साहित्य-संस्कृति ‘ मुक्तिबोध ने अंधकार के खिलाफ अपनी कविताओं से ज्योतिशास्त्र लिखा ’समकालीन जनमतNovember 20, 2024November 20, 2024 by समकालीन जनमतNovember 20, 2024November 20, 2024075 इलाहाबाद विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग में 13 नवंबर को मुक्तिबोध जयंती के अवसर पर प्रणय कृष्ण की किताब ‘ मुक्तिबोध साहित्य का गति- पथ ‘...
कविता माया प्रसाद की कविताएँ उस व्यक्ति-मन की प्रतिक्रियाएँ हैं जो अपने परिवेश के प्रति जागरुक और संवेदनशील है।समकालीन जनमतNovember 17, 2024November 17, 2024 by समकालीन जनमतNovember 17, 2024November 17, 20240176 प्रज्ञा गुप्ता डॉ माया प्रसाद की कविताएँ उस व्यक्ति-मन की प्रतिक्रियाएँ हैं जो बहुत संवेदनशील है और अपने पूरे परिवेश के प्रति जागरुक है। उनकी...
ख़बरसिनेमा आरएसएस के विरोध पर आरएनटी मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने नौवें उदयपुर फ़िल्म फेस्टिवल को जबरन रोका समकालीन जनमतNovember 17, 2024 by समकालीन जनमतNovember 17, 2024077 नौवें उदयपुर फिल्म फेस्टिवल के दूसरे दिन भोजन के बाद के सत्र में आर एस एस के कार्यकर्ताओं के विरोध और उनके दबाव में कार्यक्रम...
जनमतशख्सियतसाहित्य-संस्कृति निराला का वैचारिक लेखन: राष्ट्र निर्माण का सवाल और सामाजिक लोकतंत्रदुर्गा सिंहNovember 14, 2024 by दुर्गा सिंहNovember 14, 2024037 निराला के निबंधों और टिप्पणियों में राजनीति और समाज को लेकर महत्वपूर्ण विचार-विमर्श मिलता है। इसमें वे राष्ट्रीय मुक्ति के लिए चलने वाली राजनीति और...
कविता मंजुल भारद्वाज की कविताएँ दमनात्मक व्यवस्था की त्रासदी को उजागर करती हैंउमा रागNovember 10, 2024November 10, 2024 by उमा रागNovember 10, 2024November 10, 20240189 मेहजबीं मंजुल भारद्वाज एक मंझे हुए रंगकर्मी हैं और एक ज़िम्मेदार कवि भी। उनकी अभिव्यक्ति के केन्द्र में लोकतंत्र संविधान और देश की जनता है।...
साहित्य-संस्कृति वंचित-दलित और मेहनतकश जनता की परिवर्तनकारी क्रांतिकारी ताकत में यकीन का नाम है विजेंद्र अनिलसमकालीन जनमतNovember 4, 2024 by समकालीन जनमतNovember 4, 2024063 आरा। जनमित्र कार्यालय, पकड़ी में जन संस्कृति मंच की ओर से तीन नवंबर को जनगीतकार और कथाकार विजेंद्र अनिल के सत्रहवें स्मृति दिवस पर उनके...
कविता कुछ न होगा के विरुद्ध हैं चंद्रभूषण की कविताएँसमकालीन जनमतNovember 3, 2024November 3, 2024 by समकालीन जनमतNovember 3, 2024November 3, 20240117 प्रियम अंकित चंद्रभूषण की कविताएँ निरंतर जटिल होते समय में जनता के सहज सरोकारों के पक्ष में खड़ी होने वाली कविताएँ हैं। आज जब एक...
साहित्य-संस्कृति जसम के स्थापना दिवस पर लखनऊ में परिचर्चा और कविता पाठसमकालीन जनमतOctober 29, 2024October 29, 2024 by समकालीन जनमतOctober 29, 2024October 29, 2024078 लखनऊ। जन संस्कृति मंच के स्थापना दिवस के मौके पर 27 अक्टूबर को जंग और जुल्म के विरोध में परिचर्चा और कविता पाठ का आयोजन...
कविता संजय कुंदन की कविताएँ स्थगित प्रश्नकाल में ख़तरनाक सवाल की उपस्थिति हैं।उमा रागOctober 27, 2024October 27, 2024 by उमा रागOctober 27, 2024October 27, 20240173 अरुण आदित्य संजय कुंदन की कविताओं में गूंजती विविध आवाजों को सुनें तो लगता है कि शास्त्रीयता के बोझ से मुक्त यह कविता दरअसल कविता...
कविता अनुराग यादव की कविताएँ अपने समय और समाज को देखने का विवेक हैं।समकालीन जनमतOctober 20, 2024October 20, 2024 by समकालीन जनमतOctober 20, 2024October 20, 20240234 शंकरानंद कविता की दुनिया में अभी कई पीढ़ियाँ एक साथ सक्रिय हैं और इसी बीच नए लोग भी आ रहे हैं जिनकी उपस्थिति चकित करती...
