समकालीन जनमत

Tag : संजय शेफर्ड

कविता

संजय शेफर्ड की कविताएँ: आजकल मैं तुम्हारी हँसी ओढ़ता हूँ..

समकालीन जनमत
गणेश गनी तो वह टीले दर टीले चढ़ते हुए चैहणी दर्रे के ठीक ऊपर पहुँच ही गया। बादल ठीक उसके समानांतर तैर रहे हैं। जो...
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