समकालीन जनमत

Tag : Contemporary Hindi Poetry

कविता

सीमा सिंह की कविताएँ समय की चमकदार जकड़बंदियों से टकराती हैं

शालिनी सिंह सीमा सिंह की कविताओं में प्रवेश के लिए आपको पूर्वाग्रह के समस्त पैरहन उतार कर आना होगा क्योंकि ये कविताएँ हमारे समय के...
कविता

आशुतोष कुमार की कविताएँ समय के व्यर्थताबोध से आगे बढ़ने का हौसला हैं

समकालीन जनमत
चंद्रभूषण अयोध्या यह चिट्ठी पढ़े न पढ़े, आप तो पढ़ें .. आज जब अयोध्या में रामलला का मंदिर ‘वहीं’, ‘उसी जगह’, एक राष्ट्रव्यापी हंगामे से...
कविता

अरविंद पासवान की कविताएँ साफगोई का सौंदर्य हैं

समकालीन जनमत
श्रीधर करुणानिधि सरलता का अपना सौंदर्य होता है। निश्छल हृदय की बातें और भोली उन्मुक्त हँसी बरबस ध्यान खींच लेती हैं। जब चारों ओर कोलाहल...
कविता

ख़ुदेजा ख़ान की कविताएँ सिस्टम की मार सहते नागरिक की आवाज़ हैं

उमा राग
मेहजबीं ख़ुदेजा ख़ान की कविताएँ अपने वर्तमान समय का दस्तावेज़ हैं। उनकी कविता के केन्द्र में आम लोग हैं, मतदाता हैं, बूढ़े हैं, बच्चे हैं,...
कविता

पायल भारद्वाज की कविताएँ स्त्री-विमर्श के अनेक पक्षों को बेबाकी के साथ उजागर करती हैं

समकालीन जनमत
निरंजन श्रोत्रिय पायल भारद्वाज की कविताएँ स्त्री-विमर्श, इन्सानी रिश्तों और समाज के दोहरे मानदंडों पर मुखर और जागरूक अभिव्यक्ति हैं। वे अपने कहन में जहाँ...
कविता

मौमिता की झकझोरती कविताएँ : सीधी, गहरी और सवाल करती हैं

समकालीन जनमत
अमिता शीरीं ‘इस वक्त जब दुनिया लहूलुहान है ऐसे में चाँद की खूबसूरती पर कवितायें लिखना गुनाह है….’ मौमिता आलम पूरी ज़िम्मेदारी से कविताएँ लिखती...
कविता

नेहल शाह की कविताएँ मन के विभिन्न संस्तरों के ट्रांस्फॉर्मेशन की पड़ताल हैं

समकालीन जनमत
निरंजन श्रोत्रिय नेहल शाह की इन कविताओं का मूल स्वभाव विद्रोही है जो अंततः दरअसल कवि का ही है। वे किसी भी तरतीब के ख़िलाफ़...
कविता

अरबाज़ खान की कविताएँ प्रेम, प्रतिरोध और पीड़ा की बानगी हैं

समकालीन जनमत
पुरु मालव अरबाज़ ख़ान और उनकी कविताओं से पहला परिचय हाल ही में आए ’समय के साखी’ पत्रिका के कविता विशेषांक से हुआ। जिसका सम्पादन...
कविता

नीरज नीर की कविताएँ विडबंनात्मक बोध को उजागर करती हैं

समकालीन जनमत
शिरोमणि राम महतो कुछ लोग कविता बनाते हैं और कुछ लोग कविता रचते हैं। जो कविता बनाते हैं, उनकी कविताओं में बनावटीपन ज्यादा होता है...
कविता

संध्या यादव की कविताएँ समकालीन समाज की अनेक विसंगतियों से एक स्त्री की बहसें हैं

समकालीन जनमत
अमरजीत कौंके फेसबुक पर जिन कवियों की कविता मुझे बहुत पसंद है और मैं जिन्हें ढूंढ कर पढ़ता हूँ, संध्या यादव उन चंद कवियों में...
कविता

जावेद आलम की कविताएँ मानवता के पक्ष में निर्भीकता से खड़ी हैं

समकालीन जनमत
अशोक कुमार “स्याह वक्त कि इबारतें” युवा कवि जावेद आलम खान का पहला संग्रह है, जिसे दीपक अरोड़ा स्मृति सम्मान के तहत बोधि प्रकाशन ने...
कविता

योगेंद्र गौतम की कविताएँ अंधेरे के अज्ञात बिन्दु से प्रकाश की खोज में निकली यात्री हैं

समकालीन जनमत
प्रिया वर्मा यह कवि रात्रि के किसी अज्ञात बिंदु पर खड़ा हुआ है और अंधेरे के उस अज्ञात बिंदु में प्रकाश को खोजते हुए कविता...
कविता

गुंजन उपाध्याय पाठक की कविताएँ प्रेम के अभाव से पैदा अवसाद से मुक्ति के लिए प्रेम की जद्दोजहद हैं

समकालीन जनमत
सुधीर सुमन  महादेवी वर्मा ने ‘शृंखला की कड़ियाँ’ में लिखा है- ‘‘स्त्री के व्यक्तित्व में कोमलता और सहानुभूति के साथ साहस और विवेक का ऐसा सामंजस्य होना आवश्यक...
कविता

सच के रास्तों ने दुर्गम ही बनाया है जीवन को : ज्योति चावला की कविताएँ

समकालीन जनमत
अनुपम त्रिपाठी ‘यह उनींदी रातों का सफर है’ ज्योति चावला का नया कविता संग्रह है। इस संग्रह में उनकी पचास कविताएँ संकलित हैं जोकि उनके...
कविता

नरेश अग्रवाल की कविताएँ जनता के संघर्षों की सहचरी हैं

समकालीन जनमत
विपिन चौधरी यह संसार आश्चर्य से भरा हुआ है लेकिन अभी तक सभी आश्चर्य खोजे नहीं जा सके हैं. मगर दुख खोज लिए गए हैं।...
कविता

विमलेश त्रिपाठी की कविताएँ  हमारे समय में अभिव्यक्ति पर मंडराते ख़तरों की शिनाख़्त करती हैं

समकालीन जनमत
राजेश जोशी विमलेश की कविताएँ इस समय की कविता की सबसे बड़ी उलझन की ओर संकेत करती हैं। प्रोद्यौगिकी ने समय की गति को इतना...
कविता

मुन्नी गुप्ता की कविताएँ अपने समय की पीड़ा और परिदृश्य के सच को उजागर करती हैं

समकालीन जनमत
निरंजन श्रोत्रिय समकालीन युवा काव्य परिदृश्य में मुन्नी गुप्ता एक दस्तक देता हुआ नाम है। उनकी कविताओं में व्यंग्य और कटाक्ष छितरा हुआ है लेकिन...
कविता

भास्कर लाक्षाकार की कविताएँ जीवन अनुभवों से निर्मित मनुष्य की स्पोन्टेनिटी से सृजित हैं

समकालीन जनमत
निरंजन श्रोत्रिय क्या यह संभव है कि किसी कवि को अपने समय-समाज के तापमान का सम्यक ज्ञान हो, उसकी कविता विचार और भावनाओं से समृद्ध...
कविता

अमन त्रिपाठी की कविताएँ ‘सेन्स ऑफ़ बिलॉन्गिंग’ से उपजी हैं। 

समकालीन जनमत
वर्तिका पढ़ाई से इंजीनियर अमन , समर्थ अनुवादक और कवि के तौर पर सक्रिय हैं।  शहर देखने, प्रेम में रहकर प्रेम न कर पाने के...
कविता

वंदना पराशर की कविताएँ शब्द एवं संवाद बचाने की कोशिश हैं

समकालीन जनमत
वंदना मिश्रा समकालीन कविता में अपना स्थान सुरक्षित कर चुकी ‘वंदना पाराशर’ की कविताएँ किसी परिचय की मोहताज नहीं. वंदना उन लोगों में से हैं...
Fearlessly expressing peoples opinion