कविता रोज़ी कामेई की कविताएँ सभ्यता को स्त्री की नज़र से देखने का प्रस्ताव हैंसमकालीन जनमतJanuary 3, 2021January 5, 2021 by समकालीन जनमतJanuary 3, 2021January 5, 202102344 बसंत त्रिपाठी रोज़ी की कविताओं का संसार एक स्त्री की असंख्य उलझनों, सपनों और उम्मीदों में डूबते-उतराते निर्मित हुआ है. प्रेम इन कविताओं के केन्द्र...
कविता जोराम यालाम नाबाम की कविताएँ जीवन की आदिम सुंदरता में शामिल होने का आमंत्रण हैंसमकालीन जनमतNovember 1, 2020November 1, 2020 by समकालीन जनमतNovember 1, 2020November 1, 202003002 बसन्त त्रिपाठी जोराम यालाम नाबाम की कविताओं में आतंक, भय, राजनीतिक दाँव-पेंच, खून-खराबे से त्रस्त जीवन को आदिम प्रकृति की ओर आने का आत्मीय आमंत्रण...
कविता प्रतिभा की कविताएँ स्त्री जीवन के सवालों को मानव सभ्यता के सवालों से जोड़ती हैंसमकालीन जनमतOctober 4, 2020October 4, 2020 by समकालीन जनमतOctober 4, 2020October 4, 202002433 बसन्त त्रिपाठी प्रतिभा कटियार उन कवियों में है जिनके पास अपनी आत्मीय भाषा तो है ही, अपनी भावनाओं से ज़रा दूर जाकर चीज़ों को देखने...
कविता छूटते हुए ज़रूरी प्रश्नों का कवि अंजन कुमारसमकालीन जनमतSeptember 13, 2020September 13, 2020 by समकालीन जनमतSeptember 13, 2020September 13, 202003151 बसन्त त्रिपाठी सत्ता संरचना में अंतर्निहित क्रूर आकांक्षाओं को जिन युवा कवियों ने रोजमर्रा के अनुभवों से पकड़ने में अतिरिक्त रूप से सजगता दिखाई...