समकालीन जनमत

Category : साहित्य-संस्कृति

कविता

अपराजिता अनामिका की कविताएँ पुरुष प्रधान समाज से प्रतिवाद करती स्त्री अस्मिता की पक्षधर हैं

समकालीन जनमत
गुंजन विधान किसी कवि के शुरुआती दौर में जो आवेग और मौजूदा सामाजिक ढांचे के साथ ऐतिहासिक समझ होनी चाहिए वह अपराजिता अनामिका में मौजूद...
स्मृति

मुर्दहिया की जमीन पर याद किये गए ‘मुर्दहिया’ के लेखक प्रो. तुलसी राम

राम नरेश राम
(प्रो तुलसी राम स्मृति आयोजन , धरमपुर आजमगढ़) 9 फरवरी 2025 को आजमगढ के धरमपुर गाँव में प्रो तुलसीराम को याद किया गया। 1 जुलाई...
साहित्य-संस्कृति

कलिंग पुरस्कार की प्रतिस्पर्धा से बाहर आने का फैसला किसी की प्रेरणा का नतीजा नहीं था : देवी प्रसाद मिश्र

वरिष्ठ कवि देवी प्रसाद मिश्र ने एक वक्तव्य में कहा है कि ‘ कलिंग पुरस्कार की प्रतिस्पर्धा से बाहर आने का  फैसला किसी की प्रेरणा...
साहित्य-संस्कृति

जसम लखनऊ का सम्मेलन : असगर मेहदी अध्यक्ष, शैलेश पंडित कार्यकारी अध्यक्ष तथा फरजाना महदी सचिव चुने गए

लखनऊ। जन संस्कृति मंच की लखनऊ इकाई का सम्मेलन नौ फरवरी को सी बी सिंह सभागार, हजरतगंज में आयोजित हुआ जिसमें उर्दू लेखक, इतिहासकार तथा...
साहित्य-संस्कृति

कवि केशव तिवारी ने प्रायोजकों के साथ अपनी वैचारिक असहमति के कारण लिया कलिंगा सम्मान वापसी का फ़ैसला

उमा राग
कवि केशव तिवारी ने कलिंगा सम्मान के प्रायोजकों के साथ अपनी वैचारिक असहमति दर्ज करते हुए इस सम्मान को स्वीकार न करने का फैसला किया...
कविता

सत्यम तिवारी की कविताएँ व्यवस्था के दंभ से व्यक्ति के भीतर पनप रहे अन्तर्द्वंद को व्यक्त करती हैं

समकालीन जनमत
अनुराग यादव सफलता की नयी-नयी मिसालें स्थापित करने के वर्तमान समय में एक व्यक्ति के भीतर बढ़‌ती बेचैनी को दर्शाने का सफ‌ल प्रयास सत्यम तिवारी...
साहित्य-संस्कृति

भगवान स्वरूप कटियार के लेखन में लोकतांत्रिक मूल्यों को बचाने की चिंता है – जयप्रकाश नारायण

लखनऊ। हिंदी के वरिष्ठ कवि तथा साहित्यकार भगवान स्वरूप कटियार को उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान के निराला सभागार में उनके 75 साल का होने पर...
कविता

एकता वर्मा की कविताएँ स्त्री मन की पीड़ा और अमानवीय होते समय की कविताएँ हैं

समकालीन जनमत
श्रीधर करुणानिधि कविताएँ सिर्फ़ सूचना नहीं देतीं भावपूर्ण स्थितियों के माध्यम से खुद की अभिव्यक्ति पर पहुँच कर थम जाती हैं और बाकी का काम...
स्मृति

दोस्ती के तारामंडल का एक और तारा टूट गया

संजय जोशी
(फ़िल्मकार, कवि, छायाकार, संपादक और सामाजिक कार्यकर्ता तरुण भारतीय की याद ) यह संभवत 1993 का मार्च या अप्रैल का महीना रहा होगा। जामिया के...
पुस्तक

बाल साहित्य पर संजीदा बातें

समकालीन जनमत
लाल्टू अच्छी बात यह है कि टाटा ट्रस्ट के पराग इनीशिएटिव द्वारा प्रकाशित इस किताब का नाम ‘…ऐन इंडियन स्टोरी ‘ रखा गया है, और...
कवितास्मृति

