समकालीन जनमत

Author : प्रणय कृष्ण

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स्मृति

प्रो. लालबहादुर वर्मा : अप्रतिम आवयविक बुद्धिजीवी के रूप में एक प्रकाश-स्तम्भ

प्रणय कृष्ण
( अप्रतिम जनबुद्धिजीवी प्रो. लालबहादुर वर्मा अब हमारे बीच नहीं हैं। आज उनका निधन हो गया। समकालीन जनमत उनको श्रद्धांजलि देते हुए प्रो. प्रणय कृष्ण का...
शख्सियत

कविता की मुक्ति और मुक्ति की कविताः गोरख पाण्डेय का काव्य

प्रणय कृष्ण
(सन् 2005 में ‘ समय का पहिया ‘ शीर्षक से प्रकाशित गोरख पाण्डेय की चुनिंदा कविताओं के संकलन की भूमिका के रूप में लिखे इस...
स्मृति

´´ हम तारों से आये हैं और तारों में ही चले जायेंगे वापस ´´

प्रणय कृष्ण
विलक्षण कवि -लेखक, सम्पादक, अनुवादक, जन संस्कृति मंच के संस्थापक सदस्य और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, कामरेड और सबसे बढ़कर एक दुर्लभ इंसान के रूप में हमारी स्मृतियों...
शख्सियत

“HAPPY 100th BIRTHDAY ZIA BHAI !”

प्रणय कृष्ण
( 28 सितम्बर 1920 को इलाहाबाद के जमींदार मुस्लिम परिवार में पैदा हुए ज़िया –उल-हक़ ने अपने जीवन के सौ साल पूरे कर लिए हैं....
ख़बरजनमत

फै़ज़ को क्यों और कैसे पढे़ ?

प्रणय कृष्ण
उर्दू काव्यशास्त्र में मज़मून (कंटेंट) और मानी (मीनिंग) में फर्क किया गया है। इसे समझने के लिए हमें ‘गुबारे- अय्याम’ में संकलित ‘तराना-2’ (1982) सुनना/पढ़ना...
जनमतशख्सियतस्मृति

नामवर सिंह ने कभी अवकाश ग्रहण नहीं किया

प्रणय कृष्ण
नामवर सिंह नहीं रहे. 93 साल की उन्होंने उम्र पायी, लेकिन लगता है जैसे किसी विराट उपस्थिति ने अचानक हमें किसी न भरे जा सकने...
साहित्य-संस्कृति

आधुनिक सभ्यता-संकट की प्रतीक-रेखा (मुक्तिबोध और स्त्री-प्रश्न)

प्रणय कृष्ण
मुक्तिबोध जयंती पर विशेष   स्त्री स्वाधीनता और उस स्वाधीनता की अभिव्यक्ति के प्रश्न को जितनी गहनता और विस्तार मुक्तिबोध-साहित्य में मिला वैसा हिन्दी साहित्य...
शख्सियतसाहित्य-संस्कृति

अपने-अपने रामविलास: प्रणय कृष्ण

प्रणय कृष्ण
आज रामविलास जी का जन्मदिन पड़ता है.  इस अवसर पर प्रणय कृष्ण का लिखा आलेख ‘अपने अपने रामविलास’ समकालीन जनमत के पाठकों के लिए यहाँ...
स्मृति

चंद्रशेखर : नई पीढ़ी का नायक

प्रणय कृष्ण
चंद्रशेखर की सबसे प्रिय किताब थी लेनिन की पुस्तक ‘क्या करें’। नेरुदा के संस्मरण भी उन्हें बेहद प्रिय थे। अकसर अपने भाषणों में वे पाश...
शख्सियत

राजेन्द्र कुमार : जैसा मैंने उन्हें देखा

प्रणय कृष्ण
उनका अलंकरण मुश्किल है. उनके बारे में अतिशयोक्ति संभव नहीं. ध्यान से देखें तो उन्होंने अपने जीवन और अपनी रचना में कुछ भी अतिरिक्त, कुछ...
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