कविता ‘ फ्री कालिंग है पर बातचीत के हालात नहीं हैं ‘समकालीन जनमतMay 9, 2020May 10, 2020 by समकालीन जनमतMay 9, 2020May 10, 202002592 आठ मई की शाम समकालीन जनमत द्वारा आयोजित फ़ेसबुक लाइव में जब कवि पंकज चतुर्वेदी अपने कविता पाठ के लिए प्रस्तुत हुए तो काफ़ी देर...
कविताजनमत वीरेनियत 4: सन्नाटा छा जाए जब मैं कविता सुनाकर उठूँसमकालीन जनमतNovember 4, 2019November 4, 2019 by समकालीन जनमतNovember 4, 2019November 4, 201911351 पंकज चतुर्वेदी ‘वीरेनियत-4’ के अन्तर्गत इंडिया हैबिटेट सेण्टर, नयी दिल्ली में शुभा जी का कविता-पाठ सुना। उनकी कविताएँ समकालीन परिस्थितियों से उपजे इतने गहन तनाव...
कविता बच्चों की मृत्यु पर प्रतिरोध की कविताएँसमकालीन जनमतJune 19, 2019June 26, 2019 by समकालीन जनमतJune 19, 2019June 26, 20197 4584 1. मरते हुए बच्चों के देश में जन्म दिन – देवेंद्र आर्य मेरे अनाम अपरिचित बच्चों कितना त्रासद है यह जन्मदिन इधर मर रहा है बचपन...
ख़बरशख्सियतसाहित्य-संस्कृति हिंदी के अभिमान की विदाईसमकालीन जनमतFebruary 20, 2019 by समकालीन जनमतFebruary 20, 201902952 (हिन्दी के सुपरिचित युवा कवि और आलोचक पंकज चतुर्वेदी की तरफ से नामवर सिंह को श्रद्धांजलि ।) आज सुबह यह मालूम होते ही कि डॉक्टर...
शख्सियतसाहित्य-संस्कृति गोरख स्मृति दिवस पर व्याख्यान और काव्य पाठ का आयोजनविष्णु प्रभाकरJanuary 30, 2019January 30, 2019 by विष्णु प्रभाकरJanuary 30, 2019January 30, 201902985 इलाहाबाद. 29 जनवरी को परिवेश और जन संस्कृति मंच की तरफ से गोरख स्मृति व्याख्यान और काव्यपाठ का आयोजन किया गया. प्रो. अवधेश प्रधान ने...
कविता ‘ अजीब समय के नए राजपत्र ’ के विरुद्ध तनकर खड़ी कवितादीपक सिंहDecember 9, 2018December 9, 2018 by दीपक सिंहDecember 9, 2018December 9, 201815087 पंकज चतुर्वेदी बहुत ही संवेदनशील और समय-सजग रचनाकार हैं | उनकी कविताओं से गुजरते हुए जन कवि गोरख पाण्डेय की कविता पंक्तियां बार-बार मन में...
कवितासाहित्य-संस्कृति वीरेनियत-3: अंत:करण के आयतन को विस्तारित करती कविताओं की शामसमकालीन जनमतOctober 1, 2018October 1, 2018 by समकालीन जनमतOctober 1, 2018October 1, 201802533 वीरेन डंगवाल स्मृति में आयोजित जसम का सालाना कार्यक्रम बीते 28 सितंबर को आयोजित यह वीरेनियत नाम से तीसरा जलसा था। जन संस्कृति मंच की...
कवितापुस्तकशख्सियतसाहित्य-संस्कृति ‘कुछ भी नहीं किया गया’: वीरेन डंगवाल की एक कविता का पाठसमकालीन जनमतAugust 22, 2018August 22, 2018 by समकालीन जनमतAugust 22, 2018August 22, 20186 3213 नवारुण प्रकाशन ने अभी हाल में ‘कविता वीरेन’ (वीरेन डंगवाल की सम्पूर्ण कविताएँ) को प्रकाशित कर जारी किया है । वीरेन को याद करते हुए...
कविताशख्सियत यातना का प्रतिकार प्रेमसमकालीन जनमतMay 16, 2018May 16, 2018 by समकालीन जनमतMay 16, 2018May 16, 201804191 मंगलेश की कविता ने प्रेम को बराबर एक सर्वोच्च मूल्य के तौर पर प्रतिष्ठित किया है । लेकिन एकान्त में नहीं, यातना के बरअक्स; क्योंकि...