तरुण भारतीय की कविताएँ हिंदी कविता का उत्तरपूर्वी अंग हैं

समकालीन जनमत
असद ज़ैदी प्रसिद्ध फिल्म निर्माता, कवि और सामाजिक कार्यकर्ता तरुण भारतीय का 25 जनवरी की सुबह दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। ‘समकालीन...
स्मृति

नाज़िम हिक़मत : प्रेम और जिजीविषा के महान कवि

समकालीन जनमत
सुशील सुमन पिछले सप्ताह 15 जनवरी को तुर्की के महाकवि नाज़िम हिक़मत का जन्मदिवस बीता है। प्रेम और क्रान्ति के इस अनूठे कवि की आधुनिक...
साहित्य-संस्कृति

शमशेर जयंती: कवि के पास जाने के लिए उड़ान चाहिए

के के पांडेय
शामली जिले में 12 जनवरी को कवि शमशेर बहादुर सिंह की जयंती (जन्मदिन 13 जनवरी 1911) पर उनके पैतृक गांव एलम में सालाना जलसा आयोजित...
कविता

लक्ष्मण प्रसाद गुप्ता की कविताएँ देशकाल की पड़ताल और प्रतिगामी शक्तियों की शिनाख़्त करती हैं।

समकालीन जनमत
अरुण आदित्य लक्ष्मण प्रसाद गुप्ता की कविता देशकाल की पड़ताल और प्रतिगामी शक्तियों के प्रतिरोध की कविता है। यहाँ हाशिए के लोग हैं, उनका श्रम...
कविता

मनीषा मिश्रा की कविताएँ समाज के प्रति अपनी जागरूक भूमिका को निभाने का प्रयास हैं

समकालीन जनमत
सोनी पाण्डेय बाँस की कोपलों सी बढ़ती है लड़कियाँ…. विमर्श और स्त्री मुक्ति के नारों के बीच आज की कस्बाई औरतों के संघर्षों का यदि...
कविता

डॉ हेमन्त कुमार और पूनम श्रीवास्तव के कविता संग्रह का विमोचन 

समकालीन जनमत
लखनऊ। जन संस्कृति मंच (जसम) की ओर से छह जनवरी को डॉ हेमन्त कुमार के कविता संग्रह ‘ कटघरे के भीतर ‘ तथा पूनम श्रीवास्तव...
स्मृति

‘ बुनती रहे हमारी अंगुलियां/इकतारे की धुन पर/सुनते हुए अनहद का नाद/झीनी-झीनी चादर यह ’

कौशल किशोर
क्रांतिकारी वाम व जनवादी धारा के कवि ध्रुवदेव मिश्र पाषाण का जाना आहत कर देने वाला है। 7 जनवरी सुबह 9:00 बजे अपने देवरिया स्थित...
स्मृति

रवि किरन जैन : संविधान विशेषज्ञ, राज्य दमन के खिलाफ नागरिक अधिकारों के निडर योद्धा और यारों के यार  

के के पांडेय
इलाहाबाद राजनैतिक और अदबी हलचलों का लंबे दौर से एक मजबूत केंद्र रहा है। दोनों की एक दूसरे में आवाजाही जितनी सहजता से यहां दिखती...
कविता

रणेन्द्र की कविताएँ युगबोध और प्रतिबद्धता की बानगी हैं।

समकालीन जनमत
प्रज्ञा गुप्ता “रणेन्द्र युगबोध के कवि हैं। रणेन्द्र का कवि मन अपनी विविध प्रतिबद्धताओं,सरोकारों के बीच रागारुण संवेदना के साथ उपस्थित है।” ‘ग्लोबल गाँव के...
साहित्य-संस्कृति

राजनैतिक आंदोलन के साथ सांस्कृतिक आंदोलन तेज करना ही मधुकर सिंह के साहित्य का संदेश : सुदामा प्रसाद

आरा। ‘‘ आज का दौर भारतीय लोकतंत्र के लिए एक नाजुक दौर है। इस दौर में लोकतंत्र को बचाने की जो चुनौती है, उसके लिए...
Fearlessly expressing peoples opinion