समकालीन जनमत

Tag : Contemporary Hindi Poetry

कविता

महेश वर्मा की कविताएँ अनेक अबूझ, बिखरे दृश्यों से संवाद करती हैं

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वसु गंधर्व पाठक बड़ी तन्मयता से, कविताओं के आवरणों से होकर कवि के हृदय की निशीथ तहों को आँकता है। कविता की अपनी अर्थ-भाव-भूमि से इतर,...
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‘प्रेम’ नवीन रांगियाल की कविताओं का अर्क है

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 गीत चतुर्वेदी नवीन रांगियाल की कविताएँ पढ़ते हुए प्राचीन संस्कृत काव्यशास्त्र की सहज स्मृति हो जाती है। नवीन अपनी कविता में हर अक्षर, हर शब्द...
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बाबुषा की कविताएँ जीवन को तप करके पत्थर के बरक्स पानी बना देने की हिमायती हैं

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दीपक जायसवाल मेरे ज़माने की ऐसी लेखिका जिसे पानी पर लिखी तहरीरें पढ़ना आता है, बारिशें जिनकी पुरखिन हैं, जिनके यहाँ सूरज पर लगा ग्रहण,...
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सुभाष यादव की कविताएँ संभावनाओं की आवाज़ हैं

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विनय सौरभ   सुभाष यादव की कविताएँ आपको चौंकाएँगी नहीं। न ही किसी विस्मय से भरेंगी ! ये कविताएँ वैसी ही हैं जैसे किसी निर्जन...
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आशीष त्रिपाठी की कविताएँ विषाक्त दौर में प्रकृति की दरियादिली को ज़ाहिर करती हैं

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विपिन चौधरी   रचनात्मक और जिज्ञासु संचेतना देर-सवेर अपनी भाषा विकसित कर लेती है. यह भाषा कवि की आत्मा की भाषा है. अपने भीतर के...
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अखिल कत्याल की कविताएँ दोस्त की तरह हैं

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शुभम श्री अखिल की कविताओं को कैसे पढ़ें सबसे पहले इन पाँच सौ शब्दों के चिट्ठे को नज़रअंदाज करें और तेज गति से स्क्रोल कर...
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जितेंद्र श्रीवास्तव की कविताएँ मनुष्यता का संधान करती हैं

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देवेश पथ सारिया   वरिष्ठ कवि जितेंद्र श्रीवास्तव की कविताओं से गुज़रते हुए लगता है कि यह कवि मनुष्य एवं प्रकृति के बीच तादात्म्य की...
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विमल भाई की कविताएँ क्वीयर कविता के संघर्ष और सौंदर्यबोध की बानगी हैं

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अखिल कत्याल विमल भाई, अलविदा! कुछ एक साल पहले की बात है। अपनी मित्र अदिति अंगिरस के साथ मैं एक ‘क्वीयर कविताओं’ के संग्रह का...
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भरत प्रसाद की कविताएँ: यह शरीर जो कारागृह है घोंट रहा मेरा पक्षीपन

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आशीष त्रिपाठी                                                                          भरत प्रसाद कवि हैं । कवि होने की सभी शर्तों को पूरा करते कवि । उनकी कविताओं की दुनिया घर से बाहर,...
कविता

नरेश गुर्जर की कविता दृश्य की पृष्ठभूमि पर ठहरी हुई निगाह है

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बबली गुर्जर कविताओं की सरलता उनकी ख़ूबसूरती का पैमाना होती है। कुछ कविताएँ किसी पदबंध के अधीन नहीं होती। उन्हें सुनते पढ़ते समय जिया भी...
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वसु गन्धर्व की कविताएँ मन्द्र उपस्थिति के मुखर स्वर हैं

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रंजना मिश्र कुछ स्वर अपनी मन्द्र उपस्थिति में अधिक सुन्दर, अधिक मुखर होते हैं। वे कोमल, गझिन और एकान्तिक होते हुए भी अपनी ज़मीन पर...
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प्रवीण परिमल की कविताओं में प्रेम है तो अन्याय का प्रतिकार भी

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कौशल किशोर प्रवीण परिमल की कविताओं पर आलोचक प्रो रविभूषण का कहना है ‘जो प्रेम नहीं करता, वह मनुष्य ही नहीं है।…..प्रेम ही जीवन है।...
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मरहूम कवयित्री शहनाज़ इमरानी की कविताएँ उम्मीद का हाथ थामे रास्ता दिखाएंगी

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मेहजबीं मरहूम कवयित्री शहनाज़ इमरानी की कविताएँ अपने वर्तमान समय की राजनीतिक सामाजिक आर्थिक परिस्थितियों का दस्तावेज़ हैं। समाज का कोई कोना उनकी सूक्ष्म दृष्टि...
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नेहा नरुका की कविताएँ समझ और साहस के संतुलन की अभिव्यक्ति हैं

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मदन कश्यप युवा कवि नेहा नरूका का यथार्थ को देखने का दृष्टिकोण इतना अलग और मौलिक है कि वह आकर्षित ही नहीं करता, बल्कि कई...
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मनीष आज़ाद की कविताएँ क्रांति की कामना को बचाए रखती हैं

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प्रियदर्शन मूलतः अपनी सामाजिक सक्रियता और मानवाधिकारों के पक्ष में अपनी लड़ाई की वजह से सत्ता की आंखों की किरकिरी बने और जेल तक जा...
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प्रिया वर्मा की कविताएँ शुचितावादी धारणाओं को धता बताती हैं

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जोशना बैनर्जी आडवानी “आम्रपाली की कथा बांचो परिव्राजक! और अब कहो कि तुम्हारे डर को मिट जाना चाहिए। उस गलफंद को कहूँ मैं धन्यवाद? मुझे...
कविता

प्रेम नन्दन की कविताएँ लोकजीवन और उसके संघर्ष की कविताएँ हैं

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कौशल किशोर   प्रेम नन्दन की कविताओं से गुजरते हुए लगता है कि लोकजीवन और उसका संघर्ष अपनी गरिमा के साथ उपस्थित है। यहां ‘पथराई...
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पंखुरी सिन्हा की कविताएँ: तबाही के बरख़िलाफ़ स्मृतियों की पुकार

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विपिन चौधरी जब कोई कविता, संसार के किसी भी शहर के भीतर बसी सामूहिक स्मृतियों के साथ उस शहर के इतिहास और वहाँ के सामाजिक...
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शुक्ला चौधुरी : मैं लिखूँ कविता पेड़ों की/चिड़ियों की/ ख़ौफ़ नहीं/प्रेम की…..

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कौशल किशोर शुक्ला चौधुरी ऐसी कवयित्री हैं जिन्हें आकाश की ऊँचाई का पता है। वे जानती हैं कि हाथ से आकाश को नहीं छू सकती...
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हम सभी के घर में गणित के जादूगर हैं: ऊषा दशोरा की कविताएँ

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अरुण शीतांश स्त्री जीवन की विडंबनाओं पर बहुत सारी कविताएँ हमने पढ़ी हैं और उनके माध्यम से उस जीवन की तमाम कही अनकही जटिलताओं से...
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