साहित्य-संस्कृति नहीं रहे जनपक्षधर, जुझारू जर्नलिस्ट और हिंदी—उर्दू—पंजाबी अदब के शैदाई अमरीकसमकालीन जनमतOctober 12, 2024October 12, 2024 by समकालीन जनमतOctober 12, 2024October 12, 2024048 स्मृतिशेष : लेखक—पत्रकार अमरीक तुम देश छोड़ने का कह रहे थे, दोस्त ! ये क्या किया, तुमने तो दुनिया ही… —ज़ाहिद ख़ान जनपक्षधर, जुझारू जर्नलिस्ट...
जनमत उर्दू पत्रकारिता में इंसानियत का दायरा बड़ा होना चाहिएजनार्दनApril 30, 2022May 2, 2022 by जनार्दनApril 30, 2022May 2, 2022050 (इस आलेख का विचार शफ़ी किदवई के एक आलेख से ग्रहण किया गया है। शफ़ी किदवई का यह आलेख ‘उर्दू का लोकवृत्त’ (The Urdu public...
पुस्तक ‘उड़ता बनारस’: स्थापत्य में फ़ासीवाद गोपाल प्रधानSeptember 26, 2021September 27, 2021 by गोपाल प्रधानSeptember 26, 2021September 27, 20210298 सुरेश प्रताप की किताब ‘ उड़ता बनारस ’ हमसे वर्तमान शासन के कुछ कारनामों को गहरी निगाह से देखने की मांग करती है । पिछले...
पुस्तक कुर्सी के लिए कत्ल: गोपाल प्रधानगोपाल प्रधानAugust 9, 2021August 9, 2021 by गोपाल प्रधानAugust 9, 2021August 9, 20210938 2019 में शब्दलोक प्रकाशन से छपी किताब ‘सत्ता की सूली’ को तीन पत्रकारों ने मिलकर लिखा है । इस किताब ने वर्तमान पत्रकारिता को चारण...
ज़ेर-ए-बहस मीडिया और बाज़ारसमकालीन जनमतOctober 14, 2020October 14, 2020 by समकालीन जनमतOctober 14, 2020October 14, 202002247 कोरस के फेसबुक लाइव की शृंखला में बीते रविवार 4 अक्टूबर को स्वतंत्र पत्रकार नेहा दीक्षित से ‘मीडिया और बाज़ार ‘ जैसे महत्वपूर्ण विषय पर...
ज़ेर-ए-बहस शोर ने गंभीर पत्रकारिता की जगह ले ली है और यह देश के जनतंत्र पर सबसे बड़ा खतरा है! : बी.बी.सी. पत्रकार प्रियंका दुबेसमकालीन जनमतAugust 8, 2020August 8, 2020 by समकालीन जनमतAugust 8, 2020August 8, 202001540 कोरस के फेसबुक लाइव में रविवार 26 जुलाई को बीबीसी पत्रकार प्रियंका दुबे से मीनल ने बातचीत की l प्रियंका हिंदुस्तान टाइम्स, तहलका और कारवां...
शख्सियत बहुत हो गया…मैं जल्दी बरेली आऊंगा…अब जो होगा वहीं होगाशालिनी बाजपेयीAugust 5, 2020August 6, 2020 by शालिनी बाजपेयीAugust 5, 2020August 6, 202001876 (हिंदी के महत्वपूर्ण कवि वीरेन डंगवाल का आज जन्मदिन है। वह आज हमारे बीच होते तो 73 बरस के होते। वीरेन डंगवाल के जन्मदिन पर...
ये चिराग जल रहे हैं अशोकजी : पराड़कर-युगीन पत्रकारिता का अंतिम अध्यायनवीन जोशीApril 24, 2020April 30, 2020 by नवीन जोशीApril 24, 2020April 30, 202003922 आज जब शब्द, भाषा, व्याकरण, उच्चारण सब गड्ड-मड्ड हो गये हैं, यह समझा पाना मुश्किल है कि तब पत्रकारिता में इनको कितना महत्त्वपूर्ण माना जाता...
ख़बरजनमत ‘ पत्रकारिता अपना सबसे आदर्श लक्ष्य तब हासिल करती है, जब वो सच को साहस से बोलती है ’समकालीन जनमतAugust 2, 2019August 2, 2019 by समकालीन जनमतAugust 2, 2019August 2, 201902322 रवीश कुमार को ‘ रैमॉन मैगसेसे ‘ पुरस्कार मशहूर पत्रकार एनडीटीवी के रवीश कुमार को प्रतिष्ठित ‘ रैमॉन मैग्सेसे ‘ पुरस्कार 2019 देने की...
शख्सियत अमन की शहादतशालिनी बाजपेयीJune 16, 2018June 17, 2018 by शालिनी बाजपेयीJune 16, 2018June 17, 201801831 हम मीडिया के लोग आराम कुर्सियों पर बैठकर भी संघर्षविराम के पक्ष में नहीं खड़े हो पाते हैं, लेकिन जिस शख्स ने अपने कश्मीर को...