समकालीन जनमत

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इस क्रूरता पर हम सिर्फ़ रोयेंगें नहीं: सविता सिंह

उमा राग
सविता सिंह  आज कल मेरी सैद्धांतिक समझ इस बात को समझने में खर्च हो रही है कि किसी देश में छोटी बच्चियों के साथ इतना घिनौना...
जनमत

गंवई संवेदना और वैश्विक दृष्टि के कवि

समकालीन जनमत
अरुण आदित्य केदारनाथ सिंह करीब चार दशक से दिल्ली में रहते हुए भी ग्रामीण संवेदना के कवि बने रहे। छल-बल की इस राजधानी में भी...
स्मृति

मै गांव-जवार और उसके सुख-दुख से जुड़ा हुआ हूं

(ज्ञानपीठ पुरस्कार मिलने के बाद डॉ केदारनाथ सिंह से यह संक्षिप्त बातचीत टेलीफ़ोन पर हुई थी. यह साक्षात्कार दैनिक भास्कर में प्रकाशित हुआ था. )...
स्मृति

अलविदा, स्टार गुरु जी !

संजय जोशी
  मैंने 1989 के जुलाई महीने में जे एन यू के भारतीय भाषा विभाग के हिंदी विषय में एडमिशन लिया. कोर्स एम ए का था....
कविताशख्सियतसाहित्य-संस्कृति

उठो कि बुनने का समय हो रहा है

समकालीन जनमत
केदारनाथ सिंह की कुछ कविताएं   मुक्ति का जब कोई रास्ता नहीं मिला मैं लिखने बैठ गया हूँ मैं लिखना चाहता हूँ ‘पेड़’ यह जानते...
कवितामल्टीमीडिया

यह कैसा फागुन आया है !

समकालीन जनमत
( मुजफ्फरपुर के धरमपुर गांव में भाजपा नेता द्वारा बोलेरो गाड़ी से कुचलकर 9 बच्चों को मार डालने की घटना पर कवि एवं संस्कृतिकर्मी संतोष...
कवितासाहित्य-संस्कृति

जनपक्षधरता से लैस हैं कौशल किशोर की कविताएं

समकालीन जनमत
  लखनऊ में वरिष्ठ कवि एवं संस्कृतिकर्मी कौशल किशोर का एकल काव्य पाठ और परिचर्चा का आयोजन संदीप कुमार सिंह नागरिक परिषद्, लखनऊ द्वारा इंडियन...
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