कविता किसने आखिर ऐसा समाज रच डाला हैसुधीर सुमनAugust 10, 2021August 11, 2021 by सुधीर सुमनAugust 10, 2021August 11, 20210748 सुधीर सुमन “नहीं निकली नदी कोई पिछले चार-पाँच सौ साल से/ एकाध ज्वालामुखी ज़रूर फूटते दिखाई दे जाते हैं/ कभी कभार/ बाढ़ें तो आईं ख़ैर...
ख़बर ‘ हम 26 जनवरी तक का इंतजाम करके आए हैं, अब हम जाने वाले नहीं हैं ’समकालीन जनमतDecember 7, 2020December 7, 2020 by समकालीन जनमतDecember 7, 2020December 7, 202002309 नीलिशा 04-12-2020 मेरी शिफ्ट खत्म होने की वाली थी और मैं ऑफिस लौटने की तैयारी कर रही थी, तभी मुख्यालय से आदेश आया कि...
ख़बर शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में लियासमकालीन जनमतOctober 1, 2020October 1, 2020 by समकालीन जनमतOctober 1, 2020October 1, 202001283 सीएम योगी आदित्यनाथ के शासन में उत्तर प्रदेश महिलाओं और दलितों के लिए बुरे सपने में बदल गया है। महिलाओं और दलितों के खिलाफ बढ़ते...
ज़ेर-ए-बहस हमें न तो दया की दृष्टि से देखो और न ही दैवीय दृष्टि से–शिप्रा शुक्लासमकालीन जनमतSeptember 5, 2020 by समकालीन जनमतSeptember 5, 202003019 बीते रविवार कोरस के फेसबुक पेज लाइव के माध्यम से तेजपुर विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर शिप्रा शुक्ला से निशा ने ‘विकलांगता और स्त्री’ विषय पर...
ज़ेर-ए-बहस राजद्रोह : ब्रिटिश भारत का कानूनरवि भूषणJanuary 17, 2019January 17, 2019 by रवि भूषणJanuary 17, 2019January 17, 201902805 दिल्ली पुलिस ने लगभग तीन वर्ष बाद ‘भारत विरोधी नारे’ लगाने के आरोप में जे एन यू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार तथा...
जनमत सभ्य होने की असलियतसमकालीन जनमतMarch 8, 2018July 7, 2020 by समकालीन जनमतMarch 8, 2018July 7, 202002765 सदानन्द शाही किसी समाज के सभ्य होने का सबसे बड़ा पैमाना यह है कि वह समाज स्त्रियों के साथ कैसा व्यवहार करता है. अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस...