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बस्तर में ईसाई समुदाय पर हिंसा पर एआईपीएफ ने रिपोर्ट जारी की, पुलिस महानिरीक्षक को ज्ञापन दिया

दुर्ग (छत्तीसगढ़)। आल इंडिया पीपुल्स फोरम, छत्तीसगढ़ ने बस्तर संभाग में ईसाई समुदाय के ऊपर हो रही हिंसा और प्रताड़ना की जांच कर दोषियों को सजा देने की मांग की है। एआईपीएफ ने इस संबंध में पुलिस महानिरीक्षक, बस्तर संभाग एक ज्ञापन भी दिया और ईसाई समुदाय पर हिंसा की घटनाओं पर एक रिपोर्ट जारी की।

ज्ञापन में कहा गया है कि इस समय पूरा देश कोविड -19 महामारी से जूझ रहा है जिसके कारण लाकडाउन तथा धारा 144 एवं सोशल डिस्टेंस जैसे कानून छत्तीसगढ़ प्रदेश सहित पूरे देश में लागू किये गये है। उपरोक्त आदेशों का पालन सभी नागरिकों के द्वारा किया जा रहा है। एक ओर सभी देशवासियों एवं राज्यवासियों के द्वारा कानून का सम्मान एवं पालन किया जा रहा है वहीं दूसरी ओर बस्तर संभाग के दंतेवाड़ा , सुकमा, बीजापुर, बस्तर व कोंडागांव जिलों में कानून का परवाह न करते हुए असामाजिक तत्वों ग्रामीणों को भड़काकर एवं भीड़ एकत्रित कर ईसाई धर्म को मानने वाले लोगों को धर्म के नाम पर प्रताड़ित किया जा रहा है।

पिछले 3 माह के भीतर ही उक्त जिलों में धर्म आधारित प्रताड़ना की कई घटनायें घटित हुई हैं तथा इन घटनाओं में पुलिस प्रशासन द्वारा कार्यवाही करने में कोताही बरती जा रही है। केवल खानापूर्ति कर आरोपियों के विरुद्ध कार्यवाही नहीं की जा रही है। जिसके कारण इस प्रकार के अपराधों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है तथा भविष्य में बढ़ोतरी होने की पूर्ण संभावना दिखाई दे रही है।

ज्ञापन में कहा गया है कि 30 मार्च से 30 जून के मध्य ग्राम मेटापाल थाना कटेकल्याण जिला दंतेवाड़ा / ग्राम दुधीरास थाना गाधीरास, जिला दंतेवाड़ा / ग्राम कुना, थाना कुकानार, जिला सुकमा / ग्राम मनिकोंडा, थाना एर्राबोर, जिला सुकमा / ग्राम बड़े बचेली, थाना बचेली, जिला दंतेवाड़ा / ग्राम कोटेलबेड़ा, पंचायत चिकडोंगरी, थाना व जिला कोंडागांव / ग्राम सालेपाल, थाना कोड़ेनार, जिला बस्तर / ग्राम एरमुर, थाना मारडूम, जिला बस्तर / ग्राम पंचायत कोकोरपाल, देवकूपली पारा, थाना व जिला सुकमा / ग्राम रानी बोदली, थाना कुटरू, जिला बीजापुर एवं ग्राम मोहनबेड़ा, पंचायत सिंगनपुर, थाना माकड़ी जिला कोंडागांव में ईसाई धर्म को मानने वालों पर हिंसा और प्रताड़ना की 11 गंभीर घटनाएं हुई हैं।

इन स्थानों में असामाजिक, साम्प्रदायिक तत्वों द्वारा योजनाबद्ध तरीके से लॉक डाउन एवं धारा 144 के लागू होने के समय जोर जबरदस्ती कर, मानसिक दबाव बनाते हुए 100 से 200 लोग के द्वारा जमा होकर मारपीठ करना, घरों को तोड़ने, सम्पति को लूटने, गांव से निकालने, पैसे लूटने, खेत जुताई-बुनाई से रोकने, जानवरों को बेचने और खाने जैसे आपराधिक कृत्य किये गये। जिससे कारण पूरे बस्तर संभाग के ईसाई समुदाय में डर और रोष फैला हुआ है।

उपरोक्त घटनाओं को लेकर थानों में और उच्च अधिकारियों को कार्यवाही करने के लिए पूरे घटनाओं की लिखित शिकायत करने के बाद भी अब तक कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गई। कई प्रताड़ित परिवार प्राण खोने के डर से अब तक इधर -उधर भटक रहे है। लॉकडाउन के कठिन समय में लोगों को कई दिक्कतों का भी सामना करना पड़ रहा है।

ईसाई समुदाय एवं नागरिक समाज के द्वारा ऊपर हुए हमलों को लेकर पुलिस महानिरीक्षक, बस्तर संभाग को लिखित पत्र देकर, दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने की मांग की गयी है। ज्ञापन पत्र की प्रतिलिपि पुलिस अधीक्षक बस्तर, दंतेवाड़ा, सुकमा, बीजापुर एवं कोंडागांव को भी भेजी गई है।

ज्ञापन देने वाले प्रतिनिधि मण्डल का नेतृत्व अधिवक्ता सोनसिंह झाली – संभागीय संयोजक, आल इंडिया पीपुल्स फोरम / अधिवक्ता प्रदीप सिंह – संभागीय सहसंयोजक, आल इंडिया पीपुल्स फोरम / पालनराम साहू – संभागीय संयोजक, एस.सी., एस.टी., ओ.बी.सी. एंड माइनॉरिटीज संयुक्त मोर्चा छत्तीसगढ़ / सोमनल बघेल – जनरल सेक्रेटरी, अंतराष्ट्रीय मानवाधिकार समिति, छत्तीसगढ़ इकाई / भूपेंद्र खोरा – संभागीय संयोजक, क्रिश्चियन अलाएन्स के द्वारा किया गया।

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