शख्सियत प्रेमचंद और भारतीय किसान: सुधीर सुमन समकालीन जनमतJuly 31, 2021 by समकालीन जनमतJuly 31, 202101001 प्रेमचंद की कृतियों में भारतीय समाज के विस्तृत चित्र मिलते हैं। उनका साहित्य ऐतिहासिक दस्तावेज की तरह है। शायद ही ऐसा कोई चरित्र या सामाजिक...
कविता धूमिल की ‘नक्सलबाड़ी’गोपाल प्रधानMarch 30, 2021March 30, 2021 by गोपाल प्रधानMarch 30, 2021March 30, 202105022 धूमिल की यह कविता उनके पहले काव्य संग्रह ‘संसद से सड़क तक’ में कुल चार पृष्ठों में प्रकाशित है । संग्रह से पहले 1967 में...
ज़ेर-ए-बहस किसानों का साथ देने सड़कों पर उतरे लेखक और बुद्धिजीवीसुशील मानवJanuary 23, 2021January 24, 2021 by सुशील मानवJanuary 23, 2021January 24, 202101621 आज किसान आंदोलन को दो महीने (60 दिन) पूरे हो गये। इत्तेफाक से आज स्वतंत्रता संग्राम में ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ़ सशस्त्र जंग छेड़ने वाले...
ज़ेर-ए-बहसशख्सियत वंचितों और पराधीन लोगों की ओर से बोलने वाले पहले दार्शनिक थे बुद्ध– प्रो. गोपाल प्रधानसमकालीन जनमतDecember 9, 2019 by समकालीन जनमतDecember 9, 201902447 ” जिसे बौद्ध दर्शन का दुःखवाद कहा जाता है उसे अगर सामान्य जीवन के अर्थों में परिभाषित करें तो क्या परिभाषा निकलती है कि दुःख...