समकालीन जनमत
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ख़बर

आइसा के प्रदेश अध्यक्ष मनीष कुमार के खिलाफ केस दर्ज करना अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला है : जसम

समकालीन जनमत
लखनऊ। जन संस्कृति मंच ने आल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन (आइसा) के प्रदेश अध्यक्ष मनीष कुमार के खिलाफ फेसबुक पर ऑपरेशन सिंदूर को लेकर सवाल पूछने
पुस्तक

‘निराला का कथा साहित्य’ पर आयोजित हुई परिचर्चा

समकालीन जनमत
पूजा   इलाहाबाद, जसम की जिला इकाई की श्रृंखला ‘किताब पर बातचीत’ के अंतर्गत दुर्गा सिंह की किताब ‘निराला का कथा साहित्य’  पर परिचर्चा 4
जनमत

फ़ायर और सीजफायर

समकालीन जनमत
भारत को कश्मीर मामले में किसी तीसरी ताक़त को हस्तक्षेप का मौका नहीं देना चाहिए भारत और पाकिस्तान के बीच तीन दिन तक चले सघन
स्मृति

भोजपुरी भाषा-साहित्य आंदोलन की जनपक्षीय आवाज थे डॉ. तैयब हुसैन ‘ पीड़ित ’

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डॉ. तैयब हुसैन ‘पीड़ित’ को जन संस्कृति मंच की श्रद्धांजलि  प्रसिद्ध प्रगतिशील-जनवादी कवि, आलोचक, कहानीकार, नाटककार, निबंधकार और संपादक डॉ. तैयब हुसैन पीड़ित आज हमारे
कविता

रानी कुमारी की कविताएँ मनुष्य की गरिमा के पक्ष में उठाये गए सवाल हैं

समकालीन जनमत
अरविंद पासवान रानी की कविताओं से होकर गुजरना, मानो आईना में अपना ही अक्स देखना है। कवयित्री कल्पना के उड़ान पर सवार नहीं होती, बल्कि
पुस्तक

सविता भार्गव के कविता संग्रह ‘थमी हुई बारिश में दोपहर’ की पुस्तक समीक्षा

समकालीन जनमत
पवन करण मैं चुप रहकर समय को चीख़ में बदल देती हूँ.. कवि सविता भार्गव अपने एकांत में निवास करती हैं। एकांत ही उनका प्रकाश
ख़बर

भारत-पाक के बीच एक और युद्ध नहीं होना चाहिए : दीपंकर भट्टाचार्य

समकालीन जनमत
लखनऊ, 10 मई। भारत-पाक दोनों परमाणु शक्ति संपन्न देश हैं। दोनों के बीच युद्ध नहीं होना चाहिए। आतंकवाद और आपसी तनाव का हल कूटनीतिक रास्ते
इतिहास

1857 : साझी शहादत साझी विरासत की जीवित दास्तान

समकालीन जनमत
शम्सुल इस्लाम    1857 की जंग-ए-आज़ादी में हिन्दू-मुस्लमान-सिख साझी क़ुर्बानियों की हैरत-अंगेज़ अनकही दास्तानें : साझी विरासत जिसका हिन्दुत्वादी टोली मालियामेट करने में लगी है
इतिहास

1857 : आजाद कानपुर का प्रशासन और अजीमुल्ला खां

समकालीन जनमत
आलोक कुमार श्रीवास्तव    1857 के स्वाधीनता संग्राम में ब्रिटिश सेना को पीछे धकेलने वाले नगर कानपुर के लोगों ने जून और जुलाई 1857 में
जनमत

पहलगाम आतंकी हमला और युद्ध उन्मादी हिन्दुत्व

जयप्रकाश नारायण  रूस यूक्रेन के बीच मे चल रहे युद्ध को लेकर भारत में गोदी मीडिया और आरएसएस प्रचार तंत्र में ऐसा वातावरण बनाया था
शख्सियत

