समकालीन जनमत

Month : May 2022

जनमतज़ेर-ए-बहस

भारतीय लोकतंत्र का पुलिस राज्य में रुपांतरण

जयप्रकाश नारायण  बरपेटा के जुडिशल मजिस्ट्रेट ए चक्रवर्ती  ने जिग्नेश मेवानी के मामले में  कहा कि हमने बहुत कठिन संघर्ष के बाद लोकतंत्र हासिल किया...
कविता

सुजाता गुप्ता की कविताएँ समाज की कुरूप सच्चाइयों से उपजी अकुलाहट हैं।

सौम्या सुमन कवि केदारनाथ सिंह ने कहा है कि कविता के पास अपना विचार होना चाहिए और जीवन जगत के बारे में उसका विचार जितना...
ज़ेर-ए-बहस

भारत जो एक जीवन-वृक्ष था उसे बड़ी बेरहमी से धराशायी किया जा रहा है

सबा नक़वी आज की तारीख में पूरे भारत में विभिन्न स्थानों पर सघन हिन्दुत्व की लामबंदी क्यों की जा रही है? क्या हमने अचानक अपने...
सिनेमा

धूप की दीवार : मोर दैन अ रिव्यू   

मीनल
कुछ समय हुआ मुझे ज़ी फाइव ओटीटी प्लेटफार्म पर पाकिस्तानी सीरीज़ ‘धूप की दीवार’ देखे हुए और इस सीरीज़ के हर एपिसोड के साथ ज़हन...
कविता

संध्या नवोदिता की कविताओं में जिजीविषा और यथार्थ की कड़वाहट के स्वर प्रमुख हैं

निरंजन श्रोत्रिय युवा कवयित्री संध्या नवोदिता की ये कविताएँ थिर तापमान की हैं। उनकी कविताओं में अमूर्तता, रागात्मकता, राजनीतिक चेतना और जनसंघर्ष के स्वर स्पष्ट...
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