पुस्तक कमला सिंघवी की किताब ‘दाम्पत्य के दायरे’ के बहाने कुछ बातेंसमकालीन जनमतDecember 25, 2021December 25, 2021 by समकालीन जनमतDecember 25, 2021December 25, 2021043 निकिता हाल ही में मैंने “कमला सिंघवी” की पुस्तक “दाम्पत्य के दायरे” पढ़ा, जिसे पढ़ते समय एक स्थान पर बैठे हुए ही मानो मैंने एक...
ख़बर देवरिया में युवती की हत्या पर ऐपवा का प्रदर्शनसमकालीन जनमतJuly 31, 2021 by समकालीन जनमतJuly 31, 20210479 उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के तरकुलवा थाने के अंतर्गत आने वाले शबरी जी खर्ग गाँव की नेहा पासवान का जींस पहनना परिवार के लोगों...
जनमत ड्रॉपआउट: लड़कियों के शैक्षणिक अलगाव के सामाजिक आर्थिक कारणसमकालीन जनमतSeptember 18, 2020 by समकालीन जनमतSeptember 18, 202002777 बीते रविवार कोरस के फेसबुक लाइव स्त्री संघर्ष का कोरस में ‘ड्रॉपआउट: लड़कियों के शैक्षणिक अलगाव के सामाजिक आर्थिक कारण’ विषय पर मृदुला सिंह ने...
ज़ेर-ए-बहस हम पितृसत्ता के खिलाफ हैं, पुरुषों के नहीं: कमला भसीनसमकालीन जनमतJuly 1, 2020July 1, 2020 by समकालीन जनमतJuly 1, 2020July 1, 202004715 (‘स्त्री संघर्ष का कोरस’ शृंखला के अंतर्गत रविवार 28 जून को कोरस के फेसबुक पेज से प्रसिद्ध नारीवादी कार्यकर्ता, कवि और समाज विज्ञानी कमला भसीन...
सिनेमा अतियथार्थवाद का जोखिम भरा रास्ता अख़्तियार करती मणि कौल की ‘उसकी रोटी’मुकेश आनंदApril 23, 2020April 23, 2020 by मुकेश आनंदApril 23, 2020April 23, 202003437 (महत्वपूर्ण राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय फिल्मों पर टिप्पणी के क्रम में आज प्रस्तुत है समानांतर सिनेमा के जरूरी हस्ताक्षर मणि कौल की उसकी रोटी । समकालीन जनमत केेे...
कविताजनमतसाहित्य-संस्कृति पराजय को उत्सव में बदलती अनुपम सिंह की कविताएँसमकालीन जनमतJune 24, 2018June 19, 2019 by समकालीन जनमतJune 24, 2018June 19, 20192 3449 (अनुपम सिंह की कविताओं को पढ़ते हुए ऐसा लगता है जैसे वे अपने साथ हमें पितृसत्ता की एक बृहद प्रयोगशाला में लिए जा रहीं हैं...
जनमत सभ्य होने की असलियतसमकालीन जनमतMarch 8, 2018July 7, 2020 by समकालीन जनमतMarch 8, 2018July 7, 202002765 सदानन्द शाही किसी समाज के सभ्य होने का सबसे बड़ा पैमाना यह है कि वह समाज स्त्रियों के साथ कैसा व्यवहार करता है. अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस...