साहित्य-संस्कृति कथाकार शिवमूर्ति के गांव में जुटे साहित्यकार, देश-गांव पर बातचीत, पुस्तकालय का उद्घाटन कौशल किशोरFebruary 27, 2020February 27, 2020 by कौशल किशोरFebruary 27, 2020February 27, 202002467 शिवमूर्ति हमारे समय के महत्वपूर्ण कथाकार हैं। इनकी विशेषता है कि इन्होंने अपने कथा साहित्य में लोकतत्वों और लोकरंजन का अच्छा-खासा समावेश किया है। आज...
ख़बर बीएचयू के 51 शिक्षकों ने कहा : सीएए और एनआरसी देश की बहुलतावादी लोकतन्त्र की आत्मा के खिलाफसमकालीन जनमतDecember 25, 2019December 25, 2019 by समकालीन जनमतDecember 25, 2019December 25, 20193 3692 वाराणसी. बीएचयू , आई आई टी बीएचयू और सम्बद्ध कॉलेजों के 51 अध्यापकों ने नागरिकता संशोधन कानून और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर को आजादी की लड़ाई...
ख़बरजनमत ‘ आपकी चिंता में पड़ोसी देश का हिंदू नहीं है, आपके निशाने पर इस देश का मुसलमान है ’हिमांशु पंड्याDecember 14, 2019December 14, 2019 by हिमांशु पंड्याDecember 14, 2019December 14, 20194 3483 “सर, पाकिस्तान के अल्पसंख्यकों के बारे में भी कुछ लिख दीजिए.” मेरे एक दक्षिणपंथी रुख वाले पुराने विद्यार्थी ने लिखा. यही तर्क भाजपा कब से...
जनमत नागरिकों से देश बनता है, नागरिकता छीनने वाली सरकार कौन होती है – कन्ननसमकालीन जनमतNovember 15, 2019 by समकालीन जनमतNovember 15, 201901744 पटना के गांधी संग्राहालय में नागरिक संवाद के आयेाजन में बोले कन्नन गोपीनाथन एनआरसी, नागरिकता संशोधन विधयेक व डिटेंशन कैंपों की हालत पर एआईपीएफ के...
जनमतशिक्षा नई शिक्षा नीति देश को बेचने और तोड़ने का बहाना हो गई है : प्रो. अनिल सद्गोपालसुधीर सुमनSeptember 29, 2019September 29, 2019 by सुधीर सुमनSeptember 29, 2019September 29, 201904362 आठवां कुबेर दत्त स्मृति व्याख्यान, कुबेर दत्त की पुस्तक ‘ समय जुलाहा ’ का लोकार्पण नई दिल्ली. ‘नई शिक्षा नीति देश को बेचने और तोड़ने...
ज़ेर-ए-बहस हिमा दास: हम जो नहीं देखते हैंसमकालीन जनमतJuly 19, 2019July 19, 2019 by समकालीन जनमतJuly 19, 2019July 19, 201912631 नित्यानंद गायेन हिमा दास ने इतिहास रचा, 5 दिनों में हिमा दास ने जीता चौथा गोल्ड मेडल. यह वाक्य मेरा नहीं है. अख़बार की हेडलाइन...
जनमत संविधान बचेगा, तभी देश भी बचेगारवि भूषणDecember 1, 2018December 1, 2018 by रवि भूषणDecember 1, 2018December 1, 20183 2644 25 नवम्बर 1949 को अम्बेडकर ने संविधान सभा में अन्तिम बार अपना भाषण, समापन भाषण दिया था जिसमें उन्होंने कई ऐसी बातें कही थीं, जो...