समकालीन जनमत

Category : जनमत

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सुरजीत सिंह पातर की कविताओं में ज़माने का दर्द बहुत ही शिद्दत से उभरता है

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अमरजीत कौंके पंजाबी के अज़ीम शायर सुरजीत पातर का जन्म 1945 में पंजाब के जालंधर जिला के गांव पत्तड़ कलां में हुआ। उन्होंने अपना तख़ल्लुस...
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मोदी दशक में हिंदी सिनेमा

समकालीन जनमत
जावेद अनीस यह भारतीय राजनीति और समाज के लिये भारी उठापटक भरा दौर है. साल 2014 के बाद से एक राष्ट्र और समाज के तौर...
जनमतशख्सियतसाहित्य-संस्कृति

निराला का वैचारिक लेखन: राष्ट्र निर्माण का सवाल और गांधी

दुर्गा सिंह
निराला राष्ट्रीय आंदोलन से गहरे सम्बद्ध थे। वे ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन की नीतियों पर टिप्पणी, आलोचना तो करते ही थे, साथ ही राष्ट्रीय आंदोलन के...
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मोदी दशक के बाद भारत का लोकतंत्र

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जावेद अनीस पूर्ण बहुमत से सत्ता में आई पहली हिंदुत्ववादी सरकार के एक दशक पूरे हो चुके हैं, इस दौरान नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में...
जनमतपुस्तकसाहित्य-संस्कृति

उम्मीद की रौशनी दिखाती कविताएँ

दीना नाथ मौर्य ‘सहसा कुछ नहीं होता’ बसंत त्रिपाठी का ज्ञानपीठ से प्रकाशित संग्रह है. ‘स्वप्न से बाहर, सन्नाटे का स्वेटर, हम चल रहे हैं....
जनमतपुस्तकसाहित्य-संस्कृति

किताब पर बातचीत: पहाड़गाथा

इलाहाबाद, शहर के मेयो हाॅल स्थिति अंजुमन ए रूहे अदब के सभागार में किताब पर बातचीत  के अंतर्गत ‘पहाड़गाथा’ उपन्यास पर बातचीत आयोजित की गयी।  शुरुआत...
जनमतशख्सियतसाहित्य-संस्कृति

जमींदारी उन्मूलन, भूमि-सुधार और मार्कण्डेय की कहानियाँ

दुर्गा सिंह
 (हिन्दी कहानी के प्रमुख हस्ताक्षर मार्कण्डेय के जन्मदिन पर समकालीन जनमत के पाठकों के लिए प्रस्तुत है दुर्गा सिंह का लेख) मार्कण्डेय की कहानी ‘भूदान’...
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चार श्रम कोड रद्द कर पुराने श्रम कानूनों को बहाल किया जाय

चकिया, 1 मई इंकलाब जिंदाबाद, शिकांगो के अमर शहीदों को लाल सलाम, 1मई मजदूर दिवस अमर रहे,दुनियां के मेहनतकशों एक हों,अमेरिकी साम्राज्यवाद मुर्दाबाद, सामंतवाद पुंजीबाद...
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लखनऊ में मई दिवस का आयोजन

लखनऊ, 01 मई 2024 सेंट्रल ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मंच के तत्वावधान में अन्तर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस का आयोजन अपर श्रमायुक्त कार्यालय लखनऊ प्रांगण में स्थित...
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जफर आगा : पत्रकारिता के मेयार और आधुनिक पारदर्शी इंसान

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इलाहाबाद । 29 अप्रैल को कौमी आवाज, नेशनल हेराल्ड जैसे अखबारों के संपादक रहे जफर आगा साहब की स्मृति में करेली के ए एम ऑक्सफोर्ड...
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बायोपिक चमकीला- लोकभाषा पर एक विमर्श

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रूपम मिश्र अभी इम्तियाज अली ने पंजाब के लोकगायक अमर सिंह चमकीला पर बायोपिक फ़िल्म बनायी। फ़िल्म में अमर सिंह चमकीला के कुछ गीतों को...
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निराला का वैचारिक लेखन: राष्ट्र निर्माण का सवाल और नेहरू

दुर्गा सिंह
निराला कवि और लेखक होने के साथ चिंतक भी हैं। निराला का वैचारिक लेखन भी उसी मात्रा में है, जितना कविता और गद्य लेखन। निराला...
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‘हम भारत के लोग’ भारतीय संविधान का आधार है : प्रो राव साहेब कसबे

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बाबा साहब अम्बेडकर की जयंती के शुभ अवसर पर इलाहाबाद विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग में ‘डॉ० आंबेडकर और भारतीय संविधान’ विषय पर व्याख्यान का आयोजन...
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भारत में मजदूर आंदोलन और डॉ. अंबेडकर  

रामायन राम
भारत के मजदूर वर्ग और उनके सवालों और आंदोलनों के साथ डॉ. अंबेडकर के रिश्ते के तीन प्रमुख चरण हैं। पहला चरण 1928–29 में ‘गिरणी...
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महिलाओं की लड़ाई घर में भी है, सड़कों पर भी

समकालीन जनमत
पूँजीवाद और पितृसत्ता की जड़ हिलाये बिना समाज में महिलाओं की स्थिति नहीं बदलेगी महिलाओं की लड़ाई घर में भी है, सड़कों पर भी :...
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अलग-अलग देशों में अलग-अलग तरीके का समाजवाद होगा

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जन संस्कृति मंच इलाहाबाद इकाई ने 1 मार्च दिन शुक्रवार को घरेलू गोष्ठी के अंतर्गत ‘अंतर्राष्ट्रीय परिस्थितियों में भारत में समाजवाद का स्वप्न’ विषय पर...
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भारत की फिलिस्तीन नीति में निरंतर परिवर्तन

समकालीन जनमत
स्टैनली जॉनी भारत ऐतिहासिक रूप से फिलिस्तीनी हितों का प्रबल समर्थक रहा है। और पिछले तीन दशकों में, जब इज़राइल के साथ भारत के संबंध...
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कारपोरेट, सेलिब्रिटीज और सरकार

भारत में प्रत्येक 5 साल बाद चुनाव से सरकार बनती है। जनता यह महसूस करती है कि उसने अपने मतों का इस्तेमाल कर सत्ता को...
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नफरती बातों के बीच कैसे बढ़े सौहार्द्र

राम पुनियानी
भारत पर पिछले 10 सालों से हिन्दू राष्ट्रवादी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) राज कर रही है. भाजपा आरएसएस परिवार की सदस्य है और आरएसएस का लक्ष्य है...
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इलेक्टोरल बॉन्ड : अनियमित और असीमित कॉर्पोरेट घूसखोरी का सबसे बड़ा खेला

दिनेश अस्थाना
15 फरवरी 2024 का दिन भारत के चुनावी इतिहास का यादगार दिन बन गया जब देश के उच्चतम न्यायालय की पाँच सदस्यीय संविधान पीठ ने...
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