समकालीन जनमत

Day : June 10, 2018

कविताजनमतसाहित्य-संस्कृति

कुमार मुकुल की कविताएँ : लोकतंत्र के भगवाकरण की समीक्षा

समकालीन जनमत
30 वर्षों से रचनारत कुमार मुकुल के कविता परिदृश्य का रेंज विशाल और वैविध्य से भरा है , प्रस्तुत कविताओं में आज के समय को...
जनमत

नफरत के खिलाफ अदब का प्रोटेस्ट है ‘मै मुहाजिर नहीं हूं ’ – शारिब रुदौलवी

समकालीन जनमत
कथाकार-उपन्यासकार बादशाह हुसैन रिजवी के उपन्यास ‘मै मुहाजिर नहीं हूं’ के उर्दू संस्करण का 9 जून को यूपी प्रेस क्लब में विमोचन हुआ. इस उपन्यास...
ख़बर

मार्क्स का चिंतन सिर्फ आर्थिक नहीं सम्पूर्ण मनुष्यता का चिंतन है: रामजी राय

समकालीन जनमत
मार्क्स ने मुनष्य को एक समुच्चय में नहीं एक सम्पूर्ण इकाई के रूप में समझा और कहा कि वह एक ही समय में आर्थिक, राजनीतिक,...
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