समकालीन जनमत

Day : September 19, 2018

ख़बरशख्सियतसाहित्य-संस्कृति

विष्णु खरे: बिगाड़ के डर से ईमान का सौदा नहीं किया

मृत्युंजय
विष्णु जी नहीं रहे। हिंदी साहित्य संसार ने एक ऐसा बौद्धिक खो दिया, जिसने ‘बिगाड़ के डर से ईमान’ की बात कहने से कभी भी...
कविताजनमतस्मृति

जीवन को एक कार्निवल के रूप में देखने वाला कवि कुँवर नारायण

समकालीन जनमत
  कमोबेश दो शताब्दियों की सीमा-रेखा को छूने वाली कुँवर नारायण की रचना-यात्रा छह दशकों से भी अधिक समय तक व्याप्त रही है। उनका पूरा...
शख्सियतसिनेमा

कबूतरी देवी को लोगों के बीच ले जाने की शुरुआत

संजय जोशी
नैनीताल के निचले हिस्से तल्लीताल में बाजार से ऊपर चढ़ते हुए एक रास्ता खूब सारे हरे-भरे पेड़ों वाले कैम्पस तक ख़तम होता है. यह कैम्पस...
साहित्य-संस्कृति

जड़ समाज को झिझोड़ने की जरूरत है – डाॅ नासिरा शर्मा

जन संस्कृति मंच ने 17 सितम्बर को लखनऊ में उर्दू के मशहूर शायर तशना आलमी की पहली बरसी पर ‘ अदब में बाईं पसली खवातीन...
Fearlessly expressing peoples opinion