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पुलिस की पिटाई से घायल मुसहर
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गाजीपुर के जमानिया में खुले में शौच करने का आरोप लगा पुलिस ने मुसहरों को पीटा

गाजीपुर। कोरोना महामारी के चलते हुए देशव्यापी लाॅकडाउन में मेहनतकश वर्ग की मुसीबत को समझने और उसका हल निकालने के बजाय प्रशासनिक मशीनरी  उनका उत्पीड़न करने जुट गयी है। अपने घर-गांव को निकले प्रवासी मजदूरों को पीटने, सेनेटाइज्ड करने के नाम पर केमिकल से नहलवाने की घटना के बाद गाजीपुर जिले के जमानिया थान क्षे़त्र में गरीब मुसहरों को पुलिस द्वारा इसलिए पीटे जाने का मामला सामने आया है कि वे नहर किनारे खुले में शौच क्यों कर रहे है। मुसहरों को खुले में शौच जाने की मजबूरी इसलिए है क्योंकि कई गांवों में उनके लिए न तो व्यक्तिगत शौचालय हैं और न ही सामुदायिक शौचालय  है।

गाजीपुर जिले के जमानिया थाना के बरेसर गांव के पांच मुसहरों को 29 मार्च की रात पुलिस ने बुरी तरह पीटा। पुुलिस कर्मी मुसहरों को नहर किनारे खुले में शौच जाने का आरोप लगाते हुए पीट रहे थे। जब दो महिलाएं लड़कों को पिटाई से बचाने आयीं तो पुलिस की लाठी उन पर भी गिरी। पुलिस की पिटाई से 12 वर्षीय भगेलू, 14 वर्षीय सुजीत कुमार, 15 वर्षीय अनिल के अलावा बकुली और मिर्जा घायल हो गए। इसके पहले 27 मार्च की शाम को बड़ेसर गांव के पास स्थित बुरइन गांव के मुसहरों को पुलिस ने पीटा था। यहां पर पुलिस को मुसहरों के प्रतिरोध का भी सामना करना पड़ा था।

दोनों गांवों के मुसहरों के लिए शौचालय उपलब्ध नहीं है। सामुदायिक शौचालय का भी निर्माण नहीं हुआ है। खेतों में फसल लगी होने के कारण मुसहर मजबूरी में शौच के लिए नहर किनारे जा रहे हैं। उनकी मजबूरी समझे बिना पुलिस उन पर लाठी बरसा रही है।

भाकपा माले के जिला सचिव रामप्यारे राम ने इन दोनों घटनाओं की लिखित शिकायत गाजीपुर के डीएम से की है। उन्होंने घटना की जांच कराकर दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

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