कविता रेखा चमोली की कविताएँ हाशिए की आवाज़ हैंसमकालीन जनमतDecember 6, 2020December 7, 2020 by समकालीन जनमतDecember 6, 2020December 7, 202001783 आशीष कुमार कविता अपने बचाव में हथियार उठाने का विचार है साहस की सीढ़ियां है कविता उमंग है उत्साह है खुद में एक बच्चे को...
सिनेमा मार्गरीटा विद ए स्ट्रॉ: ज़िंदगी मुख़्तसर सी मिली थी हमें, हसरतें बेशुमार ले के चलें !आशीष कुमारAugust 4, 2020August 6, 2020 by आशीष कुमारAugust 4, 2020August 6, 202002525 यह ‘लैला'(कल्कि कोचलिन)की दुनिया है।लैला यानी ‘सेरेब्रल पॉल्सी’ की शिकार।वह शतरंज खेलती है।फेसबुक चलाती है। संगीत सुनती है। धुने बनाती है। डांस भी करती है।...
स्मृति असाधारण का वैभव और साधारण का सौंदर्य : बासु चटर्जीआशीष कुमारJune 5, 2020June 7, 2020 by आशीष कुमारJune 5, 2020June 7, 202002346 अनायास नहीं, कुछ संबंध सायास भी जुड़ते हैं । मुकम्मल याद नहीं मुझे, लेकिन पहली बार टेलीविजन पर ‘रजनीगंधा’ देखा था। उस समय तक मैं...
जनमतस्मृति सफ़र अभी मुक़म्मल नहीं हुआ !समकालीन जनमतApril 30, 2020May 1, 2020 by समकालीन जनमतApril 30, 2020May 1, 20203 2184 आशीष कुमार क्या उन सब्ज आंखों को भुलाया जा सकता है ? क्या उस बेतकल्लुफ़ और बेपरवाह हंसी को समेटा जा सकता है ?क्या कला...
कविताजनमत अपूर्णता से उपजे तनाव की कवयित्री हैं ज्योति शोभासमकालीन जनमतJanuary 12, 2020January 12, 2020 by समकालीन जनमतJanuary 12, 2020January 12, 202004387 आशीष मिश्र छुपने के लिए साँस भर जगह.. ज्योति शोभा की कविताओं में उतरने के लिए धैर्य अपेक्षित है। थोड़ी सी भी हड़बड़ी इसके सौंदर्य...