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‘ साधु ने कहा बाल्टी क्यों छुए और फिर लाठी से मारने लगा ’

इलाहाबाद। कुंभ मेला क्षेत्र में दलित सफाई कर्मी आशादीन को बाल्टी चूने पर साधू द्वारा की गई पिटाई के मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने के बजाय सेक्टर 16 थाने में एनसीआर दर्ज किया है. इसके अलावा अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गयी है.

समकालीन जनमत में खबर आने के बाद कुंभ मेला प्रशासन ने आशादीन के टूटे हाथ का प्लास्टर कराया है. इसके पहले उसके टूटे हाथ में सिर्फ खपच्ची बांध दी गई थी.

55 वर्षीय आशादीन (पूर्व की खबर में उनका नाम मातादीन लिखा गया था क्योकि तब यही नाम पता चला था) मध्यप्रदेश के छतरपुर जिला के गोहरिया थाना के चुरयारी ग्राम के रहने वाले हैं. इस घटना के बाद वह बुरी तरह डरे हुए हैं. उन्होंने समकालीन जनमत से कहा कि ‘ हमारा यहाँ कौन है.  हम दूसरे प्रदेश के रहने वाले हैं. मैं कोर्ट कचहरी का कहाँ चक्कर लगाऊंगा. कल को फिर से मेरे साथ ऐसी घटना हो सकती है. हो सकता है कि काम भी छीन जाए. ’

घटना के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि एक साधु ने हमसे कहा कि रात की खिचड़ी है, खाने के लिए ले जाओ. मैंने कहा कि हम भी इंसान हैं. जानवर थोड़े हैं कि रात का बचा हुआ खाना खाऊंगा. तब साधु ने कहा कि जाओ इसे फेंक दो. हमने बाल्टी में राखी खिचड़ी फेंक दी और बाल्टी जहाँ रखी थी वहीँ पर रख दिया। बगल में बैठे एक साधु ने कहा कि बाल्टी क्यों छुए ? इतना कहते ही उसने लात से मारा. फिर बाल्टी से मारा. इसके बाद वह लाठी से मारने लगा. मेरा दाहिना हाथ टूट गया. साथी सफाई कर्मी हमको इलाज करने के लिए ले गए तो कहा गया कि पहले एफआईआर दर्ज कराइये.

आशादीन के हाथ में खपच्ची बांधकर इस मामले को रफा दफा करने की कोशिश की गयी. सफाई कर्मचारी एकता मंच के अध्यक्ष रामसिया और मंत्री संतोष जब पीड़ित के साथ मेला प्रशासन से मिलने गए तो प्रशासन ने मिलने से इंकार कर दिया. आज जब एक्टू के जिला सचिव डॉ० कमल उसरी मेला प्रशासन से बातचीत करने गए तो आशादीन के टूटे हाथ का प्लास्टर कराया गया।

कुछ दिन पहले चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा था कि स्वच्छता के दम पर कुंभ का लोहा गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड , यूनिसेफ और विश्व स्वास्थ्य संगठन को मनवाना है. लगता है कि सफाईकर्मियों की जिंदगी से खेलकर लोहा मनवाया जायेगा.

24 दिसम्बर की रात कुंभ मेला की तैयारी में लगे एक सफाईकर्मी ननकाई (उम्र -21 वर्ष, पुत्र- लोला,ग्राम-बरुआ, पोस्ट -गाजीपुर, जिला -फतेहपुर) की मौत हो गयी थी. आनन-फानन में मेला प्रशासन ने पोस्टमाटर्म करके इस घटना को दबा दिया। किसी भी प्रकार की कोई आर्थिक मदद नहीं की गयी.

योगी सरकार ने कुंभ के लिए चार हजार करोड़ से ज्यादा का बजट बनाया है. जिसमें 2000 करोड़ रूपये प्रदेश और 22000 करोड़ रूपये केंद्र सरकार की तरफ से खर्च होने हैं. बताते चलें कि अर्द्ध कुंभ का नाम बदलकर योगी सरकार ने कुंभ कर दिया है और कुंभ को महाकुंभ कर दिया है. 2013 के कुंभ में 1300 करोड़ रूपये खर्च हुए थे जिसमें 1017 करोड़ रूपये केंद्र ने दिया था.

कुंभ मेले की तैयारी में लगे मजदूर-सफाईकर्मी दिन रात मेहनत कर रहे हैं लेकिन मजदूरों-सफाईकर्मियों के लिए रहने की कोई अच्छी व्यवस्था नहीं की गयी है. उनको नाले के किनारे टेंट में रखा गया है. यहाँ तक कि उनको दस्ताने, जूते, मास्क तक नहीं दिये गये हैं. स्वास्थ सुविधाएँ भी उपलब्ध नहीं हैं कि तबियत खराब होने पर उचित इलाज हो सके.

सफाई कर्मचारियों को ठेकेदार द्वारा लाया गया है और उनको ये तक नहीं बताया गया है कि उनको कितने पैसे मिलेंगे. वो काम कर रहे हैं लेकिन इसका भुगतान उनको कब होगा पता नहीं. बहुत से सफाई कर्मचारियों को पिछले साल का पैसा अब तक नहीं दिया गया है.

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