समकालीन जनमत

Month : September 2018

जनमत

गौरी लंकेश को अपने विचारों में जिंदा रखें

समकालीन जनमत
यह मातम मनाने का वक्त नहीं है. लंकेश के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी कि हम लंकेश की मुहिम को आगे बढ़ाएँ. ‘फेक न्यूज फैक्ट्री’...
पुस्तक

दो सौ साल बाद मार्क्स का अर्थशास्त्र

गोपाल प्रधान
2018 में लुलु.काम से माइकेल राबर्ट्स की किताब ‘ मार्क्स200: -ए रिव्यू आफ़ मार्क्स इकोनामिक्स 200 ईयर्स आफ़्टर हिज बर्थ ’ का प्रकाशन हुआ. किताब...
ख़बर

मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी के खिलाफ वर्धा में प्रतिरोध सभा

समकालीन जनमत
महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय, वर्धा, महाराष्ट्र के प्रगतिशील छात्र संगठनों और स्थानीय न्याय पसंद लोगों ने देश के मौजूदा हालात के खिलाफ प्रतिरोध सभा...
कविता

सुभाष राय की कविताओं की सबसे बड़ी विशेषता है वाग्मिता- राजेश जोशी

डॉ संदीप कुमार सिंह लखनऊ. कविता पर एक संजीदा बहस. सुभाष राय के कविता संग्रह ‘ सलीब पर सच ’ के बहाने. आज के समय में हिंदी कविता के दो शिखर व्यक्तित्व नरेश सक्सेना और राजेश...
चित्रकला

मोनालिसा : तस्वीर के कई और रंग भी हैं

अशोक भौमिक
( मोनालिसा को लेकर  शताब्दी से भी ज्यादा समय से कई किस्म के  विवाद चलते रहे हैं।  कई इसे एक साधारण सा चित्र मानते हैं,...
जनमत

‘ ललई यादव को भुला देना समाजवादी आंदोलन का भटकाव था ’

ललई यादव को भुला देना समाजवादी आंदोलन का भटकाव था. दूसरे शब्दों में ब्राह्मणवाद पूंजीवाद के समक्ष समर्पण था. जो वैचारिक संघर्ष ललई यादव व...
जनमत

सत्ता पाने का औजार है साम्प्रदायिकता

लखनऊ में शीरोज बतकही की दसवीं कड़ी लखनऊ. हर रविवार आयोजित होने वाले शीरोज बतकही की दसवीं कड़ी में साम्प्रदायिक राजनीति के वर्तमान निहितार्थ पर...
कविताजनमतसाहित्य-संस्कृति

समय के जटिल मुहावरे को बाँचती घनश्याम कुमार देवांश की कविताएँ

उमा राग
आज के युवा बेहद जटिल समय में साँस ले रहा है. पूर्ववर्ती पीढ़ी में मौजूद कई नायाब और सौंधे सुख उसकी पीढ़ी तक पहुँचने से...
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