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जेपी की जयंती पर देश में बढ़ती तानाशाही के खिलाफ पटना में मार्च

पटना। जयप्रकाश नारायण की जयंती पर देश में बढ़ते फासीवादी शासन व लखीमपुर खीरी जघन्य हत्याकांड के खिलाफ केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी की बर्खास्तगी की मांग को लेकर 11 अक्टूबर को अखिल भारतीय किसान महासभा और भाकपा-माले के संयुक्त बैनर से विरोध मार्च आयोजित किया गया. मार्च कारगिल चौक से आरंभ होकर जेपी गोलबंर पहुंचा और वहां पर एक सभा आयोजित की गई.


आज के कार्यक्रम का नेतृत्व मुख्य रूप से अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के बिहार-झारखंड प्रभारी राजाराम सिंह, काराकाट के विधायक व किसान महासभा के चर्चित नेता अरूण सिंह, किसान महासभा के वरिष्ठ नेता केडी यादव, किसान महासभा के राज्य सचिव रामाधार सिंह, प्रदेश अध्यक्ष विशेश्वर प्रसाद यादव, राजेन्द्र पटेल, शिवसागर शर्मा, कृपानारायण सिंह, उमेश सिंह, अविनाश पासवान, अलख नारायण चौधरी, शंभुनाथ मेहता, पटना जिला किसान संघर्ष समन्वय समिति के अध्यक्ष मनोहर लाल, भाकपा-माले के पटना महानगर सचिव अभ्युदय, एआईपीएफ के संयोजक कमलेश शर्मा, पन्नालाल, रेखा मेहता, अनय महता, बवन सिंह, सतेन्द्र कुमार, समता राय, आइसा के राज्य अध्यक्ष विकास यादव, दिव्यम, आइसा के पूर्व राज्य उपाध्यक्ष वतन कुमार आदि ने किया.


इन संगठनों से जुड़े सैंकड़ों की संख्या में कार्यकर्ताओं-किसानों ने किसानों की हत्यारी मोदी-योगी इस्तीफा दो, योगी-मोदी शर्म करो-किसानों की हत्या का जबाव दो, गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा को बर्खास्त करो और तीनों कृषि कानून वापस लो आदि नारे के साथ पोस्टर लिए कारगिल चौक पर एकजुट हुए थे. वहां पर एक छोटी सभा आयोजित की गई, नारे लगाए गए और उसके बाद प्रदर्शन जेपी गोलंबर की तरफ बढ़ चला.

जेपी की मूर्ति पर नेताओं ने बारी-बारी से माल्यार्पण किया और लखीमपुर खीरी में शहीद किसान नक्षत्र सिंह, लवप्रीत सिंह, गुरविन्दर सिंह, दलजीत सिंह और पत्रकार रमण कश्यप व अन्य शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई.



सभा को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय किसान महासभा के महासचिव राजाराम सिंह ने कहा कि जब-जब देश में तानाशाही का दौर आया है, देश की जनता ने लोकतंत्र का झंडा बुलंद किया है. लखीमपुर खीरी की घटना के खिलाफ आज पूरा देश खड़ा हो रहा है. देश के किसानों को बुलडोजर व जीप से रौंद देने की नीति नहीं चलेगी. गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा को तत्काल मंत्रीमंडल से बाहर किया जाए. उसके बेटे आशीष मिश्रा ने जो गुनाह किया है, उसके लिए देश की जनता कभी माफ नहीं करेगी. सरकार को तीनों कृषि कानून वापस लेने होंगे. हम हिदुस्तान की खेती को कॉरपोरेट के हाथों बिकने नहीं देंगे. देश की खेत-खेती किसानों की है, न कि बेईमानों की.

अन्य वक्ताओं ने 2022 के चुनाव में योगी सरकार और 2024 में तानाशाह मोदी सरकार को उखाड़ फेंकने और देश में लोकतंत्र, संविधान व खेत-खेती बचाने का आह्वान किया.

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