कविता आशीष तिवारी की कविताएँ सामूहिक प्रतिरोध का आह्वान करती हैं।समकालीन जनमतOctober 13, 2024October 13, 2024 by समकालीन जनमतOctober 13, 2024October 13, 20240179 विपिन चौधरी जहाँ हिन्दी साहित्य में कई युवा रचनाकारों ने अपनी आमद से आश्वस्त किया है ऐसे ही एक युवा कवियों की फ़ेहरिस्त में एक...
साहित्य-संस्कृति नहीं रहे जनपक्षधर, जुझारू जर्नलिस्ट और हिंदी—उर्दू—पंजाबी अदब के शैदाई अमरीकसमकालीन जनमतOctober 12, 2024October 12, 2024 by समकालीन जनमतOctober 12, 2024October 12, 2024045 स्मृतिशेष : लेखक—पत्रकार अमरीक तुम देश छोड़ने का कह रहे थे, दोस्त ! ये क्या किया, तुमने तो दुनिया ही… —ज़ाहिद ख़ान जनपक्षधर, जुझारू जर्नलिस्ट...
कविता ध्रुवदेव मिश्र पाषाण : सार्थक को सिरजने का सर्जककौशल किशोरOctober 10, 2024October 10, 2024 by कौशल किशोरOctober 10, 2024October 10, 20240234 आज हिंदी कविता के क्षेत्र में ऐसे कवियों की बड़ी और महत्वपूर्ण उपस्थिति है जो बढ़ती उम्र के बावजूद सृजनात्मक रूप से सक्रिय हैं। उनका...
साहित्य-संस्कृति युवाओं और बेरोजगारों के सबसे आत्मीय कथाकार हैं अमरकांत : प्रणय कृष्णसमकालीन जनमतOctober 10, 2024October 10, 2024 by समकालीन जनमतOctober 10, 2024October 10, 20240143 बलिया में ‘ शती स्मरण :अमरकांत ‘ का आयोजन बलिया। जन संस्कृति मंच ने अप्रितम कथाकार अमरकांत की जन्म शती आयोजन की श्रृंखला की शुरुआत...
साहित्य-संस्कृति ‘ हाशिए के समाज के लेखक थे प्रो.चौथीराम यादव ’समकालीन जनमतOctober 8, 2024October 8, 2024 by समकालीन जनमतOctober 8, 2024October 8, 20240101 मऊ। राहुल सांकृत्यायन सृजन पीठ और जन संस्कृति मंच के संयुक्त तत्वावधान में संत साहित्य व दलित विमर्श के व्याख्याता काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के हिन्दी...
कविता श्रुति कुशवाहा की कविताओं में स्त्री विमर्श एक आक्रामक तेवर के साथ उपस्थित है।समकालीन जनमतOctober 6, 2024October 6, 2024 by समकालीन जनमतOctober 6, 2024October 6, 20240160 निरंजन श्रोत्रिय स्त्री विमर्श जब ठंडा-सा हो तो वह स्त्री के पक्ष में खड़ा ज़रूर नज़र आता है लेकिन उसकी निर्णायक भूमिका संदिग्ध ही होती...
कविता केतन की कविताएँ वैचारिकी और परिपक्व होते कवित्त का सुंदर समायोजन हैंसमकालीन जनमतSeptember 29, 2024 by समकालीन जनमतSeptember 29, 20240382 अणु शक्ति सिंह कविताओं से गुजरते हुए एक ख़याल जो अक्सर कौंधता है वह कवि की निर्मिति से जुड़ा होता है। वह क्या है जिससे...
जनमतपुस्तक ज़ीरो माइल अयोध्यादुर्गा सिंहSeptember 25, 2024 by दुर्गा सिंहSeptember 25, 2024072 अयोध्या, पिछले दिनों हुए लोकसभा के आम चुनाव के परिणाम आने के बाद, फिर से चर्चा में आ गया। पिछले सात दशकों से राष्ट्रीय स्वयंसेवक...
साहित्य-संस्कृति ‘ याद ए तश्ना’ कार्यक्रम में ‘तज़किरा’ त्रैमासिक पत्रिका का विमोचनसमकालीन जनमतSeptember 23, 2024 by समकालीन जनमतSeptember 23, 2024037 लखनऊ। जन संस्कृति मंच की ओर से मशहूर अवामी शायर तश्ना आलमी के सातवें स्मृति दिवस के अवसर पर इप्टा दफ़्तर कैसरबाग में ‘ याद...
कविता आदित्य रहबर की कविताएँ सामाजिक-मानवीय मुद्दों की व्याख्या हैंसमकालीन जनमतSeptember 22, 2024September 22, 2024 by समकालीन जनमतSeptember 22, 2024September 22, 20240263 अंशु चौधरी आधुनिक सभ्यता का जब भी आकलन किया जाता है, तब उसकी प्रगति और विकास की कहानी के साथ-साथ, उसके भीतर का विडंबनात्मक संघर्ष...