समकालीन जनमत

Category : ज़ेर-ए-बहस

ज़ेर-ए-बहस

जंजीरों में जकड़े आजादी की धरती पर

समकालीन जनमत
( इसी बीच निर्वासितों के दो जत्थे, 119 और 157 लोगों के, और भी आ चुके हैं, वैसे ही हालात में और उसी हवाई अड्डे...
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आज का कुलीनतंत्र

समकालीन जनमत
अतानु बिस्वास (वैसे तो यह लेख ट्रम्प के चुनाव को लेकर है पर थोड़ा गौर से देखा जाय तो इसके  निहितार्थ की परिधि में भारत...
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जाति, जनगणना और सामाजिक न्याय : अंतरसंबंधों पर कुछ सवाल

राहुल यादुका
राहुल यादुका ये कहना गलत होगा कि हालिया जाति सर्वेक्षण के कारण बिहार या देश की राजनीति में जाति का सवाल फिर से मुख्यधारा में...
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बस्तर पर गहराता अँधेरा

समकालीन जनमत
शुभोमय सिकदार बीजापुर के 33 वर्षीय पत्रकार मुकेश चन्द्राकर की एक दशक की, घटनाओं से भरपूर शानदार पत्रकारिता को सलाम, पर यह भी सच है...
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समाज, महिलाएं और बिहार के जेलों में उनका जीवन संघर्ष

समकालीन जनमत
 पूजा कुमारी   ( यह लेख स्वतंत्र शोधार्थी पूजा कुमारी द्वारा बिहार की जेलों में महिलाओं की स्थिति पर किए गए शोध “ INCARCERATED GENDER...
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बायोपिक चमकीला- लोकभाषा पर एक विमर्श

समकालीन जनमत
रूपम मिश्र अभी इम्तियाज अली ने पंजाब के लोकगायक अमर सिंह चमकीला पर बायोपिक फ़िल्म बनायी। फ़िल्म में अमर सिंह चमकीला के कुछ गीतों को...
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चंदे का धंधा उर्फ हफ्ता-वसूली

समकालीन जनमत
हम एक लोकतांत्रिक देश में रहते हैं। हांलाकि यह कोई अलग से कहने की बात नहीं है परंतु अब वह दौर आ गया है जब...
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थैले से बाहर समान नागरिक संहिता का जिन्न

समकालीन जनमत
समान नागरिक संहिता के जिन्न का उत्तराखंडी संस्करण थैले से बाहर आ चुका है और उसके साथ ही सामने आ गयी है बन्द कमरों में...
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भुला ! क्या हमारे लोग वाकई इतने भोले हैं!

पुरुषोत्तम शर्मा
कल देर तक 24 दिसंबर को देहरादून में हुई “मूल निवास भू-कानून लागू करो” रैली में आए नेताओं और लोगों के वक्तव्य सोशल मीडिया पर...
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यूनिफ़ार्म सिविल कोड: मामला नीयत का है

समकालीन जनमत
जी.एन. देवी एक अनीश्वरवादी के लिए जो विचार ईश्वर का है, वही भारत के लिए यूनिफ़ार्म सिविल कोड के प्रस्ताव का है। स्वयं में यह...
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सामंती प्रतीकों से नहीं, लोकतांत्रिक संस्थाओं की मजबूती से मिलेगा सामाजिक न्याय को बल

Akhil Ranjan
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सीधी-पेशाब कांड के पीड़ित दशमत रावत का पैर धोकर सम्मान किया और मीडिया-सोशल मीडिया पर इस पॉलिटकल...

विपक्षी एकता की जटिलता-भारत की विविधता के संदर्भ में

जयप्रकाश नारायण  भारत में आरएसएस-भाजपा की  डबल इंजन सरकारों ने मुल्क को ऐसी जगह पहुंचा दिया है, जहां सभी लोकतांत्रिक, प्रगतिशील, धर्मनिरपेक्ष ताकतों की एकता...
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सेंगोल पर सी0एन0 अन्नादुरै के विचार : यह किसी तरह से शुभ नहीं है

( यह लेख ‘‘द इंडियन  एक्सप्रेस’’ से लिया गया है जिसे मूल तमिल से अंग्रेजी में वी0 गीता ने अनूदित किया है। समकालीन जनमत के...
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इतिहास, साम्प्रदायिकता, विभाजन और डॉ. अम्बेडकर

डॉ रामायन राम
यह एक सर्वमान्य विचार है, कि भारत में साम्प्रदायिकता ब्रिटिश उपनिवेशवाद की विभेदकारी नीतियों का परिणाम है। औपनिवेशिक काल में भारतीय जनता की एकता को...
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स्तंभकार के रूप में आरएसएस-भाजपा के नेता

समकालीन जनमत
अजाज़ अशरफ (वरिष्ठ पत्रकार अजाज़ अशरफ का यह लेख मिड डे में प्रकाशित हुआ है। समकालीन जनमत के पाठकों के लिए इसका हिंदी अनुवाद इन्द्रेश...
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‘ शूद्र राजनीति ‘ से अति पिछड़े और बहुजनों के बीच सत्ता का रास्ता बनाने की कोशिश में सपा

सुशील मानव
  समाजवादी पार्टी ने रोली मिश्रा और ऋचा सिंह को पार्टी ने निकाल दिया। रामचरित मानस के मसअले पर दोनों पार्टी लाइन से अलग जाकर...
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न्यू इंडिया में सुपरस्टार “पठान” और बायकॉट गैंग

जावेद अनीस
हिन्दुस्तान का सॉफ्ट पॉवर कहे जाने वाला हिंदी सिनेमा खुद सॉफ्ट टारगेट बन चुका है। कभी देवताओं की तरह पूजे जाने वाले उसके सितारे घृणा...
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हमारा समय और उसकी चुनौतियां

गोपाल प्रधान
समय एक प्रवाहमान धारा है फिर भी उसके अलग अलग खंड किये जाते हैं ताकि उसे पहचाना जा सके। इसके लिए उसकी विशेषता को लक्षित...
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नेताजी सुभाष चंद्र बोस और हिन्दूवादी दुष्प्रचार

जयप्रकाश नारायण बात 1984 के सितंबर की है। इंडियन पीपुल्स फ्रंट का दूसरा राष्ट्रीय सम्मेलन कोलकाता में होना तय हुआ था। सम्मेलन की तैयारी चल...
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गुजरात आम चुनाव और उत्तर प्रदेश के उपचुनावों के परिणाम के मायने

जयप्रकाश नारायण 
जयप्रकाश नारायण  7 दिसंबर को दिल्ली एमसीडी और 8 दिसंबर को गुजरात, हिमाचल  विधानसभा चुनाव सहित पांच राज्यों के उपचुनाव के परिणाम आए। समाचार माध्यमों...
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