से उपजीं उषा की कविताएँ

समकालीन जनमत
आलोक रंजन इधर उषा राजश्री राठौड़ की कुछ कविताओं से रु ब रु होने का मौका मिला और पहले ही पाठ में वे कविताएँ आकर्षित...
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