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आइसा-लखनऊ के जिला सम्मेलन में बेरोज़गारी, शिक्षा के निजीकरण के खिलाफ संघर्ष का संकल्प

25 सदस्यीय जिला परिषद ने आदर्श शाही को जिला सचिव तथा प्राची मौर्य को जिलाध्यक्ष चुना

लखनऊ। ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा)-लखनऊ का 5वां जिला सम्मेलन 12 अक्टूबर को क़ैसरबाग़ स्थित गाँधी प्रेक्षागृह में आयोजित हुआ।

सम्मेलन के माध्यम से बढ़ती बेरोज़गारी, शिक्षा के निजीकरण, देश की परिसम्पत्तियों को बेचने, साम्प्रदायिकता आदि के खिलाफ संघर्ष करने का संकल्प लिया गया। किसानों पर हो रहे दमन का भी विरोध सम्मेलन ने किया। महिलाओं पर हो रही हिंसा-बलात्कार, सरकार द्वारा बलात्कारियों को दिए जा रहे सत्ता संरक्षण के खिलाफ भी सम्मेलन ने अपनी आवाज़ उठाई।

सम्मेलन में आगामी लक्ष्य के रूप में जिले भर में आइसा के विस्तार के लिए काम करने का निर्णय लिया गया। साथ ही बेरोज़गारी के खिलाफ एवं सम्मानजनक रोज़गार के लिए एक अभियान ‘यूपी मांगे रोज़गार’ को भी प्रदेश भर में संचालित करना का लक्ष्य रखा गया।

सम्मेलन दो सत्रों में आयोजित हुआ जिसके प्रथम सत्र को आइसा के राष्ट्रीय कार्यकारी महासचिव प्रसेनजीत, आइसा प्रदेश अध्यक्ष शैलेश पासवान, ऐपवा की प्रदेश संयुक्त सचिव मीना सिंह तथा भाकपा (माले) के जिला प्रभारी रमेश सिंह सेंगर ने सम्बोधित किया। पहले सत्र का संचालन आइसा के राष्ट्रीय परिषद सदस्य आयुष श्रीवास्तव ने किया।



सम्मेलन के दूसरे सांगठनिक सत्र में संगठन के पिछले कामकाज व वर्तमान राजनीतिक एवं सामाजिक परिस्थिति पर रिपोर्ट पढ़ी गयी जिसपर बहस हुई तथा कई सुझाव जोड़े गए। सम्मेलन के माध्यम से 25 सदस्यीय जिला परिषद ने कॉमरेड आदर्श शाही को जिला सचिव तथा कॉमरेड प्राची मौर्य को जिलाध्यक्ष चुना। अन्य पदाधिकारियों में चार उपाध्यक्ष सौम्या, शिवेंद्र, शाइस्ता व निखिल तथा तीन संयुक्त सचिव अदनान हामिद , तुषार सिंह व अंजली को चुना गया। आइसा के प्रदेश उपाध्यक्ष नितिन राज एवं राज्य कमेटी सदस्य सौम्या सहर ने पर्यवेक्षक की भूमिका निभाते हुए चुनाव सम्पन्न कराया।

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