कविता रवित यादव की कविताएँ प्रश्नाकुल और उर्वर भावभूमि से उपजती हैंउमा रागDecember 25, 2022December 26, 2022 by उमा रागDecember 25, 2022December 26, 20220111 आलोक रंजन हाल में रवित यादव की कविताओं से रु ब रु होने का मौका मिला । उनकी कविताओं में युवतर जीवन की समाज की...
कविता दिव्या श्री की कविताएँ अपने परिवेश को ईमानदारी से व्यक्त करने की कोशिशें हैंसमकालीन जनमतDecember 4, 2022December 4, 2022 by समकालीन जनमतDecember 4, 2022December 4, 2022090 देवेश पथ सारिया युवा कवयित्री दिव्या श्री की कविताओं को लेकर सकारात्मक बातें पहले कहूँ तो दिव्या श्री द्वारा अपने परिवेश को ईमानदारी से व्यक्त...
कविता मनीष कुमार यादव की कविताएँ अपनी चुप्पी में एक बहुत गझिन यात्रावृत्त को समेटे रहती हैंसमकालीन जनमतAugust 28, 2022August 28, 2022 by समकालीन जनमतAugust 28, 2022August 28, 20220120 वसु गन्धर्व मनीष की कविताएँ एक कठिन ज़मीन की कविताएँ हैं जो अपने प्रस्तावित पाठ में पाठक से उतने ही सृजनात्मक संघर्ष की अपेक्षा करती...
कविता आदर्श भूषण की कविताएँ युवा पीढ़ी की बेकली की अभिव्यक्ति हैंसमकालीन जनमतMarch 6, 2022March 6, 2022 by समकालीन जनमतMarch 6, 2022March 6, 20220160 कुमार मुकुल लोहा पकड़कर लोहा बनने और कपास छूकर कपास हो जाने की अनुवांशिक अक्लमंदी से भरे हाथ रगड़ खाते हुए भी बचे रहते हैं...
कविता नई कलम: प्रशांत की कविताएँ अकेलेपन की यातना से जूझते हुए युवा मन की अभिव्यक्ति हैंसमकालीन जनमतJanuary 30, 2022January 30, 2022 by समकालीन जनमतJanuary 30, 2022January 30, 2022098 राग रंजन अपने किसी मित्र की कविताओं पर कुछ लिखते हुए तटस्थ रह पाना मुश्किल होता है। यह सतर्कता बरतनी होती है कि आपकी...
कविता उम्मीद की दूब के ज़िंदा रहने की कामना से भरी ज्योति रीता की कविताएँसमकालीन जनमतJanuary 24, 2021January 24, 2021 by समकालीन जनमतJanuary 24, 2021January 24, 202101795 कुंदन सिद्धार्थ “जब धरती पर सारी संवेदनाएँ समाप्ति पर होंगी तब बचा लेना प्रेम अपनी हथेली पर कहीं जब धरती बंजरपन की ओर अग्रसर...
कविता भारत की कविताएँ कोमलता को कुचल देने वाली तानाशाही कठोरता का प्रतिकार हैंसमकालीन जनमतNovember 29, 2020November 29, 2020 by समकालीन जनमतNovember 29, 2020November 29, 202002125 विपिन चौधरी अपना रचनात्मक स्पेस अर्जित करने के बाद हर युवा रचनाकार पहले अपनी देखी, समझी हुई उस सामाजिक समझ को पुख्ता करता है जिससे...
कविता दीपक जायसवाल की कविताएँ अतीत और वर्तमान की तुलनात्मक प्रतिरोधी विवेचना हैंसमकालीन जनमतNovember 8, 2020October 30, 2022 by समकालीन जनमतNovember 8, 2020October 30, 202202169 कुमार मुकुल अतीत और वर्तमान के तुलनात्मक प्रतिरोधी विवेचन और वैचारिक जद्दोजहद दीपक जायसवाल की कविताओं में आकार पाते हैं। समय के अभेद्य जिरहबख्तर को भेद...
कविता अशोक कुमार की कविताएँ जीवन के खाली पड़े कटोरों को प्रेम से भर देने की कामना हैंसमकालीन जनमतAugust 2, 2020August 2, 2020 by समकालीन जनमतAugust 2, 2020August 2, 202002945 गिरिजेश कुमार यादव कविता से जुड़े सभी पारंपरिक और आधुनिक सिद्धान्तों का सार यही है कि कविता तभी कविता है जब वह अपने पाठक तक...
कविता राजेन्द्र देथा की कविताओं में सहज मनुष्यता के उत्प्रेरक चित्र हैंसमकालीन जनमतMay 31, 2020June 5, 2020 by समकालीन जनमतMay 31, 2020June 5, 202003089 कुमार मुकुल शिशु सोते नहीं अर्द्धरात्रि तक विश्राम भी नहीं करेंगे वे थोड़ा और हँसेंगे अभी और बताएंगे तुम्हें कि हँसना क्या होता है? सोते...