समकालीन जनमत

Tag : Hiralal Rajasthani

पुस्तक

स्त्रियाँ अब प्रेम नहीं करतीं’: पुरुषसत्तात्मक समाज में स्त्रियों के सवाल उठाता कविता संग्रह

समकालीन जनमत
राजेश पाल मूर्तिकार, कवि, कथाकार व दलित चिंतक हीरालाल राजस्थानी का काव्य संग्रह “मै साधु नहीं” के बाद “स्त्रियाँ अब प्रेम नहीं करती” दूसरा कविता संग्रह हैं...
कविता

सरिता संधू की कविताएँ व्यवस्था की आँखों में झाँकती संवेदनाएँ हैं

हीरालाल राजस्थानी सरिता संधू पिछले दो सालों से दलित लेखक संघ से जुड़ी हुई हैं। उनकी विशेषता है कि संगठन के प्रति अपने कर्तव्यों का...
कविता

सुनीता ‘अबाबील’ की कविताएँ स्त्री पीड़ा की अंतर यात्रा हैं

समकालीन जनमत
हीरालाल राजस्थानी बेशक ही दलित व हिंदी साहित्य में स्त्री विमर्श को स्थान मिलता रहा है। खासतौर पर कविता विधा में, जहाँ शुरुआती दौर में...
स्मृति

वरिष्ठ कन्नड़ दलित साहित्यकार सिद्धलिंगय्या को विदाई सलाम

समकालीन जनमत
हीरालाल राजस्थानी वरिष्ठ कन्नड़ दलित साहित्यकार माननीय सिद्धलिंगय्या (1954 से 11 जून 2021) का जाना एक युग का बीत जाना है. कन्नड़ के जाने माने...
कविता

रवि निर्मला सिंह की कविताएँ जातिवाद की जड़ों और उसकी चोट की तल्ख़ पहचान हैं

समकालीन जनमत
हीरालाल राजस्थानी आज के युवा रचनाकार मार्क्स के वैज्ञानिक दृष्टिकोण को भी भली भांति समझते हैं और जाति के सवालों तथा समतामूलक समाज के निर्माण...
Fearlessly expressing peoples opinion