पुस्तक सविता भार्गव के कविता संग्रह ‘थमी हुई बारिश में दोपहर’ की पुस्तक समीक्षासमकालीन जनमतMay 11, 2025May 11, 2025 by समकालीन जनमतMay 11, 2025May 11, 2025028 पवन करण मैं चुप रहकर समय को चीख़ में बदल देती हूँ.. कवि सविता भार्गव अपने एकांत में निवास करती हैं। एकांत ही उनका प्रकाश...
पुस्तक श्रुति कुशवाहा के कविता संग्रह ‘सुख को भी दुःख होता है’ की पुस्तक समीक्षासमकालीन जनमतMay 4, 2025May 4, 2025 by समकालीन जनमतMay 4, 2025May 4, 2025069 पवन करण इन दिनों मर्जियों का शासन है….. मेरा भोजन, मेरे कपड़े मेरी आस्था पर भारी है ….उनकी मर्जी कवि श्रुति कुशवाहा के कविता संग्रह...
पुस्तक ज्योति रीता के कविता संग्रह ‘अतिरिक्त दरवाज़ा’ की पुस्तक समीक्षासमकालीन जनमतApril 27, 2025April 27, 2025 by समकालीन जनमतApril 27, 2025April 27, 2025067 पवन करण स्त्रियों को तो बिगड़ना ही था, स्त्रियों ने बिगड़ने में बहुत वक्त़ लगा दिया.. स्त्री कितनी दूर तक होती है? खुद को...
पुस्तक संजीव कौशल के कविता संग्रह ‘फूल तारों के डाकिए हैं’ की पुस्तक समीक्षासमकालीन जनमतApril 20, 2025April 20, 2025 by समकालीन जनमतApril 20, 2025April 20, 2025047 पवन करण आदमी के अपराध औरत की भेंट चाहते हैं यह सबक वह पिट-पिटकर सीख रही है- संजीव कौशल की कविता की स्त्रियों से (...
पुस्तक रूपम मिश्र के काव्य संग्रह ‘एक जीवन अलग से’ की समीक्षासमकालीन जनमतApril 13, 2025April 13, 2025 by समकालीन जनमतApril 13, 2025April 13, 2025066 पवन करण एक अभुआता समाज कायनात की सारी बुलबुलों की गर्दन मरोड़ रहा है….! रुपम मिश्र की कविताएँ हिंदी कविता की समृद्धि की सूचक हैं।...
कविता पवन करण की कविताएँ साहस एवं सजगता का प्रतीक हैंसमकालीन जनमतJune 30, 2024July 2, 2024 by समकालीन जनमतJune 30, 2024July 2, 20240178 अंकिता रासुरी पवन करण की कविताओं में मौजूदा समाज एवं उसकी विडंबनाएँ मौजूद हैं। कैसे समाज बिखर रहा है बल्कि ऐसा जानबूझकर किया जा रहा...