ज़ेर-ए-बहस भारत जो एक जीवन-वृक्ष था उसे बड़ी बेरहमी से धराशायी किया जा रहा हैसमकालीन जनमतMay 5, 2022May 5, 2022 by समकालीन जनमतMay 5, 2022May 5, 2022020 सबा नक़वी आज की तारीख में पूरे भारत में विभिन्न स्थानों पर सघन हिन्दुत्व की लामबंदी क्यों की जा रही है? क्या हमने अचानक अपने...
ज़ेर-ए-बहस महामारियां अवसाद बुनती हैं!जनार्दनOctober 28, 2020October 28, 2020 by जनार्दनOctober 28, 2020October 28, 202001458 महामारियां और आपदाएं जीवन-जगत को आकार प्रदान करती हैं; उनकी मानसिकता के ढांचे को तोड़कर नए ढांचे का निर्माण करती हैं –आपदाएं नवीन और परिवर्तनकामी...
शख्सियत प्रेमचंद और अर्थशास्त्र के विद्यार्थीसमकालीन जनमतJuly 30, 2020 by समकालीन जनमतJuly 30, 202002704 (31 जुलाई को प्रेमचंद की 140वीं जयंती के अवसर पर समकालीन जनमत जश्न-ए-प्रेमचंद का आयोजन कर रहा है। इस अवसर पर 30-31 जुलाई को समकालीन...
जनमत निर्धन निर्माण अभिकरणों का योगदान और बेरोजगारी जनार्दनMay 21, 2020May 21, 2020 by जनार्दनMay 21, 2020May 21, 20202 2459 मेहनत करने के बाद भी निर्धनता का विलोपन न होना अप्राकृतिक है. अप्राकृतिक निर्धनता का सर्जन शक्तिशाली संस्थाओं द्वारा होता है, जिसे वह अपनी जन-विरोधी...