अग्निपुष्प कभी मुरझाते नहीं

(समकालीन जनमत के संस्थापक संपादक और कर्मकर्ता कवि अग्निपुष्प अब जीवित स्मृति बन चुके हैं। उन्हें समर्पित की गई ये भावभीनी श्रद्धांजलियां हमें आग के
जनमत

आतंकवाद का अमानवीय चेहरा और युद्ध की चीख-पुकार

जयप्रकाश नारायण  पहलगाम की बैसरन घाटी में आतंकवादियों के कायराना हमले में 26 पर्यटकों की हत्या की पृष्ठभूमि में भारतीय उपमहाद्वीप में युद्ध के घने
कविता

मनोज मल्हार की कविताएँ अपने समय और परिवेश की गहन पड़ताल हैं।

देवेन्द्र कुमार चौधरी कोई कवि कितना महत्वपूर्ण होता है इस बात से पता चलता है कि वह अपने समय, अपने आसपास के जीवन और परिवेश
पुस्तक

श्रुति कुशवाहा के कविता संग्रह ‘सुख को भी दुःख होता है’ की पुस्तक समीक्षा

पवन करण इन दिनों मर्जियों का शासन है….. मेरा भोजन, मेरे कपड़े मेरी आस्था पर भारी है ….उनकी मर्जी कवि श्रुति कुशवाहा के कविता संग्रह
ख़बर

नेहा राठौर और माद्री काकोटी पर हुई एफ़आईआर के विरोध में सिविल सोसाइटी ने पुलिस आयुक्त को सौंपा ज्ञापन

समकालीन जनमत
लखनऊ। पहलगाम आतंकी हमले से सम्बंधित ट्वीट्स को लेकर लोकगायिका नेहा राठौर और लखनऊ विश्वविद्यालय की शिक्षिका माद्री काकोटी पर की गई एफ़आईआर के विषय में
ज़ेर-ए-बहस

हमें अपने विश्वविद्यालय में राजनीतिक कठपुतली नहीं चाहिए

shantam Nidhi
डॉ. माद्री काकोटी एक ऐसी शिक्षिका हैं जो अपने विद्यार्थियों के लिए पूरी निडरता के साथ खड़ी होती हैं। एक ऐसी नागरिक जो केवल अपने
ख़बर

डॉ. माद्री काकोटी के खिलाफ नोटिस व एफआईआर के विरोध में संयुक्त छात्र मोर्चा ने प्रदर्शन किया

लखनऊ। संयुक्त छात्र मोर्चा ने 29 अप्रैल को लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन के बाहर सहायक आचार्य डॉ. माद्री काकोटी के खिलाफ जारी कारण बताओ
साहित्य-संस्कृति

डॉ. मद्री काकोटी और नेहा सिंह राठौर के खिलाफ दमनात्मक कार्रवाई का विरोध करें-जन संस्कृति मंच 

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लखनऊ। जन संस्कृति मंच (जसम) ने लखनऊ विश्वविद्यालय की सहायक आचार्य डॉ. मद्री काकोटी के खिलाफ जारी किए गए कारण बताओ नोटिस और दर्ज की
स्मृति

कमलिनी दत्त का निधन भारतीय कला और सांस्कृतिक जगत के लिए अपूरणीय क्षति है

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कमलिनी दत्त को जन संस्कृति मंच की श्रद्धांजलि भारत की प्रसिद्ध टीवी प्रोड्यूसर, केंद्रीय दूरदर्शन आर्काइव की निदेशक, चर्चित नृत्य निर्देशक, भरत नाट्यम की कुशल
पुस्तक

ज्योति रीता के कविता संग्रह ‘अतिरिक्त दरवाज़ा’ की पुस्तक समीक्षा

समकालीन जनमत
पवन करण   स्त्रियों को तो बिगड़ना ही था, स्त्रियों ने बिगड़ने में बहुत वक्त़ लगा दिया.. स्त्री कितनी दूर तक होती है? खुद को
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