कविता ‘मन एव मनुष्याणां-सृष्टि-चक्र: एक लम्बी कविता’ के बहाने कविता में सभ्यता समीक्षागोपाल प्रधानJune 16, 2022June 16, 2022 by गोपाल प्रधानJune 16, 2022June 16, 2022097 प्रसन्न कुमार चौधरी की एकमात्र कविता ‘सृष्टि-चक्र’ के बारे में हिंदी बौद्धिकों के बीच बहुत कम बातचीत हुई । इसका कारण यह भी था कि...
कविता धूमिल की ‘नक्सलबाड़ी’गोपाल प्रधानMarch 30, 2021March 30, 2021 by गोपाल प्रधानMarch 30, 2021March 30, 202105022 धूमिल की यह कविता उनके पहले काव्य संग्रह ‘संसद से सड़क तक’ में कुल चार पृष्ठों में प्रकाशित है । संग्रह से पहले 1967 में...
ख़बर बिहार की जनता बदलाव चाहती हैदीपंकर भट्टाचार्यOctober 28, 2020October 28, 2020 by दीपंकर भट्टाचार्यOctober 28, 2020October 28, 202001355 सत्ता की भूखी भाजपा जिसने 2015 के भाजपा विरोधी स्पष्ट जनादेश का अपहरण करके 2017 में नीतीश कुमार के साथ साजिश कर बिहार की कुर्सी...
ज़ेर-ए-बहस भूख, भोजन, चोरी, आत्महत्या और अपराध बोधसुशील मानवMay 18, 2020May 18, 2020 by सुशील मानवMay 18, 2020May 18, 202003191 क्या आपने किसी अडानी, अंबानी, माल्या, मोदी, टाटा, बिड़ला को किसी अपराधबोध या ग्लानिबोध से भरे देखा, सुना है क्या ?...
कविता भूख दुनिया की सबसे पहली महामारी हैसमकालीन जनमतMay 1, 2020May 1, 2020 by समकालीन जनमतMay 1, 2020May 1, 20200749 आज 1 मई है, जिसे पूरी दुनिया में मजदूर दिवस के रूप में मनाया जाता है. मजदूरों के सम्मान, उनके हक और उनके संघर्षों को...
ग्राउन्ड रिपोर्ट वाराणसी में मोहल्ला किचन : भूख से जूझ रहे शहरी गरीबों और दिहाड़ी मजदूरों की लाइफ लाइनकुसुम वर्माApril 22, 2020April 22, 2020 by कुसुम वर्माApril 22, 2020April 22, 202003271 कोरोना लाकडाउन ने शहरी गरीबो और दिहाड़ी मजदूरों के सामने जिंदा रहने की चुनौती पेश कर दी है. कामधंधा बंद हो जाने की वजह से...