समकालीन जनमत

Category : सिनेमा

सिनेमा

हिमांचली बच्चों के बीच सिनेमा के जरिये देश दुनिया की खबर

संजय जोशी
कांगड़ा (हिमांचल) 11 दिसंबर. कानपुर, फरीदाबाद, वाराणसी, दिल्ली, बैंगलोर, जयपुर जैसे शहरों में हवा और पानी दिनोदिन ख़राब होता जा रहा है इसके अलावा शहरी...
सिनेमा

भारतीय सिनेमा हाशिये के लोगों का सिनेमा नहीं है : पवन श्रीवास्तव

समकालीन जनमत
प्रतिरोध का सिनेमा : 10 वां पटना फिल्मोत्सव पटना. ‘‘जिसे भारतीय सिनेमा कहा जाता है, उसे भारतीय सिनेमा नहीं कहना चाहिए। वह सच्चे अर्थों में...
सिनेमा

आनंद पटवर्धन को मिला IDFA (नीदरलैंड) का प्रतिष्ठित फ़ीचर लेंथ डाक्यूमेंटरी का बेस्ट अवार्ड

संजय जोशी
हिन्दुस्तान के शीर्ष दस्तावेज़ी फ़िल्मकार आनंद पटवर्धन को कल शाम अमेस्टरडम(नीदरलैंड) में संपन्न हुए IDFA फ़ेस्टिवल में सर्वसम्मति से वहां के शीर्ष अवार्ड ‘फ़ीचर लेंथ...
जनमतसिनेमास्मृति

कल्पना लाज़मी के सिनेमा में एक सशक्त स्त्री की छवि उभरकर सामने आती है

समकालीन जनमत
यूनुस खान   कल्‍पना लाजमी का जाना हिंदी फिल्‍म जगत का एक बड़ा नुकसान है। बहुत बरस पहले एक सीरियल आया था ‘लोहित किनारे’। ये...
शख्सियतसिनेमा

अभिव्यक्ति के प्रति ईमानदार एक रचनाकार की त्रासदी ‘मंटो’

अमरेंद्र नाथ त्रिपाठी ‘मंटो’ बायोपिक फिल्म की बहुत समय से प्रतीक्षा कर रहा था। समय-समय पर आने वाले ट्रेलर या वीडियो के टुकड़े इंतिजार को...
जनमतशख्सियतसिनेमा

ज़मीर को हर शै से ऊपर रखने वाले मंटो

अखिलेश प्रताप सिंह. खुदा ज्यादा महान हो सकता है लेकिन मंटो ज्यादा सच्चे दिखते हैं और उससे भी ज्यादा मनुष्य, क्योंकि मंटो को सब कुछ...
शख्सियतसिनेमा

कबूतरी देवी को लोगों के बीच ले जाने की शुरुआत

संजय जोशी
नैनीताल के निचले हिस्से तल्लीताल में बाजार से ऊपर चढ़ते हुए एक रास्ता खूब सारे हरे-भरे पेड़ों वाले कैम्पस तक ख़तम होता है. यह कैम्पस...
सिनेमा

‘अपनी धुन में कबूतरी’ की पहली स्क्रीनिंग नैनीताल में

संजय जोशी
प्रीमियर शो दुपहर 3.30 जी जी आई सी, तल्लीताल, नैनीताल उत्तराखंड के पुराने लोगों के कानों में अब भी कबूतरी देवी के गाने गूंजते रहते।...
शख्सियतसाहित्य-संस्कृतिसिनेमा

सुरों के उस्ताद, सुनने की उस्तादी

दिनेश चौधरी हरिभाई यानी पंडित हरिप्रसाद चौरसिया जी हमेशा थोड़ी जल्दी में होते हैं। वे आँधी की तरह आये, बाँसुरी की तान छेड़ी, खाना खाये...
सिनेमा

लस्ट स्टोरीज : अपनी राह तलाशती स्त्रियाँ

समकालीन जनमत
‘लस्ट स्टोरीज’ पिछले तीन दशकों में हुए सामाजिक-आर्थिक-राजनीतिक गहमागहमी से बनती गई नयी स्त्री और उसके पुरुष के साथ संबंधों को एक्सप्लोर करती है. यह...
सिनेमा

संजू: इसे बायोपिक की तरह न देख कर देखिए

आशुतोष कुमार
फ़िल्म संजय दत्त की ज़िंदगी की तमाम सचाइयों को दिखाती हो या नहीं, जिस कहानी को वह सचमुच दिखाती है, वह भरोसेमंद, मार्मिक और इतिहास-संगत...
शख्सियतसिनेमा

जब आँख ही से न टपका तो फिर लहू क्या है !

इस ख़त की कोई भूमिका नहीं हो सकती। इरफ़ान, जिनके सिरहाने की एक तरफ़ ज़िंदगी है और दूसरी तरफ़ अंधेरा, ने आत्मा की स्याही से...
जनमतसिनेमा

काला : फ़ासीवाद की पहचान कराती फ़िल्म

आशुतोष कुमार
सुपरस्टार रजनीकांत की जानी पहचानी शैली की फ़िल्म होते हुए भी महज एक कल्ट फ़िल्म नहीं है. यह देश के वर्तमान राजनीतिक माहौल का नाटकीय...
सिनेमा

बॉलीवुड के स्टीरियोटाइप को तोड़ती ‘ राज़ी ’

जावेद अनीस
एक ऐसे दौर में जब राष्ट्रवाद की नयी परिभाषायें गढ़ी जा रही हों और देशभक्ति पर एकाधिकार जताया जा रहा हो तो 'राज़ी' रुपहले परदे...
जनमतसिनेमा

राज़ी : नागरिकता और मनुष्यता का अन्तर्द्वन्द्

आशुतोष कुमार
नेशन फर्स्ट भूमण्डलित दुनिया का नया फैशन है। अमरीका से लेकर रूस तक इसी नारे पर चुनाव जीते जा रहे हैं। भारत में भी इन...
सिनेमा

गरीबों की जमीन हड़पने और उन्हें अपराधी बताने का सिंड्रोम

समकालीन जनमत
(‘हिचकी’ के बहाने भारत की सबसे बड़ी सामाजिक बीमारी की चर्चा) आलोक कुमार श्रीवास्तव मार्च 2018 में आयी रानी मुखर्जी की केंद्रीय भूमिका वाली फिल्म ‘हिचकी’ की मुख्य किरदार नैना माथुर...
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