पुस्तक मुक्तिबोध : सर्जक और विचारकरामजी रायAugust 9, 2023August 10, 2023 by रामजी रायAugust 9, 2023August 10, 20230162 पुस्तक-चर्चा सेवाराम त्रिपाठी की किताब ‘मुक्तिबोध : सर्जक और विचारक’ बहुत पहले ही मुझे मिली थी। फुरसत के क्षणों में उसके चैप्टर्स पलटता रहा हूँ।...
साहित्य-संस्कृति बेसबब हुआ ग़ालिब दुश्मन आसमां अपनारामजी रायJuly 28, 2023September 9, 2023 by रामजी रायJuly 28, 2023September 9, 20230184 (मुक्तिबोध पर मेरी किताब ‘स्वदेश की खोज’ पर बौद्धिक चोरी के आरोप पर कुछ बातें ) हम कहाँ के दाना थे, किस हुनर में यक़तां...
शख्सियत कामरेड ज़िया भाई ज़िंदाबाद !रामजी रायSeptember 29, 2020September 30, 2020 by रामजी रायSeptember 29, 2020September 30, 202005413 ( 28 सितम्बर 1920 को इलाहाबाद के जमींदार मुस्लिम परिवार में पैदा हुए ज़िया –उल-हक़ ने अपने जीवन के सौ साल पूरे कर लिए हैं....
जनमतशख्सियतस्मृति “यह थी भूमिका हम-तुम मिले थे जब” मुक्तिबोध स्मरण (जन्मदिन 13 नवम्बर)रामजी रायNovember 13, 2019November 13, 2019 by रामजी रायNovember 13, 2019November 13, 201902730 मुक्तिबोध और उनकी कविता के बारे में लोग कहते हैं कि वो विकल-बेचैन, छटपटाते कवि हैं. लेकिन देखिये तो दरअसल, मुक्तिबोध कविता की विकलता के...
जनमतशख्सियतसाहित्य-संस्कृति त्रिलोचन की याद : बज़िद अपनी राह चलने वाला कविरामजी रायAugust 20, 2019August 20, 2019 by रामजी रायAugust 20, 2019August 20, 201903304 (आज त्रिलोचन का जन्मदिन होता है । इस मौके पर प्रस्तुत है ‘समकालीन जनमत’ के प्रधान संपादक रामजी राय का यह संस्मरण ।) “पथ पर...
जनमतस्मृति खैनी खिलाओ न यार! उर्फ़ मौत से चुहल (सखा, सहचर, सहकर्मी, कॉमरेड महेश्वर की एक याद)रामजी रायJune 25, 2019June 25, 2020 by रामजी रायJune 25, 2019June 25, 20205 3741 अपने प्रियतर लोगों- कृष्णप्रताप (के.पी.), गोरख, कामरेड विनोद मिश्र, महेश्वर पर चाहते हुए भी आज तक कुछ नहीं लिख सका। पता नहीं क्यों? इसकी वज़ह...
साहित्य-संस्कृति अंतःकरण और मुक्तिबोध के बहानेरामजी रायNovember 13, 2018December 2, 2018 by रामजी रायNovember 13, 2018December 2, 20185 4833 (मुक्तिबोध के जन्मदिन पर समकालीन जनमत के प्रधान संपादक रामजी राय का आलेख) 2017 में मुक्तिबोध की जन्मशताब्दी गुज़री है और 2018 मार्क्स के जन्म...
जनमत विकास, विस्थापन और साहित्य (संदर्भ झारखंड)रामजी रायNovember 7, 2018November 7, 2018 by रामजी रायNovember 7, 2018November 7, 20185 4633 आज इस बात में किसी को कोई संदेह नहीं रह गया है कि ग्लोबल पूंजीवाद के लाभ-लोभ के चलते दुनिया में गरीबी और पर्यावरण का...
स्मृति कामरेड शाह चाँद की यादरामजी रायNovember 2, 2018November 2, 2018 by रामजी रायNovember 2, 2018November 2, 20184 2117 जाने कितनी यादे हैं कामरेड शाह चाँद की। आईपीएफ और फिर इंकलाबी मुस्लिम कान्फ्रेंस में साथ काम करने की। कामरेड तकी रहीम से नोक-झोंक फिर...
जनमतस्मृति आत्म-अलगाव (एलिअनेशन) का प्रश्न और मुक्तिबोधरामजी रायSeptember 11, 2018September 11, 2018 by रामजी रायSeptember 11, 2018September 11, 201803153 ( गजानन माधव मुक्तिबोध (जन्म : 13 नवंबर 1917-मृत्यु :11 सितंबर 1964) हिंदी साहित्य के प्रमुख कवि, आलोचक, निबंधकार, कहानीकार तथा उपन्यासकार रहे हैं ....
जनमतशख्सियत खैनी खिलाओ न यार! /उर्फ / मौत से चुहल (सखा, सहचर, सहकर्मी, कामरेड महेश्वर की एक याद)रामजी रायJune 25, 2018June 25, 2018 by रामजी रायJune 25, 2018June 25, 20182 3177 अपने प्रियतर लोगों- कृष्णप्रताप (के.पी.), गोरख, कामरेड विनोद मिश्र, महेश्वर पर चाहते हुए भी आज तक कुछ नहीं लिख सका। पता नहीं क्यों? इसकी वज़ह...