कविता उमेश पंकज की कविताएँ जनता की अदम्य शक्ति और साहस की बानगी हैंसमकालीन जनमतDecember 5, 2021December 12, 2021 by समकालीन जनमतDecember 5, 2021December 12, 2021051 कौशल किशोर ‘बिजलियों की गड़गड़ाहट/और बारिश की बूंदों में/परिलक्षित होता है मालिक का शोर/और मजदूरों का मार्मिक विलाप/न जाने यह कैसी विडंबना है/उषा काल...
साहित्य-संस्कृति विस्थापन के दर्द को उकेरती हैं उमेश पंकज की कविताएंकौशल किशोरOctober 6, 2019October 6, 2019 by कौशल किशोरOctober 6, 2019October 6, 20193 3404 लखनऊ, 6 अक्टूबर। कवि उमेश पंकज के पहले कविता संग्रह ‘एक धरती मेरे अन्दर’ का आज यहां स्थानीय कैफ़ी आज़मी एकेडमी में लोकार्पण हुआ। कार्यक्रम...
कवितासाहित्य-संस्कृति उमेश पंकज का कविता पाठ: ‘मेहतर से नहीं कोई इंसान बेहतर’कौशल किशोरAugust 25, 2019August 25, 2019 by कौशल किशोरAugust 25, 2019August 25, 201903686 लखनऊ, 25 अगस्त। ‘वह पेड़ पर चढ़ कर/हरा बन गयी…..पेड़ से वह गिर गयी/रोप दी गयी मिट्टी में/वह फिर से उग रही है/उस तरह जिस...