समकालीन जनमत

Tag : जन संस्कृति मंच

स्मृति

‘ संस्कृति खरगोश की तरह है, जो आने वाले खतरे का आभास देती है ’

समकालीन जनमत
कौशल किशोर   यह कैसा समय है कि साथ के लोग साथ छोड़े जा रहे हैं. कुंवर जी और दूधनाथ सिंह को हम ठीक से...
स्मृति

‘आदमी के उठे हुए हाथों की तरह’ हिन्दुस्तानी अवाम के संघर्षों को थामे रहेगी केदारनाथ सिंह की कविता : जसम

समकालीन जनमत
कवि केदारनाथ सिंह को जन संस्कृति मंच की श्रद्धांजलि जनतांत्रिक मूल्यों की अकाल-वेला में केदारनाथ सिंह की कविता जनप्रतिरोध के सारसों की अप्रत्याशित आवाज़ थी....
कवितासाहित्य-संस्कृति

‘ रेख्ता के तुम ही नहीं हो उस्ताद ग़ालिब, कहते हैं अगले जमाने में कोई मीर भी था ’

कौशल किशोर
लखनऊ में ‘ब याद: मीर तकी मीर’ का आयोजन ‘रेख्ता के तुम ही नहीं हो उस्ताद ग़ालिब/कहते हैं अगले जमाने में कोई मीर भी था’. ...
साहित्य-संस्कृतिस्मृति

लेखक-पत्रकार अनिल सिन्हा का व्यक्तित्व अनुकरणीय : सीबी सिंह

समकालीन जनमत
  अनिल सिन्हा की सातवीं पुण्यतिथि पर जन संस्कृति मंच ने लखनऊ में आयोजित किया कार्यक्रम लखनऊ.  जाने-माने पत्रकार अनिल सिन्हा जनवादी और प्रगतिशील व्यक्तित्व...
स्मृति

अनिल सिन्हा : बाहर से शान्त, भीतर धधकती आग

समकालीन जनमत
 ( क्रांतिकारी वाम राजनीति और संस्कृति -कर्म के अथक योद्धा एवं जन संस्कृति मंच के संस्थापक सदस्य अनिल सिन्हा की आज पुण्य तिथि है. उनके...
जनमत

फ़ैज़ की शायरी में शोकाकुल राष्ट्रवाद के स्वर : प्रणय कृष्ण

समकालीन जनमत
  जन संस्कृति मंच का आगरा और दरभंगा में फ़ैज़ अहमद फैज़ की जयंती पर ‘जश्न-ए-फ़ैज़ ’ का आयोजन    इंकलाबी शायर फ़ैज़ अहमद फैज़...
कवितासाहित्य-संस्कृति

फ़ैज़ की पूरी शायरी लोकतांत्रिक भावनाओं की मिसाल है : प्रणय कृष्ण

समकालीन जनमत
  अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में जसम द्वारा ‘जश्न-ए-फ़ैज़ ‘का आयोजन  अम्बरीन आफ़ताब अलीगढ (उत्तर प्रदेश) . जन संस्कृति मंच की अलीगढ़ इकाई ने 14 फरवरी...
साहित्य-संस्कृति

अंतरजातीय और अंतरधार्मिक विवाह एक तरह से राजनीतिक वक्तव्य होते हैं- योगेंद्र आहूजा

समकालीन जनमत
विजय नगर साहित्यिक सोसायटी के उद्घाटन कार्यक्रम में अंतर्जातीय और अन्तरधार्मिक विवाह किये जोड़ों को सम्मानित किया गया नई दिल्ली. 11 फरवरी को विजय नगर...
कवितासाहित्य-संस्कृति

गंगा-जमुनी तहजीब और आज़ादी के पक्ष में है संजय कुमार कुंदन की शायरी : प्रो. इम्तयाज़ अहमद

समकालीन जनमत
  शायर संजय कुमार कुंदन के संग्रह ‘भले, तुम नाराज हो जाओ’ पर बातचीत   पटना. ‘‘हटा के रोटियां बातें परोस देता है/ इस सफ़ाई...
चित्रकला

गाजीपुर में कला प्रदर्शनी के 11 चित्र

समकालीन जनमत
  उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में सम्भावना कला मंच और महिला महाविद्यालय के संयुक्त तत्वाधान में 4 और 5 फरवरी को कला प्रदर्शनी उद‍्भव का...
कवितासाहित्य-संस्कृति

‘जश्ने फैज़’ ने अभियान का रूप लिया, आगरा, अलीगढ़, इलाहाबाद, लखनऊ, पटना, दरभंगा में हो रहा है आयोजन

समकालीन जनमत
आगरा में 13 फरवरी को होने जा रहा ‘जश्ने फैज़’ का आयोजन ऐतिहासिक रूप लेने जा रहा है. किसी एक लेखक या रचनाकार को लेकर...
कवितासाहित्य-संस्कृति

‘यह तश्ना की है गज़ल, इस शायरी में गाने-बजाने को कुछ नहीं’

समकालीन जनमत
तश्ना आलमी की याद में लखनऊ में सजी गज़लों की शाम लखनऊ । तश्ना आलमी की शायरी गहरे तक छूती है। ऐसा लगता है कि...
साहित्य-संस्कृति

कविता शब्दों की इंजीनियरिंग है: प्रो. तरुण कुमार

सुधीर सुमन
गोरख पांडेय स्मृति आयोजन के दूसरे दिन प्रो. संतोष कुमार के कविता संग्रह ‘ढिबरी’ का लोकार्पण और बातचीत पटना, 29 जनवरी. हिरावल द्वारा आयोजित दो...
कवितासाहित्य-संस्कृति

गोरख के गीतों के साथ देश-दुनिया और समाज को बेहतर बनाया जा सकता है: अरुण कमल

सुधीर सुमन
क्रांतिकारी जनकवि गोरख पांडेय की स्मृति में हिरावल ने किया आयोजन गोरख के हिंदी-भोजपुरी के जनगीतों और गजलों का गायन हुआ पटना: 28 जनवरी. ‘गोरख...
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