लखनऊ.सार्वजनिक क्षेत्र की कम्पनी स्कूटर्स इण्डिया के कर्मचारी नेता तथा स्टाफ एवं आफिसर्स एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष साथी अमर सिंह नहीं रहे। सात जनवरी को उन्हें गंभीर ह्दय आघात हुआ। उन्हें मेडिकल काॅलेज में एडमिट कराया गया लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। उनका दाह संस्कार आज भैसाकुण्ड में कर दिया गया। इस मौके पर बड़ी संख्या में उनके साथी और स्कूटर्स इण्डिया के कर्मचारी मौजूद थे।
ज्ञात हो कि स्कूटर्स इण्डिया के निजीकरण के खिलाफ तथा सार्वजनिक क्षेत्र के अन्तर्गत इस कम्पनी के रिवाइवल को लेकर भारत सरकार से लम्बा व जुझारू संघर्ष चला। अमर सिंह इसके अग्रणी नेता थे। स्टाफ और आफिसर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष के रूप में उन्होंने इसका नेतृत्व किया। वे कंपनी के श्रमिकों, स्टाफ और आफिसर्स के बीच पुल थे।
जन संस्कृति मंच, उत्तर प्रदेश के कार्यकारी अध्यक्ष तथा उनके अनन्य साथी कौशल किशोर ने उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि जब भी स्कूटर्स इण्डिया के आंदोलन की चर्चा होगी, अमर सिंह बहुत याद आयेंगे। उनका अचानक जाना मन को व्यथित कर देने वाला है। उनके परिवार तथा अपने साथियों के इस दुख में हम शरीक है और अपने प्रिय साथी अमर सिंह को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते है। उनकी जीवटता, जुझारूपन तथा लोगों और उनकी समस्याओं से जुड़ाव अनुकरणीय है। उनके आकस्मिक निधन पर एस आर सिंह, ओ पी पाण्डेय, हरीश मुदावल, नवीन जोशी, ओपी सिंह, हरीश उपाध्याय, पी सी शुक्ला आदि स्कूटर्स इण्डिया के कर्मचारी नेताओं ने भी शोक प्रकट किया और श्रद्धा सुमन अर्पित किये।
अमर सिंह 2012 के दिसम्बर में मैनेजर के पद से सेवामुक्त हुए। रिटायरमेण्ट के बाद भी उनकी सामाजिक गतिविधियां जारी रही तथा स्कूटर्स इण्डिया के कर्मचारियों और वहां के आंदोलन से जुड़ाव बना रहा। बीते साल 5 मई जो कार्ल मार्क्स का जन्मदिन भी था, उस अवसर पर यूपी प्रेस क्लब में कौशल किशोर की दो किताबों का विमोचन हुआ। उस अवसर पर वे अपने साथियो, एस आर सिंह और हरीश मुदावलं के साथ आये और उन किताबों को जारी किया।