कविता दुनिया में ताक़त के खेल को समझने की कोशिश है अरुणाभ सौरभ की कविताएँसमकालीन जनमतDecember 16, 2024December 19, 2024 by समकालीन जनमतDecember 16, 2024December 19, 202409 बीते शनिवार को प्रभाकर प्रकाशन में अरुणाभ सौरभ के काव्य-संग्रह ‘मेरी दुनिया के ईश्वर’ के तीसरे संस्करण का लोकार्पण हुआ। इस अवसर पर एक परिचर्चा...
साहित्य-संस्कृति जसम की घरेलू गोष्ठी का आयोजन, ग़जा में युद्ध विराम के लिए अभियान का संकल्पसमकालीन जनमतMarch 22, 2024March 22, 2024 by समकालीन जनमतMarch 22, 2024March 22, 20240450 जन संस्कृति मंच की ओर से 17 मार्च, 2024 को तूलिका व मृत्युंजय के घर पर एक घरेलू गोष्ठी हुई। इस गोष्ठी में फैसला किया...
कविता आशुतोष कुमार की कविताएँ समय के व्यर्थताबोध से आगे बढ़ने का हौसला हैंसमकालीन जनमतJanuary 7, 2024January 8, 2024 by समकालीन जनमतJanuary 7, 2024January 8, 202401516 चंद्रभूषण अयोध्या यह चिट्ठी पढ़े न पढ़े, आप तो पढ़ें .. आज जब अयोध्या में रामलला का मंदिर ‘वहीं’, ‘उसी जगह’, एक राष्ट्रव्यापी हंगामे से...
ख़बर फादर स्टेन स्वामी की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगीसमकालीन जनमतJuly 14, 2021 by समकालीन जनमतJuly 14, 202101040 आठ संगठनों जसम, दलेस, जलेस, एनएसआइ, अभादलम, प्रतिरोध का सिनेमा, प्रलेस और इप्टा ने अपने साझे कार्यक्रमों की शृंखला में दिनांक 13 जुलाई 2021 को...
कविता चंद्र की कविताएँ बोलती भी हैं और भेद भी खोलती हैंसमकालीन जनमतMay 2, 2020 by समकालीन जनमतMay 2, 20200480 “चंद्र मेरी आज तक की जानकारी में पहले ऐसे व्यक्ति हैं जो खेती-बाड़ी में, मजूरी में पिसते अंतिम आदमी का जीवन जीते हुए पढ़ना-लिखना व...
कविता यातना का साहस भरा साक्षात्कार हैं लाल्टू की कविताएँआशुतोष कुमारApril 26, 2020April 30, 2020 by आशुतोष कुमारApril 26, 2020April 30, 202003189 धरती प्रकृति ने बनाई है. लेकिन दुनिया आदमी ने बनाई हैं. दुनिया की बीमारियाँ , पागलपन और विक्षिप्तियाँ भी आदमी ने बनाई हैं. लेकिन कविता,...
कविताजनमत वीरेनियत 4: जहाँ कविता के बाद का गहन सन्नाटा बजने लगासमकालीन जनमतNovember 3, 2019November 3, 2019 by समकालीन जनमतNovember 3, 2019November 3, 201912030 आशुतोष कुमार दिन वैसे अच्छा नहीं था। दिल्ली आसपास का दम काले धुंए में घुट रहा था। छुट्टियों के कारण बहुत से दोस्त शहर से...
पुस्तकसाहित्य-संस्कृति अवधेश त्रिपाठी की पुस्तक ‘कविता का लोकतंत्र’ पर परिचर्चासमकालीन जनमतSeptember 24, 2019September 24, 2019 by समकालीन जनमतSeptember 24, 2019September 24, 201902999 अनुपम सिंह जन संस्कृति मंच की घरेलू गोष्ठी में अवधेश त्रिपाठी की पुस्तक “कविता का लोकतंत्र” पर परिचर्चा संपन्न हुई . यह परिचर्चा दिनांक 21...
कहानीसाहित्य-संस्कृति रज्जब अली कहानी संग्रह पर परिचर्चा संपन्नराम नरेश रामMarch 7, 2019March 7, 2019 by राम नरेश रामMarch 7, 2019March 7, 201902682 कलाकार को चाहिए कि वह ज्यादा से ज्यादा पहुँचने वाले मुहावरे में अपनी बात कहे- संजीव कुमार पिछली 3 मार्च को जसम दिल्ली इकाई की...
ज़ेर-ए-बहस राजद्रोह : ब्रिटिश भारत का कानूनरवि भूषणJanuary 17, 2019January 17, 2019 by रवि भूषणJanuary 17, 2019January 17, 201902805 दिल्ली पुलिस ने लगभग तीन वर्ष बाद ‘भारत विरोधी नारे’ लगाने के आरोप में जे एन यू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार तथा...
साहित्य-संस्कृति विभाजन को समझे बिना हल नहीं होगा सौहार्द का प्रश्नआशुतोष कुमारNovember 19, 2018December 2, 2018 by आशुतोष कुमारNovember 19, 2018December 2, 20184 2152 सामाजिक सौहार्द का मतलब केवल शांतिपूर्ण सहअस्तित्व नहीं होता. शांति तो ताकत और दमन से भी कायम की जा सकती है. शांति तो युद्धविराम की...