समकालीन जनमत

Category : पुस्तक

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भाषा सिंह के कविता संग्रह योनि-सत्ता संवाद की पुस्तक समीक्षा

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पवन करण मेरे आदमी नहीं हो तुम, मेरे आंसू नहीं ढलकते हैं तुम्हारे गालों पर…. भाषा सिंह की कविताएँ पढ़ने की प्रक्रिया में मन में...
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जुवि शर्मा की ‘अबोली की डायरी’ की पुस्तक समीक्षा

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गति उपाध्याय ‘अबोली की डायरी’ लेखिका ‘जुवि शर्मा’ की पहली किताब है। पहली किताब का अर्थ ‘कथेतर साहित्य’ में इनकी ‘पहली किताब’ से है। इसके...
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विपिन शर्मा की लप्रेक ‘तुम जिंदगी का नमक हो’ की पुस्तक समीक्षा

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कल्पना पन्त मामला इश्क का , राजनीति पार्टीशन की पर हमारा अमृतसर अभी नहीं आया.. तुम जिंदगी का नमक हो 2023 में पुस्तकनामा से प्रकाशित...
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प्रिया वर्मा के काव्य संग्रह ‘स्वप्न के बाहर पाँव’ की पुस्तक समीक्षा

समकालीन जनमत
पवन करण ●गिनती में रहने के लिए दुर्घटनाओं में शरीक़ होना क्यों है ज़रूरी? ●यह भी क्या मामूली सुख है, कि गए हुए की परछाईं...
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साधारण जन की कहानियां समेटे संग्रह

दुर्गा सिंह
  हरीश चन्द्र पाण्डे एक कवि के रूप में प्रतिष्ठित हैं। ‘कुछ भी मिथ्या नहीं है’, ‘एक बुरूंश कहीं खिलता है’, ‘भूमिकाएँ खत्म नहीं होतीं’,...
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परवर्ती मार्क्स की राहें

2025 में वर्सो से केविन बी एंडरसन की किताब ‘द लेट मार्क्स’ रेवोल्यूशनरी रोड्स: कोलोनियलिज्म, जेंडर, ऐंड इंडिजेनस कम्युनिज्म’ का प्रकाशन हुआ । मार्क्स ने...
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‘निराला का कथा साहित्य’ पर आयोजित हुई परिचर्चा

समकालीन जनमत
पूजा   इलाहाबाद, जसम की जिला इकाई की श्रृंखला ‘किताब पर बातचीत’ के अंतर्गत दुर्गा सिंह की किताब ‘निराला का कथा साहित्य’  पर परिचर्चा 4...
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सविता भार्गव के कविता संग्रह ‘थमी हुई बारिश में दोपहर’ की पुस्तक समीक्षा

समकालीन जनमत
पवन करण मैं चुप रहकर समय को चीख़ में बदल देती हूँ.. कवि सविता भार्गव अपने एकांत में निवास करती हैं। एकांत ही उनका प्रकाश...
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श्रुति कुशवाहा के कविता संग्रह ‘सुख को भी दुःख होता है’ की पुस्तक समीक्षा

पवन करण इन दिनों मर्जियों का शासन है….. मेरा भोजन, मेरे कपड़े मेरी आस्था पर भारी है ….उनकी मर्जी कवि श्रुति कुशवाहा के कविता संग्रह...
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ज्योति रीता के कविता संग्रह ‘अतिरिक्त दरवाज़ा’ की पुस्तक समीक्षा

समकालीन जनमत
पवन करण   स्त्रियों को तो बिगड़ना ही था, स्त्रियों ने बिगड़ने में बहुत वक्त़ लगा दिया.. स्त्री कितनी दूर तक होती है? खुद को...
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पिंजरे में बंद चीनी पूंजीवाद

गोपाल प्रधान
चीन के किसी भी सावधान पर्यवेक्षक से यह तथ्य छूट नहीं सकता कि वह इस समय आर्थिक महाशक्ति बनने की ओर अग्रसर है । साथ...
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संजीव कौशल के कविता संग्रह ‘फूल तारों के डाकिए हैं’ की पुस्तक समीक्षा

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पवन करण आदमी के अपराध औरत की भेंट चाहते हैं यह सबक वह पिट-पिटकर सीख रही है- संजीव कौशल की कविता की स्त्रियों से (...
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नस्ली पूंजीवाद का विरोध

गोपाल प्रधान
2023 में प्लूटो प्रेस से सलीम वाली और अनवर मोताला के संपादन में नेविल अलेक्जेंडर की किताब ‘ अगेंस्ट रेशियल कैपिटलिज्म : सेलेक्टेड राइटिंग्स ’...
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रूपम मिश्र के काव्य संग्रह ‘एक जीवन अलग से’ की समीक्षा

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पवन करण एक अभुआता समाज कायनात की सारी बुलबुलों की गर्दन मरोड़ रहा है….! रुपम मिश्र की कविताएँ हिंदी कविता की समृद्धि की सूचक हैं।...
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‘गीली मिट्टी पर पंजों के निशान’: विडंबनाओं को कविता की ताकत बनाता कवि

उमा राग
 कुमार मुकुल ‘गंगा सहला रही है मस्जिद को आहिस्ते आहिस्ते । सरकार ने अब वुजू के लिए साफ़ पानी की सप्लाई करवा दी है’ ‘एक...
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भारत का स्वाधीनता संग्राम और अमेरिका

गोपाल प्रधान
2014 में आक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस से सीमा सोही की किताब ‘इकोज आफ़ म्युटिनी: रेस, सर्विलान्स, ऐंड इंडियन एन्टीकोलोनियलिज्म इन नार्थ अमेरिका’ का प्रकाशन हुआ ।...
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बाल साहित्य पर संजीदा बातें

समकालीन जनमत
लाल्टू अच्छी बात यह है कि टाटा ट्रस्ट के पराग इनीशिएटिव द्वारा प्रकाशित इस किताब का नाम ‘…ऐन इंडियन स्टोरी ‘ रखा गया है, और...
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ज़ीरो माइल अयोध्या

अयोध्या, पिछले दिनों हुए लोकसभा के आम चुनाव के परिणाम आने के बाद, फिर से चर्चा में आ गया। पिछले सात दशकों से राष्ट्रीय स्वयंसेवक...
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स्त्री-पुरुष संबंध पर विमर्श का एक और आयाम

समकालीन जनमत
आलोक कुमार श्रीवास्तव   उपन्यास, साहित्य की एक प्रमुख विधा है। इसमें समय-समय पर नये-नये प्रयोग होते रहते हैं और इन प्रयोगों की विशेषताओं के...
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