कविता कई आँखोंवाली कविताओं के कवि शशांक मुकुट शेखरसमकालीन जनमतDecember 30, 2018January 5, 2019 by समकालीन जनमतDecember 30, 2018January 5, 201903591 कृष्ण समिद्ध नये और बनते हुए कवि पर लिखना बीज में बंद पेड़ के फल के स्वाद पर लिखने जैसा है । फिर भी यह...
कवितापुस्तकशख्सियतसाहित्य-संस्कृति ‘कुछ भी नहीं किया गया’: वीरेन डंगवाल की एक कविता का पाठसमकालीन जनमतAugust 22, 2018August 22, 2018 by समकालीन जनमतAugust 22, 2018August 22, 20186 3214 नवारुण प्रकाशन ने अभी हाल में ‘कविता वीरेन’ (वीरेन डंगवाल की सम्पूर्ण कविताएँ) को प्रकाशित कर जारी किया है । वीरेन को याद करते हुए...
कविताज़ेर-ए-बहस हरम सरा नहीं कविता चाहिएसमकालीन जनमतMay 9, 2018May 9, 2018 by समकालीन जनमतMay 9, 2018May 9, 20184 3272 ‘ जेंडर बाइनरिज़्म ’ दोनों ध्रुवों के बीच पड़ने वाली सारी चीज़ों को परिधि पर फेंक देता है. यह स्थापित करता है कि स्याह और...