कविता माटी पानी : सत्ता और समय की पहचानसमकालीन जनमतJanuary 10, 2019June 3, 2019 by समकालीन जनमतJanuary 10, 2019June 3, 201903162 रवि श्रीवास्तव सदानंद शाही के कविता संकलन ‘माटी-पानी’ को पढ़ते हुए मिर्ज़ा ग़ालिब का एक शेर याद आया- ‘ जो उलझी थी कभी आदम के...
जनमत संविधान बचेगा, तभी देश भी बचेगारवि भूषणDecember 1, 2018December 1, 2018 by रवि भूषणDecember 1, 2018December 1, 20183 2644 25 नवम्बर 1949 को अम्बेडकर ने संविधान सभा में अन्तिम बार अपना भाषण, समापन भाषण दिया था जिसमें उन्होंने कई ऐसी बातें कही थीं, जो...
शख्सियतसिनेमा अभिव्यक्ति के प्रति ईमानदार एक रचनाकार की त्रासदी ‘मंटो’समकालीन जनमतSeptember 23, 2018 by समकालीन जनमतSeptember 23, 20185 2902 अमरेंद्र नाथ त्रिपाठी ‘मंटो’ बायोपिक फिल्म की बहुत समय से प्रतीक्षा कर रहा था। समय-समय पर आने वाले ट्रेलर या वीडियो के टुकड़े इंतिजार को...
जनमत ‘कुछ नॉस्टैल्जिया तो है’ हेमंत कुमार की कहानी ‘रज्जब अली’ मेंदीपक सिंहAugust 14, 2018August 14, 2018 by दीपक सिंहAugust 14, 2018August 14, 201810 1957 (कथाकार हेमंत कुमार की कहानी ‘ रज्जब अली ’ पत्रिका ‘ पल-प्रतिपल ’ में प्रकाशित हुई है. इस कहानी की विषयवस्तु, शिल्प और भाषा को...
शख्सियतसाहित्य-संस्कृति सत्ता संपोषित मौजूदा फासीवादी उन्माद प्रेमचंद की विरासत के लिए सबसे बड़ा खतरा:डॉ. सुरेंद्र प्रसाद सुमनसमकालीन जनमतAugust 1, 2018August 1, 2018 by समकालीन जनमतAugust 1, 2018August 1, 201802628 लोकतंत्र, संविधान और साझी संस्कृति के नेस्तनाबूद करने की हो रही है गहरी साजिश-कल्याण भारती प्रेमचंद के सपनों के भारत से ही बचेगी हमारी साझी...