समकालीन जनमत

Tag : संगोष्ठी

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“आर्थिक और सामाजिक लोकतंत्र के बिना राजनीतिक लोकतंत्र फ़ासीवाद में बदल सकता है ”

समकालीन जनमत
अर्पिता अखिल भारतीय सांस्कृतिक प्रतिरोध अभियान “हम देखेंगे’ द्वारा 14 अप्रैल को बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर की 131 वीं जयंती के अवसर पर ‘भारतीय...
साहित्य-संस्कृति

‘ कबीर और नागार्जुन ने सामाजिक- राजनीतिक अन्याय के खिलाफ प्रतिरोध खड़ा किया ’

दरभंगा. आज जन संस्कृति मंच की ओर से कबीर और आधुनिक कबीर नागार्जुन के जयंती समारोह का आयोजन लोहिया चरण सिंह महाविद्यालय, दरभंगा के डॉ...
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सांप्रदायिक नफरत की राजनीति से लड़ते हुए सच्चे भारतीय राष्ट्रवाद को जिंदा रखना होगा : प्रो. राम पुनियानी

भोजपुर. ‘‘रोजी, रोटी, शिक्षा, स्वास्थ्य के मामलों को हल करना किसी भी लोकतांत्रिक व्यवस्था की अनिवार्य शर्त है, पर पिछले पांच साल से भारत में...
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मार्क्स का चिंतन सिर्फ आर्थिक नहीं सम्पूर्ण मनुष्यता का चिंतन है: रामजी राय

समकालीन जनमत
मार्क्स ने मुनष्य को एक समुच्चय में नहीं एक सम्पूर्ण इकाई के रूप में समझा और कहा कि वह एक ही समय में आर्थिक, राजनीतिक,...
साहित्य-संस्कृति

चंद्रबली सिंह ने जनवाद को परिभाषित करने का काम किया

समकालीन जनमत
 ‘हमारा समय और चंद्रबली सिंह की आलोचना दृष्टि’ विषय पर लखनऊ में संगोष्ठी  प्रसिद्ध आलोचक चंद्रबली सिंह की पुण्य तिथि पर कैफ़ी आज़मी एकेडमी में ‘हमारा...
जनमत

मार्क्स और हमारा समय

समकालीन जनमत
भारत की कम्युनिस्ट पार्टी ( मार्क्सवादी-लेनिनवादी) ने नयी दिल्ली स्थित उर्दू घर में 19 मई के दिन ‘ मार्क्स और हमारा समय ’ शीर्षक से...
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